BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE 7

Published on 10 Mar 2013 ALL INDIA BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE HELD AT Dr.B. R. AMBEDKAR BHAVAN,DADAR,MUMBAI ON 2ND AND 3RD MARCH 2013. Mr.PALASH BISWAS (JOURNALIST -KOLKATA) DELIVERING HER SPEECH. http://www.youtube.com/watch?v=oLL-n6MrcoM http://youtu.be/oLL-n6MrcoM

Friday, February 29, 2008

सपना बना, सपनों का आशियाना

सपना बना, सपनों का आशियाना


इंदौर, बुधवार, 27 फरवरी 2008( 15:37 IST )






अच्छी सोसायटी में आशियाना बनाना या खरीदना अब आम आदमी के लिए स्वप्न बन गया है। हालात ये हैं कि बैंकों द्वारा होम लोन ब्याज दरों को घटाने के बावजूद मकान, फ्लैट या प्लॉट की कीमतें हद से बाहर हो जाने के कारण स्वयं का आशियाना बनाना हसरत ही है।

रिजर्व बैंक द्वारा 29 जनवरी को घोषित तिमाही साख नीति में ब्याज दर घटाने के बारे में कोई घोषणा नहीं किए जाने के बाद वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने बैंकों से आग्रह किया था कि वे होम लोन की ब्याज दरें घटाए। कई बैंकों ने ब्याज दरें घटाने की घोषणा भी की। किंतु मुद्दे की बात यह है कि इसका फायदा आम आदमी, नौकरीपेशा वर्ग तक नहीं पहुँचा।

प्रॉपर्टी क्षेत्र से जुड़े लोगों का कहना है कि इसकी दो प्रमुख वजह है- एक सरकार का आयकर ढाँचा और दूसरी प्रापर्टी की बढ़ती लागत। अंसल हाउसिंग एंड कंस्ट्रक्शन लि. के असिस्टेंट जनरल मैनेजर राजेश सुराना का कहना है कि सरकार अगर इस क्षेत्र में गतिविधियों को बढ़ाना चाहती है तो उसे आगामी बजट में वैयक्तिक आयकर में और होम लोन पर प्रतिवर्ष ब्याज तथा मूलधन की सीमा को बढ़ाना चाहिए।

सरकारी और गैरसरकारी दोनों आँकड़ों से यह साबित हुआ है कि देश में आम नौकरीपेशा की तनख्वाह बढ़ी है। ऐसे में आयकर की मौजूदा सीमा पुरुषों के मामले में 1.10 लाख रु. और महिलाओं के मामले में 1.45 लाख रु. अब अप्रासंगिक हो गई है। इसके अलावा किसी व्यक्ति को आयकर छूट का फायदा लेने के लिए होम लोन के विरुद्ध वार्षिक ब्याज राशि 1.50 लाख और मूलधन की 20 हजार रु. की सीमा को बढ़ाकर क्रमशः 2.5 लाख और 50 हजार किया जाना चाहिए। ऐसा नहीं होने के कारण लोग प्रॉपर्टी खरीदने में अरुचि दिखा रहे हैं।

सुराना का कहना है कि पिछले एक साल में हाउसिंग कास्ट 600 रु. प्रति वर्गफुट से बढ़कर 750 रु. वर्ग फुट तक हो गई है। सीमेंट, सरिया महँगा होने से मध्यम वर्ग के लिए घर खरीदना-बनाना अब स्वप्न बन गया है।

रियल एस्टेट को उद्योग का दर्जा दें : पार्श्वनाथ डेवलपर्स लि. के जनरल मैनेजर एससी सूरी का कहना है कि रियल्टी क्षेत्र को उद्योग का दर्जा दिया जाना चाहिए। ऐसा होने से इस क्षेत्र को कर छूट भी मिलेगी और वह कर भुगतान भी कर सकेगा। करों के जरिए सरकार इस क्षेत्र की तेजी-मंदी को नियंत्रित कर सकेगी और इससे इस क्षेत्र की साख भी बढ़ेगी।

No comments:

LinkWithin

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...