BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE 7

Published on 10 Mar 2013 ALL INDIA BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE HELD AT Dr.B. R. AMBEDKAR BHAVAN,DADAR,MUMBAI ON 2ND AND 3RD MARCH 2013. Mr.PALASH BISWAS (JOURNALIST -KOLKATA) DELIVERING HER SPEECH. http://www.youtube.com/watch?v=oLL-n6MrcoM http://youtu.be/oLL-n6MrcoM

Thursday, March 6, 2008

एटमी संधि पर लेफ्ट ने फिर बनाया दबाव

एटमी संधि पर लेफ्ट ने फिर बनाया दबाव
Mar 06, 05:47 pm

नई दिल्ली। कथित अमेरिकी दबाव में भारत अमेरिका परमाणु करार को मई तक अंतिम रूप देने के सरकार के प्रयासों को रोकने के इरादे से वामदलों ने 15 मार्च तक इस विषय पर गठित संप्रग वाम समिति की बैठक बुलाने की मांग की है।

माकपा महासचिव प्रकाश कारत ने विदेश मंत्री प्रणव मुखर्जी को लिखे पत्र में मध्य मार्च तक इस समिति की बैठक बुलाने को कहा है। इस समिति के सदस्यों में से एक भाकपा नेता डी राजा ने बृहस्पतिवार को कारत से भेंट की। समझा जाता है कि इस बैठक में इस बारे में चर्चा की गई कि वाम के विरोध के बावजूद सरकार अगर समझौते पर आगे बढ़ती है तो वामदल क्या रणनीति अपनाएंगे।

अमेरिका द्वारा इस करार से संबंधित 123 समझौते को मई तक अपनी कांग्रेस [संसद] में भेजने की समय सीमा तय कर देने से यह स्थिति उत्पन्न हुई है। ऐसे में एक ओर जहां सरकार इस पर आगे बढ़ने का प्रयास कर रही है वहीं वामदल उसे रोकना चाह रहे हैं। सरकार के लिए यह जरूरी है कि वह मार्च के अंत तक आईएईए से समझौते को अंतिम रूप दे दे, जिससे भारत परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह से अन्य देशों के साथ परमाणु व्यापार करने की अनुमति हासिल कर सके।

एक वरिष्ठ वाम नेता ने कहा कि अमेरिका ने सरकार पर समय सीमा लाद दी है। ऐसे में वामदल भी सरकार के लिए समय सीमा तय करेंगे। इस संदर्भ में संप्रग वाम की बैठक महत्वपूर्ण होगी। प्रधानमंत्री और कुछ अन्य वरिष्ठ मंत्रियों तथा अधिकारियों की ओर से परमाणु समझौते को अंजाम तक पहुंचाने के लिए आगे बढ़ने संबंधी बयानों के कारण सरकार को बाहर से समर्थन दे रहे वामदलों में बेचैनी बढ़ रही है और वे तस्वीर साफ करने के लिए शीघ्र बैठक की मांग कर रहे हैं।

संसद का बजट सत्र शुरू होने पर राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल द्वारा दोनों सदनों के संयुक्त अधिवेशन में दिए गए अभिभाषण में परमाणु समझौते की सफलता की संभावना व्यक्त की गई। उसके बाद संसद में ही विदेश मंत्री प्रणव मुखर्जी ने भी एक बयान में इस पर आगे बढ़ने का संकेत दिया।

तत्पश्चात प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कल संसद के दोनों सदनों में कहा कि सरकार अमेरिका के साथ परमाणु समझौते के संबंध में संभावित हद तक आम राय बनाने का प्रयास करेगी। सिंह ने तो पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को भीष्म-पितामह बताते हुए उनसे भी समझौते को समर्थन देने की अपील कर डाली। वामदलों का मानना है कि इस करार पर भाजपा के विरोध को कम करने के इरादे से प्रधानमंत्री ने यह पासा फेंका है।

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