सेंसेक्स में छठी सबसे बड़ी गिरावट
मुंबई (वार्ता), गुरूवार, 13 मार्च 2008( 17:31 IST )
विश्व भर के शेयर बाजारों की मंदी और देश में अर्थव्यवस्था की रफ्तार के धीमा पड़ने की आशंका के बीच बम्बई शेयर बाजार (बीएसई) तथा नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) औंधे मुँह नीचे आए। बीएसई का सेंसेक्स अपने इतिहास की छठी बड़ी गिरावट 771 से करीब साढ़े सात माह के न्यूनतम स्तर पर बंद हुआ। निफ्टी 248 अंक का गोता लगाकर करीब तीन महीने के निचले स्तर पर आ गया।
सत्र की शुरुआत से बाजारों में बिकवाली का दबाव था। अमेरिका के शेयर बाजारों में गत दिवस की मंदी के साथ एशिया के शेयर बाजार भी आज दिनभर मंदी की चपेट में रहे। इससे यहाँ के शेयर बाजार भी अछूते नहीं रहे।
देश का औद्योगिक उत्पादन का सूचकांक की रफ्तार जनवरी में पिछले साल की इसी माह की तुलना में आधे से भी कम रहेगी। वहीं जेपी मोरगन का मानना है कि उद्योग और सेवा क्षेत्र की स्थिति को देखते हुए 2008-09 में भारतीय अर्थव्यवस्था के सात प्रतिशत की दर से ही बढ़ने का अनुमान है। पहले इसने साढ़े सात प्रतिशत की उम्मीद जताई थी।
सेंसेक्स सत्र के शुरू में कल के 16127.98 अंक की तुलना में ढाई सौ अंक नीचे 15873.28 अंक पर खुला और पूरे सत्र में इससे ऊपर नहीं जा सका। कारोबार के दौरान नीचे में 15228.99 अंक तक लुढ़कने के बाद कुल 770.63 अंक अर्थात 4.78 प्रतिशत की गिरावट से 15357.35 अंक रह गया। सूचकांक का यह स्तर पिछले साल 31 अगस्त के 15318.60 अंक के बाद का न्यूनतम है। पिछले साल 31 अगस्त को सेंसेक्स ने 893.73 अंक अर्थात 6.2 प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ 15318.60 पर बंद हुआ था।
निफ्टी 4868.70 अंक पर नीचा खुला और 4580.15 अंक तक टूटने के बाद कुल 248.40 अंक अर्थात 5.10 प्रतिशत के गोते के साथ 4623.60 अंक पर बंद हुआ। निफ्टी का यह स्तर 18 दिसम्बर 2007 के बाद का सबसे कम है।
बीएसई में लगभग सभी वर्गों के सूचकांक औंधे मुँह गिरे। धातु सूचकांक ने 1314.95 अंक की डुबकी लगाई तो रियलटी 965.33 अंक गिरा। इंजीनियरिंग सूचकांक 792.22 अंक, ऑयल एंड गैस 620.12 और बैंकेक्स 478.05 अंक गिरे। आईटी 160.50 अंक टूटा।
मझौली और लघु कंपनियों के शेयर भी बिकवाली की मार से दबे रहे। इनमें क्रमश: 382.18 तथा 456.74 अंक का नुकसान हुआ। इसके चलते बीएसई की स्थिति खासी पतली रही। कुल 2707 कंपनियों के शेयरों में कामकाज हुआ और इसमें से 86 प्रतिशत अर्थात 2328 के शेयर नीचे आए, जबकि 12.93 प्रतिशत अर्थात 350 में बढ़त और 29 में स्थिरता थी। सेंसेक्स की तीस कंपनियों में केवल एफएमसीजी कंपनी हिन्दुस्तान यूनीलीवर का शेयर केवल पाँच पैसे की बढ़त पाने में सफल रहा।
एशियाई बाजारों में हाँगकाँग का हैंगसैंग पाँच प्रतिशत, चीन का शंघाई कम्पोजिट 2.4 प्रतिशत, जापान का निक्केई 3.3 प्रतिशत टूटे। ऑस्ट्रेलिया का शेयर बाजार दो प्रतिशत से अधिक गिरा तो यूरोप के शेयर बाजार भी नीचे खुले हैं।
रियलटी कंपनी डीएलएफ का शेयर सेंसेक्स का सबसे नुकसान वाला शेयर था। इसने 606.75 रुपए पर 14.87 प्रतिशत अर्थात 105.95 रुपए की डुबकी लगाई। रिलायंस एनर्जी का शेयर 9.87 प्रतिशत अर्थात 131.05 रुपए लुढ़ककर 1200 रुपए से नीचे 1197.25 रुपए पर बंद हुआ।
सर्वाधिक भारांक वाले रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयर में 2241.65 रुपए पर 5.66 प्रतिशत अर्थात 134.55 रुपए निकले। भेल का शेयर 1882.80 रुपए पर 6.63 प्रतिशत अर्थात 133.70 रुपए निकल गया।
टाटा स्टील, रिलायंस कम्युनीकेशंस, विप्रो, एसबीआई, टीसीएस, एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, एलएंडडटी, एनटीपीसी, सत्यम कंप्यूटर, भारती एयरटेल, टाटा मोटर्स, इन्फोसिस टेक्नोलोजी, एसीसी और महिन्द्रा एंड महिन्द्रा के शेयरों में तीन प्रतिशत से लेकर नौ प्रतिशत की गिरावट आई।
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