आर्थिक समीक्षा की मुख्य बातेंनई दिल्ली-संसद में सरकार की ओर गुरुवार को प्रस्तुत 2007-08 की आर्थिक समीक्षा रिपोर्ट की प्रमुख बातें इस प्रकार हैं।
* रुपए के मूल्य में तेज वृद्धि, उपभाक्ता वस्तु उद्योग में मंदी तथा आर्थिक सामाजिक ढाँचे की रुकावटों पर चिंता।
* तीव्र आर्थिक वृद्धि के लिए आर्थिक सुधारों को आगे बढ़ाने और राज्यों के स्तर पर सरकारी सेवाओं के चुनिंदा निजीकरण की जरूरत पर बल।
* राजकोषीय मोर्चे पर स्थिति फिलहाल ठीक। अगले वर्ष मोर्चा कठिन हो सकता है।
* 31 मार्च 2008 को समाप्त हो रहे चालू वित्त वर्ष में आर्थिक वृद्धि 9.6 से घट कर 8.7 प्रतिशत रहने का अनुमान।
* कृषि और सम्बद्ध क्षेत्र, खनन, मैन्यूफैक्चरिंग और कंस्ट्रक्शन क्षेत्र तथा वित्तीय और रीयल स्टेट क्षेत्र की वृद्धि दर घटी।
* कृषि क्षेत्र की वृद्धि 3.8 से घट कर 2.6 प्रतिशत, खनन 5.7 से 3.4, मैन्यूफैक्चरिंग 12.0 से 9.4 और कंस्ट्रक्शन उद्योगों की वृद्धि 12 प्रतिशत से घट कर 9.6 प्रतिशत।
* बिजली, व्यापार और होटल क्षेत्र की वृद्धि दर बढ़ी।
* प्रति व्यक्ति आय में 7.2 प्रतिशत और खपत में 5.3 प्रतिशत वृद्धि। मुद्रा स्फीति 4.3 प्रतिशत।
* बैंकों से वाणिज्यिक ऋण की वार्षिक वृद्धि दर 17.5 प्रतिशत से घट कर लगभग 12 प्रतिशत।
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