BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE 7

Published on 10 Mar 2013 ALL INDIA BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE HELD AT Dr.B. R. AMBEDKAR BHAVAN,DADAR,MUMBAI ON 2ND AND 3RD MARCH 2013. Mr.PALASH BISWAS (JOURNALIST -KOLKATA) DELIVERING HER SPEECH. http://www.youtube.com/watch?v=oLL-n6MrcoM http://youtu.be/oLL-n6MrcoM

Thursday, May 2, 2013

अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस पर मजदूरों ने भरी हुँकार

अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस पर मजदूरों ने भरी हुँकार

1 मई, अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस के अवसर पर देश भर में मजदूरों ने कार्यक्रम कर इस त्योहार को मनाया। दिल्ली में भी कई कार्यक्रम आयोजित किये गये।

इंकलाबी मजदूर केन्द्र और गरम रोला मजदूर एकता समिति ने संयुक्त कार्यक्रम के तहत वजीरपुर औद्योगिक क्षेत्र में एक जुलूस निकला। सुबह 9 बजे से ही मजदूर A ब्लॉक के श्री राम चौक में एकत्रित होना शुरू हो गये। श्री राम चौक से जुलूस शुरू हुआ और A ब्लॉक, उधम सिंह पार्क, शहीद सुखदेव नगर मजदूर बस्ती होते हुये, B -C ब्लॉक, शहीद चन्द्रशेखर नगर मजदूर बस्ती समेत पूरे वजीरपुर औधोगिक क्षेत्र में  जुलूस निकला। जुलूस में इंकलाबी मजदूर केन्द्र और गरम रोला मजदूर एकता समिति, प्रोग्रेसिव मेडिकोज फोरमक्रान्तिकारी लोक अधिकार संगठनप्रगतिशील महिला एकता केन्द्र के सदस्यों व कार्यकर्तों, सामाजिक कार्यकर्तों, छात्रों व अन्य संगठनों समेत सैकड़ो मजदूरों शामिल हुये। जुलुस में मई दिवस के शहीदों को लाल सलाम, दुनिया के मजदूरों एक होइंकलाब जिन्दाबादमजदूर एकता जिन्दाबादश्रम कानूनों को लागू करनेमारुति सुजुकी के मजदूरों के संघर्ष जिन्दाबाद, मजदूर आन्दोलनों पर पुलिस दमन के खिलाफ गगन भेदी नारे लगाये गये। जुलूस पूरे क्षेत्र में घूम कर बी-ब्लॉक के राजा पार्क में समाप्त हुआ जहाँ पर एक सभा की गयी। इंकलाबी मजदूर केन्द्र और गरम रोला मजदूर एकता समिति ने जुलूस व सभा में उपस्थित सभी मजदूरों व अन्य लोगो का क्रान्तिकारी अभिवादन किया।  सभा में प्रोग्रेसिव मेडिकोज फोरम द्वारा मारुति सुजुकी के मजदूरों की एकता, संघर्ष, मारुति सुजुकी के प्रबन्धकों के शोषण, मारुति सुजुकी के मजदूरों की एकता व संघर्ष को कुचलने के लिये  प्रबन्धककों – शासन – प्रशासन – पुलिस के गठजोड़ और मजदूरों का दमन,  मजदूरों के हालत और उनकी एकता व  संघर्ष पर एक नाटक दिखाया। जिसे सभी मजदूरों व अन्य लोगो ने बहुत पसन्द किया। सभा को सभी संगठनों के अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस पर मजदूरों ने भरी हुँकार प्रतिनिधियों व सामाजिक कार्यकर्ताओं समेत अन्य लोगों ने सम्बोधित किया। सभा के अन्त में इंकलाबी मजदूर केन्द्र और गरम रोला मजदूर एकता समिति ने सभी मजदूरों व संगठनों व सामाजिक कार्यकर्ताओं के साथ मई दिवस के अमर शहीदों की क्रान्तिकारी विरासत को आगे बढ़ाने का संकल्प किया।

करावल नगर में भी मज़दूरों की एक विशाल रैली का आयोजन किया गया।करावलनगर मज़दूर यूनियन और स्त्री मज़दूर संगठन के संयुक्त बैनर तले बुधवार को हुयी इस 'मज़दूर अधिकार रैली' में इस इलाके के अलग-अलग पेशे से जुड़े सैकड़ों मज़दूर शामिल हुये। करावलनगर के लेबर चौक से शुरू हुयी इस 'मज़दूर अधिकार रैली'   में 'मई दिवस के शहीद-अमर रहें, मेहनतकश जब भी जागा-इतिहास ने करवट बदली है', दुनिया के मज़दूरों एक हो' जैसे नारों की गूँज पूरे इलाके में सुनाई दे रही थी। मज़दूर अधिकार रैली इलाके की मुख्य सड़क से होती हुयी विधायक के कार्यालय पहुँची। विधायक के कार्यालय के बाहर ही सभी बैठ गये और वहाँ मज़दूरों के प्रतिनिधियों द्वारा मज़दूरों का माँगपत्रक पढ़ा गया और फिर इन मज़दूर प्रतिनिधियों ने विधायक को मज़दूरों द्वारा हस्ताक्षरित बुनियादी हक़-अधिकारों का एक माँगपत्रक सौंपा।

करावलनगर मज़दूर यूनियन के सचिव नवीन ने बताया कि 2011 से चल रहे 'मज़दूर माँगपत्रक आन्दोलन' के तहत इस बार 'मज़दूर अधिकार रैली' के माध्यम से हम मज़दूरों के क़ानूनी हक़-अधिकारों का एक माँगपत्रक इस इलाके के विधायक को इस चेतावनी के साथ दे रहे हैं कि अगर वे वास्तव में हमारे प्रतिनिधि हैं तो उन्हें हमारी इन न्यायसंगत माँगों पर विचार करना ही होगा। उन्होंने कहा कि एक निश्चित समय सीमा के अन्दर वे इस इलाके में सरकार द्वारा घोषित सभी श्रम क़ानूनों को लागू करवाना सुनिश्चित करें। यदि ऐसा नहीं होता तो हमारा माँग-पत्रक आन्दोलन पूरे क्षेत्र में और अधिक जुझारू और व्यापक रूप से फैलेगा।

 

अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस के अवसर पर 'मज़दूर अधिकार रैली'

अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस के अवसर पर 'मज़दूर अधिकार रैली'

विधायक के कार्यालय के बाहर ही सभा में करावलनगर मज़दूर यूनियन की सांस्कृतिक टोली द्वारा मज़दूर अधिकारों से जुड़े क्रान्तिकारी गीतों की प्रस्तुति भी की गयी। सभा में एक मज़दूर महिला इन्दु ने बात रखते हुये कहा कि सरकार मज़दूरों से जुड़े श्रम-क़ानूनों और सुविधाओं का अखबारों में प्रचार तो काफी करवाती है लेकिन इन क़ानूनों और सुविधाओं का व्यवहार में कोई मतलब नहीं है। उन्होंने कहा कि हम करावल नगर के विभिन्न पेशे के मज़दूरों ने ठान लिया है कि हम इन बुनियादी अधिकारों को हासिल किये बिना चुप नहीं बैठेंगे। 127 वर्ष पहले अमेरिका के शिकागो शहर के मज़दूरों ने इंसान की तरह जीने के हक़ के लिये एक जंग छेड़ी थी। उनका नारा था 'आठ घण्टे काम, आठ घण्टे आराम, आठ घण्टे मनोरंजन'। 1 मई के दिन ही यहाँ के सभी मज़दूरों ने इस संघर्ष की शुरुआत की थी। आगे चलकर आठ घण्टे कार्यदिवस की माँग पूरी दुनिया के मज़दूरों की माँग बन गयी। और अन्ततः मज़दूरों ने यह माँग जीत ली।

स्त्री मज़दूर संगठन की संयोजक शिवानी ने इस सभा में मज़दूरों को मई दिवस के इतिहास से परिचित कराते हुये बताया कि मई दिवस के संघर्ष के बदौलत ही एक समय सभी देशों में पूँजीपतियों की सरकारों को कम-से-कम कानूनी तौर पर आठ घण्टे का कार्यदिवस देने को मज़बूर होना पड़ा। लेकिन आज पूरी दुनिया में मज़दूरों से यह हक़ छीना जा चुका है। स्वयं हमारे देश में यह आठ घण्टे कार्यदिवस का कानून किताबों में सड़ रहा है और मज़दूर कारखानों में 12 से 14 घण्टों तक खटते हैं। उन्होंने कहा कि 'मज़दूर अधिकार रैली' करावलनगर के मज़दूरों के हक़-अधिकारों के संघर्ष की शुरुआत है।

 

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