सांस्कृतिक नरसंहार जारी-दलाई लामा
कहा- तिब्बतियों को बलि का बकरा बनाया
धर्मशाला (भाषा), रविवार, 16 मार्च 2008( 17:30 IST )
तिब्बत के आध्यात्मिक नेता दलाई लामा ने कहा कि चीनी अधिकारियों ने तिब्बती लोगों को बलि का बकरा बनाया है।
दलाई लामा ने कहा कि तिब्बत में सांस्कृतिक नरसंहार जारी है। हम स्वतंत्रता नहीं वास्तविक स्वायत्तता चाहते हैं। उन्होंने वर्ष 2008 में बीजिंग में होने जा रहे ओलिंपिक खेलों का समर्थन किया, लेकिन कहा कि चीन को तिब्बत में हो रहे मानवाधिकारों के उल्लंघन की याद दिलाना अंतरराष्ट्रीय समुदाय की नैतिक जिम्मेदारी है।
उन्होंने कहा कि चीन को स्थिति पर गंभीरता से गौर करना चाहिए। उन्होंने कहा कि तिब्बत में जो कुछ हो रहा है उसकी अंतरराष्ट्रीय जाँच कराई जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि चीन शांति की स्थापना के लिए बल प्रयोग कर रहा है।
लामा ने कहा कि चीन ने तिब्बत में मठों में राजनीतिक शिक्षा लागू कर दी है, जिसे वहाँ अध्ययनरत तिब्बती बौद्ध भिक्षु पसंद नहीं करते। गौरतलब है कि तिब्बत मुद्दे पर बीजिंग के कठोर रुख के कारण फरवरी 2006 से दलाई लामा के दूतों और चीन के बीच बातचीत में समस्या आ रही है।
दलाई लामा ने आज अपने देशवासियों की शांति और सुरक्षा के लिए मैक्लाडगंज स्थित तिब्बतियों के प्रमुख मंदिर सुंगलान खानांग में प्रार्थना भी की, जिस समय दलाई लामा प्रार्थना कर रहे थे उस समय बड़ी संख्या में तिब्बती मंदिर के बाहर धरने पर बैठे थे। ये लोग ल्हासा में जारी स्वतंत्रता समर्थक प्रदर्शनकारियों का समर्थन कर रहे थे।
हजारों तिब्बतियों ने आज चीन विरोधी नारे लगाते हुए मैक्लाडगंज से धर्मशाला तक जुलूस भी निकाला। तिब्बत में चीन विरोधी प्रदर्शनों और हिंसा में दस व्यक्तियों की जान जा चुकी है।
उधर बीजिंग से मिली एक खबर के अनुसार तिब्बत के चीन समर्थक आध्यात्मिक नेता 11वें पंचेन लामा ने ल्हासा में हो रही हिंसा को दंगा बताया और कहा कि मुट्ठी भर लोगों की विध्वंसक कार्रवाई ने अहिंसा को मानने वाले बौद्धों के लिए समस्या उत्पन्न कर दी है।
पिछले माह 18 साल के हो चुके ग्यैनसाइन नोरबू ने कहा कि दंगाइयों ने जो कुछ किया उससे देश और लोगों के हितों को नुकसान तथा बौद्धधर्म के उद्देश्य का उल्लंघन भी हुआ है।
तिब्बती बौद्धों में दूसरी सर्वोच्च हस्ती माने जाने वाले पंचेन लामा के तौर पर आधिकारिक मान्यता प्राप्त नोरबू ने कहा हम देश को बाँटने वाली तथा मूलनिवासी एकता को नुकसान पहुँचाने वाली हर गतिविधि का विरोध करते हैं। मुट्ठी भर लोगों की जान माल को नुकसान पहुँचाने वाली कार्रवाई की हम कड़े शब्दों में निंदा करते हैं।
चीन सरकार और दलाई लामा ने 1995 में दसवें पंचेन लामा के अलग-अलग अवतार चुने थे। 11वें पंचेन लामा के तौर पर दलाई लामा की पसंद गेदुन छोइकी न्यीमा थे। 1995 में छह साल की उम्र से ही लापता हुए न्यीमा के बारे में समझा जाता है कि वह नजरबंद हैं।
बीजिंग समर्थक पंचेन लामा कभी-कभार बीजिंग में नजर आते हैं। उन्होंने हाल ही में कहा था कि ल्हासा की सुरक्षा एवं स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए सत्तारूढ़ चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के तथा सरकार के प्रयासों का वह समर्थन करते हैं।
इस बीच तोक्यो से मिली खबर में कहा गया है कि जापान में रह रहे निर्वासित तिब्बतियों ने तिब्बत में हो रहे दमन के विरोध में चीन पर दबाव बनाने के लिए आज वैकल्पिक ओलिंपिक मशाल प्रज्ज्वलित की। बीजिंग में अगस्त में ओलंपिक खेलों का आयोजन होगा।
तिब्बत आजाद करो : तोक्यो के योयोगी पार्क में करीब 100 निर्वासितों और उनके समर्थकों ने तिबेतन ओलिंपिक्स मशाल लेकर दौड़ लगाई। उनके हाथों में ध्वज थे। ये लोग 'तिब्बत को आजाद करो' और 'चीन तिब्बत से बाहर जाओ' जैसे नारे लगा रहे थे।
जापान में रह रहे एक निर्वासित रिनचेन ने कहा कि हम चीन से सवाल पूछ रहे हैं। चीन में मानवाधिकारों का इतना उल्लंघन हो रहा है, लेकिन क्या वह ओलिंपिक आयोजित करेंगे। यह आयोजन शांति के लिए है।
सिडनी में प्रदर्शन : एक तिब्बती समूह तिबेतन कम्युनिटी ऑफ ऑस्ट्रेलिया के तेनजिन गादेन ने कहा कि तिब्बत में हो रही हिंसा और वहाँ रह रहे परिजनों की चिंता की परिणति सिडनी में चीनी वाणिज्य दूतावास के सामने हिंसक प्रदर्शन के रूप में हो गई।
उधर सिडनी से एक खबर में कहा गया है कि ऑस्ट्रेलिया में रह रहे तिब्बतियों ने चीनी वाणिज्य दूतावास के बाहर हुए हिंसक विरोध के लिए आज माफी माँगी जिसमें एक व्यक्ति पर पुलिस पर हमला करने का आरोप लगा है।
इस बीच छेंगदू से मिली खबर के अनुसार दो विदेशी पर्यटकों ने ल्हासा से विमान द्वारा अन्यत्र रवाना होते समय आज कहा कि तिब्बत की राजधानी में चीनी बलों की कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बावजूद गोलीबारी की आवाज सुनी जा सकती है। पूर्व अमेरिकी मरीज गेरल्ड फ्लिंट ने छेंगदू हवाई अड्डे पर कहा कि मैंने खुद गोलियों की आवाजें सुनी हैं। हर ओर सेना दिखाई दे रही है।
अभिभावकों के साथ शुक्रवार को ल्हासा पहुँची 19 वर्षीय अमेरिकी छात्रा चेल्सिया काकेट ने कहा कि उसने कल और शुक्रवार को गोली चलने की आवाजें सुनी। उसने बताया कि सुरक्षा बलों ने उन लोगों को शहर के बाहर एक होटल पहुँचा दिया और फिर बाहर निकलने से मना कर दिया।
दूसरी ओर नेपाल चीन सीमा पर स्थित लिपांग गाँव से एक खबर में कहा गया है कि चीन ने तिब्बत समर्थक समूहों के विरोध पर नजर रखने के लिए पड़ोसी नेपाल में सुरक्षा बल तैनात कर दिए हैं।
नेपाली सीमा के तिब्बत से लगने वाले हिस्से में सादे कपड़ों में चीनी अधिकारियों को कल देखा जा सकता था। नेपाली सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम जाहिर न करते हुए बताया ल्हासा में हालात देखते हुए नेपाली हिस्से में सादे कपड़ों में चीनी पुलिस तैनात कर दी गई है।
सौ लोगों की मौत : एक अन्य खबर के अनुसार दलाई लामा ने बीबीसी से बातचीत में कहा कि तिब्बत में हुई हिंसा में मरने वालों की संख्या करीब 100 हो सकती है और अगर बीजिंग ने चीनी नियंत्रित हिमालयी क्षेत्र तिब्बत के प्रति अपनी नीतियाँ नहीं बदलीं तो यह आँकड़ा और बढ़ सकता है।
उन्होंने कहा कि शुक्रवार को ल्हासा में हुए प्रदर्शन को लेकर उन्हें गहरी चिंता हो रही है। आधिकारिक चीनी मीडिया के अनुसार तिब्बत में हुआ यह विरोध प्रदर्शन पिछले दो दशक में हुआ सबसे तीव्र प्रदर्शन है।
ओलिंपिक का समर्थन : दलाई लामा ने आठ अगस्त से 24 अगस्त तक बीजिंग में होने जा रहे ओलंपिक खेलों के आयोजन का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि ये खेल चीनी नागरिकों को स्वतंत्रता के सिद्धांतों के प्रति अपना समर्थन जताने का अवसर हैं।
तिब्बत में हो रहे नवीनतम विरोध प्रदर्शनों से बीजिंग में ओलंपिक आयोजन पर खतरा उत्पन्न हो गया है क्योंकि पश्चिमी जगत चीन में मानवाधिकारों की स्थिति को लेकर चिंता जाहिर कर चुका है। अमेरिकी विदेशमंत्री कोंडोलीजा राइस ने कल चीन से अपील की थी कि वह प्रदर्शनकारियों से निपटने में संयम बरते।
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