BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE 7

Published on 10 Mar 2013 ALL INDIA BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE HELD AT Dr.B. R. AMBEDKAR BHAVAN,DADAR,MUMBAI ON 2ND AND 3RD MARCH 2013. Mr.PALASH BISWAS (JOURNALIST -KOLKATA) DELIVERING HER SPEECH. http://www.youtube.com/watch?v=oLL-n6MrcoM http://youtu.be/oLL-n6MrcoM

Wednesday, March 5, 2008

हमने किसानों का बोझ हटाया-मनमोहन

हमने किसानों का बोझ हटाया-मनमोहन
कहा- किसानों की बदहाली के लिए राजग जिम्मेदार

नई दिल्ली (वार्ता), बुधवार, 5 मार्च 2008( 15:40 IST )






प्रधानमंत्री मनमोहनसिंह ने पूर्ववर्ती राजग सरकार की नीतियों को किसान और कृषि विरोधी बताते हुए कहा है कि हमने कर्ज माफी की पहल कर उसके द्वारा किसानों पर डाले गए बोझ को समाप्त किया है।

डॉ. सिंह ने बुधवार को लोकसभा में विपक्ष विशेषकर भाजपा पर तीखे प्रहार करते हुए कहा कि जिन लोगों ने सत्ता में रहते हुए किसानों और कृषि क्षेत्र के लिए कुछ नहीं किया। उन्हें किसानों का हितैषी बनने का कोई अधिकार नहीं है।

राष्ट्रपति अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब देते हुए प्रधानमंत्री ने किसानों की कर्ज माफी की घोषणा को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि किसानों को नया ऋण मिलने का रास्ता खुलेगा तथा पूरे कृषि क्षेत्र में नया उत्साह आएगा।

प्रधानमंत्री के तीखे प्रहारों से तिलमिलाए विपक्ष ने इस दौरान कई बार टोका-टोकी की। डॉ. सिंह ने आँकड़े देते हुए कहा- राजग सरकार के पाँच वर्ष के शासन दौरान गेहूँ के समर्थन मूल्य में सिर्फ 50 रुपए प्रति क्विंटल की वृद्धि की गई, जो मात्र 8.6 प्रतिशत है, जबकि संप्रग सरकार ने पिछले चार वर्ष में 370 रुपए रुपए की बढ़ोतरी की, जो 56 प्रतिशत है। इसी तरह धान का समर्थन मूल्य पिछली सरकार के समय कुल 12 प्रतिशत बढ़ाया गया, जबकि हमारी सरकार ने अब तक इसमें 33 प्रतिशत की बढ़ोतरी की है।

प्रधानमंत्री ने किसानों की खस्ता हालत के लिए राजग सरकार को दोषी ठहराते हुए कहा कि 1980-81 से 1996-97 के दौरान कृषि विकास दर 3.5 प्रतिशत थी, लेकिन 1996-97 से 2003-04 के बीच राजग सरकार के कार्यकाल के दौरान यह घटकर 2.3 प्रतिशत रह गई। इन वर्षों में कृषि क्षेत्र में निवेश में भी कमी आई।

उन्होंने कहा कि हमारी सरकार के सत्ता में आने के समय कृषि की हालत बहुत खराब थी, जिसमें हमने नई जान डालने की कोशिश की है।

इसका असर यह हुआ कि वर्षों के बाद पिछले वर्ष कृषि वृद्धि दर चार प्रतिशत पर पहुँची। समावेशी विकास के लिए किसानों और कृषि क्षेत्र की स्थिति में सुधार को आवश्यक बताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि किसानों के समृद्ध होने से ही देश समृद्ध होगा।

विपक्ष की टोका-टोकी के बीच उन्होंने कहा कि किसानों और कृषि क्षेत्र की अनदेखी करने तथा अतिरिक्त खाद्यान्न भंडार का निर्यात करने वालों को सरकार की कृषि और किसान नीति पर अँगुली उठाने का कोई अधिकार नहीं है।

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