लगातार तीसरे दिन नहीं चली संसद
Feb 28, 12:29 pm
नई दिल्ली। किसानों के कर्जे माफ करने तथा उनकी विभिन्न समस्याओं को लेकर विपक्षी राजग तथा यूएनपीए ने लगातार तीसरे दिन संसद में भारी हंगामा किया और एक बार के स्थगन के बाद लोकसभा और राज्यसभा की बैठकें शुक्रवार अपराह्न एक बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।
संसद का बजट सत्र शुरू हुए तीन दिन हो चुके हैं, लेकिन किसानों के मुद्दे पर सदस्यों के रवैये के कारण लगातार तीसरे दिन दोनों सदनों में प्रश्नकाल नहीं हो सका। लोकसभा में बुधवार को जहां वर्ष 2007-08 का आर्थिक सर्वेक्षण पेश करने तथा आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाने के बाद हंगामे के कारण बैठक बृहस्पतिवार तक के लिए स्थगित कर दी गई, वहीं राज्यसभा में कामकाज के नाम पर केवल राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव ही पेश किया जा सका।
लोकसभा में एक बार के स्थगन के बाद सदन की बैठक जब 12 बजे दोबारा शुरू हुई तो वित्त मंत्री पी चिदंबरम द्वारा आर्थिक सर्वेक्षण पेश किए जाने तथा आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए जाने के तुरंत बाद राजग तथा यूएनपीए सदस्य किसानों की समस्या का मुद्दा उठाने लगे।
भाजपा शिवसेना तथा समाजवादी पार्टी और अकाली दल सदस्य नारेबाजी करते हुए अध्यक्ष के आसन के समक्ष आ गए। उधर सत्तारूढ़ संप्रग के प्रमुख घटक राष्ट्रीय जनता दल के सदस्य महाराष्ट्र में उत्तर भारतीयों के खिलाफ कथित अत्याचार का मामला उठाते हुए अगली पंक्ति के करीब आ गए।
अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी ने सदस्यों से अपने स्थान पर जाने का अनुरोध करते हुए कहा कि वह उन लोगों को अपनी बात रखने की अनुमति देने को तैयार हैं जिन्होंने नोटिस दिए हैं, लेकिन सदस्यों पर उनकी बात का असर नहीं हुआ। अध्यक्ष ने यह कहते हुए कि लगता है आप लोग काम नहीं करना चाहते सदन की बैठक शुक्रवार तक के लिए स्थगित कर दी।
इससे पहले सुबह भी सदन की बैठक शुरू होते ही समाजवादी पार्टी, अकाली दल तथा भाजपा और शिवसेना सदस्य किसानों के मुद्दे को लेकर आसन के समक्ष आकर नारेबाजी करने लगे। अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी ने सदस्यों के इस व्यवहार पर भारी दुख, निराशा तथा क्षोभ जताते हुए कहा कि आज राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा होनी है और उन्हें सदस्यों के बर्ताव के चलते सदन को स्थगित करने पर मजबूर होना पड़ रहा है।
उधर, राज्यसभा में सुबह बैठक शुरू होते ही राजग तथा यूएनपीए सदस्यों ने किसानों का मुद्दा उठाया और नारेबाजी शुरू की। सभापति मोहम्मद हामिद अंसारी ने हंगामा बढ़ते देख कुछ ही मिनट बाद बैठक 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी। सदन के दोबारा बैठने पर भी हंगामे की स्थिति रही। हंगामे के बीच ही अंसारी ने आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए तथा वित्त राज्य मंत्री पवन कुमार बंसल ने वर्ष 2007-08 का आर्थिक सर्वेक्षण और राष्ट्रपति के अभिभाषण पर जनार्दन द्विवेदी ने धन्यवाद प्रस्ताव पेश किया। हंगामा थमता न देख सभापति ने बैठक सदन शुक्रवार अपराह्न एक बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
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