BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE 7

Published on 10 Mar 2013 ALL INDIA BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE HELD AT Dr.B. R. AMBEDKAR BHAVAN,DADAR,MUMBAI ON 2ND AND 3RD MARCH 2013. Mr.PALASH BISWAS (JOURNALIST -KOLKATA) DELIVERING HER SPEECH. http://www.youtube.com/watch?v=oLL-n6MrcoM http://youtu.be/oLL-n6MrcoM

Sunday, April 21, 2013

दिल्‍ली में पांच साल की बच्‍ची के साथ घिनौने बलात्कार की घटना के बाद स्‍त्री मुक्ति लीग ने लखनऊ और अन्‍य शहरों में एक सप्‍ताह के सघन अभियान की शुरुआत की है।


कल की विभिन्‍न सभाओं में वक्‍ताओं ने कहा कि अभी चार महीने भी नहीं हुए जब दिल्ली में दरिन्दों की शिकार हुई हमारी एक बहादुर बहन ज़िन्दगी की लड़ाई हार गयी थी। मगर लगता है जैसे उसकी शहादत भी बेकार चली गयी। स्त्री-विरोधी बर्बर अपराध लगातार इस तरह बढ़ते जा रहे हैं जैसे समाज के सड़े-गले शरीर से जगह-जगह कोढ़ फूट पड़ा हो! हमें सोचना ही होगा कि दिल्ली में 16 दिसम्बर की घटना के बाद पूरे देश में उठी ग़ुस्से और शर्म की लहर के बावजूद बलात्कार, गैंगरेप और घिनौनी छेड़खानी की घटनाएँ बदस्तूर क्यों जारी हैं। उत्तर प्रदेश में अखबारों के पन्‍ने सामूहिक बलात्‍कार की ख़बरों से रंगे हुए हैं। रिपोर्ट लिखाने गई बच्चियों को कहीं पुलिस पीटती है तो कहीं हवालात में डाल दिया जाता है। 
इसलिए बलात्कारियों को सख़्त से सख़्त सज़ा दिलाने और पीड़ितों को इंसाफ़ के लिए सड़कों पर उतरने के साथ ही हमें इस सवाल पर भी सोचना ही होगा कि स्त्रिायों और बच्चियों पर बर्बर हमलों और बलात्कार की घटनाएँ इस क़दर क्यों बढ़ती जा रही हैं और इनके लिए कौन-सी ताक़तें ज़िम्मेदार हैं! हमें सोचना ही होगा कि क्या बलात्कार या फिर कोई भी स्त्री-विरोधी अपराध महज़ कानून-व्यवस्था या सुरक्षा का मसला है? पिछले कुछ महीनों की घटनाओं ने भी साबित किया है कि सख़्त क़ानून बनाने और कुछ प्रशासनिक कदम उठाने जैसी पैबन्दसाज़ियों से समस्या हल नहीं होने वाली। इन तात्कालिक माँगों के साथ ही हमें उस पूरे सामाजिक-आर्थिक-राजनीतिक ढाँचे को ही उखाड़ फेंकने की लम्बी लड़ाई शुरू करनी होगी, जिसमें इंसान को भी एक माल बना दिया गया है, और औरत को महज़ जिस्म में तब्दील कर दिया गया है जिसे कोई भी नोच-खसोट सकता है!
वक्‍ताओं ने कहा कि आज सिर्फ़ अपना गुस्सा, अपनी नफ़रत और अपनी भड़ास निकाल लेने से कुछ नहीं होगा। यह सिलसिला यहीं रुक नहीं जाना चाहिए। हमें इसे एक शुरुआत बनाना होगा! स्त्री की ग़ुलामी के सभी रूपों, स्त्री उत्पीड़न के सभी रूपों के ख़िलाफ़ और उन्हें पैदा करने वाले सामाजिक ढाँचे को तोड़ डालने के लिए अपने संघर्ष को हमें संगठित करना होगा।
http://www.scribd.com/doc/137266649/Campaign-Leaflet-by-Stree-Mukti-League-on-Delhi-Child-Rape-Case


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