हौसले की उम्र 101 साल...
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आमतौर पर देखा जाता है कि सौ वर्ष की उम्र तक पहुँचते-पहुँचते लोग चलने-फिरने के भी काबिल नहीं रह जाते, लेकिन यदि जोश और हौसला हो तो चलने-फिरने की बात तो क्या, आदमी मैराथन में भी दौड़ सकता है।
एक सौ एक वर्ष के बस्टर मार्टिन की आँखें लंदन में होने वाली 26 मील की मैराथन दौड़ पर टिकी हैं। अगर वह इस दौड़ में शामिल होते हैं तो विश्व के ऐसे सबसे उम्रदराज धावक होंगे जो युवा धावकों को चुनौती देंगे।
पिछले रविवार को मार्टिन ने ग्रेटर लंदन के एसेक्स इलाके में पाँच घंटे 13 मिनट में रोडिंग वेली हॉफ मैराथन पूरा किया। मार्टिन ने इस दौड़ को पूरा कर तुरंत बीयर पीने की फरमाइश की।
मार्टिन ने तीन साल पहले नलसाज का काम शुरू किया था क्योंकि वह जिंदगी की एकरसता से ऊबने लगे थे, 'पिमलिको प्लंबर्स' उनकी कंपनी का नाम है, जहाँ वह काम करते हैं।
सौ वर्ष में चुस्त-दुरुस्त : 'पिमलिको प्लंबर्स' के निदेशक चार्ली मुलिंस ने कहा कि उन्होंने जब सोमवार को मार्टिन को काम करते देखा तो वे स्तब्ध रह गए। मार्टिन समय पर काम करने पहुँच गए थे। वह सचमुच लाजवाब हैं।
मार्टिन के प्रशिक्षक मैराथन के उत्साही हरमिंदरसिंह हैं जिन्होंने 96 वर्ष के फौजासिंह को 90 वर्ष से ज्यादा उम्र वर्ग में लंदन मैराथन दौड़ का रिकॉर्ड तोड़ने में सहायता दी थी। मार्टिन रॉक बैंड 'द जिमर्स' के सदस्य रह चुके हैं।
लंदन में रहने वाले मार्टिन पिछले साल तब सुर्खियों में थे, जब उन्होंने पुरुषों की एक पत्रिका में युवा वर्ग को सलाह-मशविरा देने के एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किए थे।
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