चिदम्बरम को महँगाई बढ़ने की आशंका
नई दिल्ली (वार्ता), गुरूवार, 28 फरवरी 2008( 18:08 IST )
वित्तमंत्री पी. चिदम्बरम ने ग्यारहवीं योजना में नौ प्रतिशत विकास दर हासिल होने का पूरा भरोसा जताया, लेकिन उन्होंने आशंका जाहिर की कि महँगाई बढ़ने का जोखिम बना हुआ है और इससे निपटना सरकार के लिए बड़ी चुनौती होगी।
संसद में 2007-08 की आर्थिक समीक्षा पेश किए जाने के बाद संसद परिसर में संवाददाताओं के सवालों के जवाब में वित्तमंत्री ने कहा कि विश्व अर्थव्यवस्था में मंदी आने की सम्भावना को देखते हुए देश में विकास दर पर बुरा असर पड़ने के भी जोखिम सामने हैं।
चिदम्बरम ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में खाद्यान्न, तेल और अन्य वस्तुओं के ऊँचे भाव के कारण मुद्रास्फीति बढ़ने का जोखिम बरकरार है। लिहाजा दुनिया के अनिश्चय भरे वातावरण में महँगाई पर लगाम कसना 2008-09 में सरकार की प्रमुख चुनौतियों में से एक होगी।
इन आशंकाओं भरी परिस्थितियों के बावजूद वित्त मंत्री ने आशा व्यक्त की कि आने वर्ष में विकास दर अच्छी रहेगी और महँगाई पर नियंत्रण पा लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि अगर मैं 2008-09 के बारे में एक वाक्य में अपनी बात रखना चाहूँ तो मैं कहूँगा कि 'सतर्कतापूर्ण निगरानी के साथ मैं आशावान हूँ।'
वित्तमंत्री ने कहा कि देश का गणतंत्र बनने के बाद की पाँच वर्ष की अवधि के बाद से बीते पाँच साल कृषि के लिए सबसे मंदे साबित हुए हैं और मानसून पर निर्भर होने के कारण इस क्षेत्र की स्थिति डाँवाडोल बनी हुई है। उन्होंने कहा कि हमें कृषि क्षेत्र में विकास की गति बढ़ाने पर लगातार जोर देना होगा।
No comments:
Post a Comment