Thursday, 29 August 2013 12:37 |
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने आज कहा कि रूपये के मूल्य में गिरावट और तेल के दामों में वृद्धि का असर भारतीय अर्थव्यवस्था पर पड़ रहा है और देश कठिन आर्थिक संकट से गुजर रहा है जिसके लिए कुछ घरेलू कारक भी जिम्मेदार हैं।
जेटली ने कहा कि वित्त मंत्री पी चिदंबरम की 10 सूत्रीय योजना एक आर्थिक परिकल्पना है क्योंकि हर कोई जानता है कि राजकोषीय घाटे और चालू खाते के घाटे (सीएडी) को कम करना होगा और निर्यात को बढ़ाना होगा। उन्होंने कहा कि देश में जिस तरह आर्थिक वृद्धि दर में गिरावट आ रही है और मु्द्रास्फीति बढ़ रही है उससे देश 'मु्द्रास्फीति जनित मंदी' (स्टैगफ्लेशन) की ओर बढ़ रहा है। जेटली ने कहा कि वर्तमान हालात इसलिए उत्पन्न हुए हैं क्योंकि आर्थिक मुद्दे पर सही सोच विचार नहीं किया। उन्होंने कहा कि कच्चे तेल और खाद्य तेल का आयात तो जरूरी है लेकिन देश में कोयले की उपलब्धता मांग से अधिक होने के बावजूद, इसके कुप्रबंधन के कारण कोयला आयात पर 20 अरब डालर की राशि खर्च करनी पड़ती है। भाजपा नेता ने कहा ''यह चिंताजनक स्थिति है। हम प्रधानमंत्री से यह जानना चाहते हैं कि अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने के लिए उन्होंने क्या सोचा है। प्रधानमंत्री को चाहिए कि वह सदन को और देश को विश्वास में लें।'' माकपा के सीताराम येचुरी ने जानना चाहा कि मनमोहन सिंह की अगुवाई में सुधारों के 22 साल के बाद देश एक बार फिर चौराहे पर क्यों है? |
BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE 7
Published on 10 Mar 2013
ALL INDIA BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE HELD AT Dr.B. R. AMBEDKAR BHAVAN,DADAR,MUMBAI ON 2ND AND 3RD MARCH 2013. Mr.PALASH BISWAS (JOURNALIST -KOLKATA) DELIVERING HER SPEECH.
http://www.youtube.com/watch?v=oLL-n6MrcoM
http://youtu.be/oLL-n6MrcoM
Thursday, August 29, 2013
आर्थिक संकट के लिए घरेलू कारक जिम्मेदार : प्रधानमंत्री
आर्थिक संकट के लिए घरेलू कारक जिम्मेदार : प्रधानमंत्री
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment