BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE 7

Published on 10 Mar 2013 ALL INDIA BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE HELD AT Dr.B. R. AMBEDKAR BHAVAN,DADAR,MUMBAI ON 2ND AND 3RD MARCH 2013. Mr.PALASH BISWAS (JOURNALIST -KOLKATA) DELIVERING HER SPEECH. http://www.youtube.com/watch?v=oLL-n6MrcoM http://youtu.be/oLL-n6MrcoM

Wednesday, May 22, 2013

नक्सलियों के नाम पर निर्दोष ग्रामीणों की हत्या

नक्सलियों के नाम पर निर्दोष ग्रामीणों की हत्या


गांव के लोग बीज पंडूम त्योहार मना रहे थे, तभी वहां पुलिसवालों ने धावा बोल दिया और बिना कुछ कहे लोगों पर ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी. गोलीबारी में मरने के भय से कुछ लोग जमीन पर लेट गए और 22 लोग गांव छोड़कर भाग गए, जिनका अब तक कोई सुराग नहीं है. . .

संजय स्वदेश


अठारह मई की शाम छत्तीसगढ़ के एक छोर पर मुख्यमंत्री रमन सिंह के गढ़ राजनांदगांव में गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी प्रदेश की विकास गाथा का गुणगान कर रहे थे.  केंद्र की यूपीए सरकार को कोस रहे थे.  कह रहे थे कि छत्तीसगढ़ में विकास की रफ्तार देख कर लगता है कि यह प्रदेश गुजरात से भी आगे जाएगा, ठीक उसी रात छत्तीसगढ़ के दूसरे छोर पर स्थित बीजापुर जिले के गंगालुर थाना क्षेत्र के एक गांव में पुलिस ने नक्सलियों को मारने के नाम पर मासूम ग्रामीणों पर गोलियां बरसायीं.

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नक्सलियों के नाम पर मारे गये ग्रामीणों की लाशें

कथित मुठभेड़ में जहां तीन मासूम समेत आठ लोग मारे गए, वहीं पांच अन्य ग्रामीण गंभीर रूप से घायल हो गए हैं. घायलों में दो नाबालिग स्कूली बच्चे भी शामिल हैं. पुलिस गोलीबारी के बाद से 22 ग्रामीण लापता बताए जा रहे हैं. लापता 22 ग्रामीणों का भी अब तक कोई सुराग नहीं मिल पाया है. इस घटना से आक्रोशित ग्रामीणों एवं महिलाओं ने 19 मई को गंगालूर थाने का घेराव किया.

घेराव के लिए थाने पहुंचे ग्राम प्रमुख तारम लखमू एवं तारम बुधरू ने बताया कि मारे गये लोगों में से कोई भी नक्सली नहीं है. सभी गांव के लोग बीज पंडूम (कृषि से जुड़ा स्थानीय त्योहार) मना रहे थे, तभी वहां पुलिसवालों ने धावा बोल दिया और बिना कुछ कहे हम लोगों पर ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी. गोलीबारी में मरने के भय से कुछ लोग जमीन पर लेट गए और 22 लोग गांव छोड़कर भाग गए, जिनका अब तक कोई सुराग नहीं लग सका है.

पुलिस की गोली से ही तीन बच्चों समेत आठ लोगों की घटनास्थल पर ही मौत हो गई. पुलिस की आपसी गोलीबारी में ही एक आरक्षक की भी मौत हुई. ग्राम प्रमुख के मुताबिक पुलिस फायरिंग में दो बालक रैनू उम्र दस वर्ष, पूनम समलू उम्र पंद्रह वर्ष समेत तारम छोटू, तारम आयतू एवं सोनी तारम गंभीर रूप से घायल हो गए हैं, जिन्हें बीजापुर अस्पताल में उपचारार्थ भर्ती करवाया गया है.

ग्राम प्रमुखों ने बताया कि मृतकों में एक को पुलिस अपने साथ उठाकर ले गई, जिसे जबरन नक्सली बताया जा रहा है. मृत समस्त आठों ग्रामीणों का शव पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौंप दिया गया है. इधर, पुलिस का दावा है कि उनकी मुठभेड़ नक्सलियों से हुई थी. वे गांव में बैठक कर रहे थे. गोलीबारी में ग्रामीण पांडू, बहादुर, जोगा, कोमू, पूनेम सोमू, लखमू, पांडू एवं कारम मासा मारे गए. इनमें से पुलिस कारम मासा को नक्सली बता रही है.

बीजापुर कलेक्टर मोहम्मद अब्दुल केशर हक ने मामले की दण्डाधिकारी जांच के निर्देश जारी कर दिए हैं. उन्होंने कहा कि जल्द ही सभी बिंदुओं पर जांच प्रक्रिया शुरू होगी.

गौरतलब है कि करीब एक वर्ष पहले भी पुलिस ने ऐसी ही एक मुठभेड़ में दो बच्चों समेत कुछ ग्रामीणों को मारा था. बच्चे स्कूल ड्रेस में थे. उस मामले की अभी न्यायायिक जांच चल ही रही है. इस नये मामले की जांच के लिए भी मुख्यमंत्री ने घोषणा कर दी है. मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह ने मामले की न्यायिक जांच का ऐलान करते हुए कहा है कि न्यायमूर्ति वीके अग्रवाल को इसका जिम्मा सौंपा गया है. सीएम ने मृतकों के परिजनों को पांच-पांच लाख रुपए देने की घोषणा भी की है.

sanjay-swadeshसंजय स्वदेश समाचार विस्फोट के संपादक हैं.

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