BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE 7

Published on 10 Mar 2013 ALL INDIA BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE HELD AT Dr.B. R. AMBEDKAR BHAVAN,DADAR,MUMBAI ON 2ND AND 3RD MARCH 2013. Mr.PALASH BISWAS (JOURNALIST -KOLKATA) DELIVERING HER SPEECH. http://www.youtube.com/watch?v=oLL-n6MrcoM http://youtu.be/oLL-n6MrcoM

Friday, August 2, 2013

श्रीनिवासन की वापसी की कोशिश नाकाम, सुप्रीम कोर्ट जाएगा बोर्ड


श्रीनिवासन की वापसी की कोशिश नाकाम, सुप्रीम कोर्ट जाएगा बोर्ड

Friday, 02 August 2013 14:40

नयी दिल्ली। आलोचनाओं से घिरे बोर्ड ने बंबई उच्च न्यायालय के आदेश को देखते हुए कानूनी संकट के डर से बीसीसीआई ने अपनी कार्यकारिणी की बैठक रद्द कर दी। 
माना जा रहा था कि श्रीनिवासन आज बीसीसीआई अध्यक्ष पद का कार्यभार फिर से संभाले लेंगे लेकिन उन्हें अब लंबे समय तक इंतजार करना होगा और जगमोहन डालमिया अंतरिम प्रमुख के रूप में काम करते रहेंगे। 
बीसीसीआई ने बंबई उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में अपील करने का फैसला किया है। उच्च न्यायालय ने बोर्ड की आईपीएल स्पाट फिक्सिंग की जांच को 'गैरकानूनी और असवैंधानिक' करार दिया था। 
कार्यकारिणी की बैठक रद्द करने से पहले आईपीएल संचालन परिषद की बैठक हुई जिसमें आचार आयोग को नये सिरे से पुनगर्ठित करने का फैसला किया गया। बीसीसीआई के पूर्व सचिव संजय जगदाले और कोषाध्यक्ष अजय शिर्के के इस्तीफों के बाद दो पद खाली पड़े थे। इनके स्थान पर संजय पटेल और रवि सावंत को आयोग में शामिल किया गया। 
बीसीसीआई सचिव संजय पटेल ने बैठक के बाद बयान में कहा, ''दिल्ली में आज अपनी बैठक में आईपीएल संचालन परिषद : श्रीनिवासन ने इससे खुद को दूर रखा : ने जांच आयोग के गठन के संबंध में बंबई उच्च न्यायालय के फैसले के बाद पैदा हुई स्थिति पर विस्तृत चर्चा की गयी। इसका आयोग का गठिन इंडिया सीमेंट लि., जयपुर आईपीएल क्रिकेट प्रा लि, गुरूनाथ मयप्पन और राज कुंद्रा के खिलाफ शिकायतों की जांच के लिये बीसीसीआई ने किया था। ''
पटेल ने कहा, ''सैद्वांतिक तौर पर सदस्यों ने पुष्टि की कि यह महत्वपूर्ण है कि संचालन परिषद की कार्रवाई कानूनी और नैतिक रूप से सही होनी चाहिए। संचालन परिषद का मानना है कि जांच आयोग का गठन सही तरीके से और आईपीएल के संचालन नियमों के अनुकूल हुआ है और इसलिए फैसला किया गया कि माननीय उच्चतम न्यायालय में अपील की जानी चाहिए। ''
जब यह फैसला किया गया तब श्रीनिवासन बैठक में उपस्थित नहीं थे लेकिन उसके बाद वह इसमें शामिल हो गये थे।
पटेल ने कहा, ''जब यह फैसला कर लिया गया तो फिर श्रीनिवासन भी बैठक में शामिल हो गये। उच्चतम न्यायालय में लंबित अपील को देखते हुए जगमोहन डालमिया से बीसीसीआई अध्यक्ष पद का कामकाज संभाले रखने का आग्रह किया गया। ''
बीसीसीआई के खेल विकास प्रबंधक रत्नाकर शेट्टी ने पत्रकारों से कहा कि बीसीसीआई उपाध्यक्ष अरूण जेटली ने आईपीएल संचालन परिषद की बैठक में उच्च न्यायालय के आदेश की विस्तृत जानकारी दी। 
उन्होंने कहा, ''आईपीएल संचालन परिषद की आज सुबह बैठक में अरूण जेटली ने बंबई उच्च न्यायालय के आदेश के महत्वपूर्ण तथ्यों से अवगत कराया। समिति में इस पर चर्चा हुई और समिति ने उच्चतम न्यायालय में विशेष अनुमति याचिका दायर करने का फैसला किया। ''

शेट्टी ने कहा, ''श्रीनिवासन ने आईपीएल संचालन परिषद की बैठक से खुद को दूर रखा। इसी के बाद बैठक शुरू हुई और फैसले किये गये। ''
बीसीसीआई उपाध्यक्ष निरंजन शाह ने हालांकि इन सुझावों को नकार दिया श्रीनिवासन को बोर्ड में अलग थलग कर दिया गया है। 
उन्होंने कहा, ''यह श्रीनिवासन के लिये झटका नहीं है और हमने आज जो भी फैसले किये उससे बीसीसीआई के बारे में आम लोगों की राय में सुधार होगा। ''
बीसीसीआई आला अधिकारियों की सिलसिलेवार बातचीत के बाद कार्यसमिति की बैठक रद्द करने का फैसला किया गया। यह भी डर था कि यदि श्रीनिवासन इन हालात में पद पर लौटने की कोशिश करते हैं तो उनके खिलाफ बगावत हो सकती है ।
बोर्ड के सूत्रों ने बताया कि बोर्ड उपाध्यक्ष और कानून के जानकार अरूण जेटली, डालमिया और आईपीएल अध्यक्ष राजीव शुक्ला की सलाह के बाद श्रीनिवासन ने अपना रवैया बदला। 
बीसीसीआई को डर था कि श्रीनिवासन के अध्यक्ष पद पर लौटने और कार्यसमिति की बैठक की अध्यक्षता करने से और कानूनी पेचीदगियां पैदा हो सकती थी। बोर्ड की आंतरिक जांच में श्रीनिवासन के दामाद गुरूनाथ मयप्पन को क्लीन चिट दी गई थी। इसी जांच रिपोर्ट को अदालत ने अवैध बताया है।
श्रीनिवासन से कहा गया कि बोर्ड अध्यक्ष पद पर उनके लौटने से देश भर में कई जनहित याचिकायें दायर हो जायेगी जिससे बोर्ड को और शर्मिंदगी झेलनी पड़ सकती है।
ऐसी भी खबरें हैं कि दो उपाध्यक्षों और कुछ अन्य आला अधिकारियों ने धमकी दी थी कि श्रीनिवासन अगर बैठक की अध्यक्षता करेंगे तो वे इस्तीफा दे देंगे।
श्रीनिवासन इस संभावना से खफा थे लेकिन अपनी कानूनी टीम से सलाह मशविरे के बाद वे बैठक रद्द करने पर राजी हो गए।बैठक के रद्द होने के पीछे एक और तकनीकी कारण था कि कार्यसमिति के सदस्यों को जब इसकी सूचना दी गई तो 'आपात' शब्द का इस्तेमाल नहीं किया गया था।
बोर्ड के एक अधिकारी ने कहा ,'' बैठक तकनीकी रूप से भी अवैध थी क्योंकि यदि पिछली बैठक से 72 घंटे के भीतर कोई दूसरी बैठक बुलानी है तो आपात शब्द का इस्तेमाल जरूरी है।''
बीसीसीआई ने अभी तक इस बारे में कोई औपचारिक जानकारी नहीं दी है ।
आईपीएल स्पाट फिक्सिंग मामला तब प्रकाश में आया जब भारतीय तेज गेंदबाज एस श्रीसंत, राजस्थान रायल्स के दो अन्य खिलाड़ी अजित चंदीला और अंकित चव्हाण के अलावा 11 सटोरियों को गिरफ्तार किया गया ।
कलंकित खिलाड़ियों के अनुबंध फ्रेंचाइजी ने रद्द कर दिये और उनके खिलाफ आपराधिक शिकायत भी दर्ज की गई। 

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