लेफ्ट ने की आर्थिक सर्वेक्षण की निंदा
Feb 28, 05:11 pm
नई दिल्ली। वित्तमंत्री पी चिदंबरम द्वारा संसद में पेश किए गए वर्ष 2007-08 के आर्थिक सर्वेक्षण की वामपंथी दलों ने आलोचना की है। वाम दलों ने कहा है कि सरकार भले ही लाख दावे करे कि लेकिन सच्चाई यही है कि देश का आर्थिक स्वास्थ्य अच्छा नहीं है।
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के नेता और राज्य सभा सदस्य सीताराम येचुरी ने संवाददाताओं को बताया कि सरकार ने अपने आर्थिक सर्वेक्षण में वर्ष 2007-08 के लिए विकास की दर 8.7 फीसदी बताया है, जबकि जनवरी के महीने में विकास की दर 9.6 फीसदी तक पहुंच गई थी। उन्होंने कहा कि देश की आर्थिक स्थिति की वास्तविकता क्या है इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है।
येचूरी ने कहा कि औद्योगिक क्षेत्र की हालत खस्ता है, किसान आत्महत्याएं कर रहा है और सेवा क्षेत्र में चल रही योजनाओं का हाल किसी से छुपा नहीं है। उन्होंने कहा कि कुल मिलाकर देखा जाए तो देश का आर्थिक स्वास्थ्य अच्छा नहीं है। आर्थिक सर्वेक्षण पर सवाल उठाते हुए येचुरी ने कहा कि रोजगार बढ़ाने की दिशा में सरकार की ओर से कोई पर्याप्त कदम नहीं उठाया गया है और जो उठाया भी गया है वह रोजगार बढ़ाने के लिए नाकाफी है। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार बचत का दावा तो कर रही है लेकिन बचत के सही इस्तेमाल की कोई योजना उसके पास नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार मौके का फायदा नहीं उठा पा रही है।
सरकार पर कृषि क्षेत्र को नजरअंदाज करने का आरोप लगाते हुए येचुरी ने कहा कि सरकार ने कृषि क्षेत्र के विस्तार की कोशिश ही नहीं की। उन्होंने कहा कि यह खतरनाक है क्योंकि अनाज के उत्पादन में लगातार कमी आ रही है।
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