Saturday, 27 April 2013 11:52 |
अजेय कुमार यह अफसरशाही अपने चरित्र के अनुसार भ्रष्ट थी। इसीलिए पहली बार जब चावेज चुनाव जीते तो उन्होंने संविधान की कसम तो खाई मगर साथ में यह भी कहा कि ऐसे संविधान को बदलना होगा। सत्ता में आते ही नए संविधान का निर्माण किया, जिसे जनता का बहुत व्यापक समर्थन प्राप्त था। बाकायदा जनता की राय मांगी गई, सर्वेक्षण करवाए गए और नीतियों को तभी लागू किया गया जब इन नीतियों से प्रभावित लोगों की सहमति मिली। उदाहरण के तौर पर हर गांव में शिक्षा, स्वास्थ्य और साफ-सफाई के मामलों में सामुदायिक परिषदों द्वारा ग्रामीण जनता से राय-मशविरा करने के बाद ही योजनाएं बनाई जाती थीं। पंद्रह वर्ष से ऊपर का बच्चा भी इन परिषदों के कामकाज पर बहस कर सकता था। इन नीतियों के परिणाम किसी भी साधारण नागरिक को चौंकाने वाले हैं। दिसंबर 2005 तक ही, यूनेस्को का मानना था कि वेनेजुएला में निरक्षरता खत्म हो गई है। 1998 में साठ लाख बच्चे स्कूल जाते थे, जिनकी तादाद 2011 में बढ़ कर दुगुनी से भी अधिक हो गई। स्वास्थ्य के मामले में वेनेजुएला में जो तरक्की हुई है उसका अंदाजा इस तथ्य से लगाया जा सकता है कि 1999 से लेकर 2010 तक डॉक्टरों की संख्या में चार गुना वृद्धि हुई, इसी अवधि में शिशु मृत्यु दर में पचास प्रतिशत की कमी हुई है। आज वेनेजुएला अपने क्षेत्र का सबसे कम असमान देश है। 1980 में वेनेजुएला अपने देशवासियों के लिए नब्बे प्रतिशत अनाज आयात करता था, जबकि आज केवल तीस प्रतिशत। यह तब हुआ जब प्रतिव्यक्ति अनाज का उपभोग चावेज के शासनकाल में दुगुने से भी अधिक हो गया। बच्चों में कुपोषण चालीस प्रतिशत कम हुआ है। आज पचानबे प्रतिशत लोगों की पहुंच साफ पेयजल तक है। वर्ष 1999 से पहले तीन लाख सत्तासी हजार लोगों को पेंशन मिलती थी, जो कि 2011 में बढ़ कर इक्कीस लाख हो गई। बेरोजगारी 1998 में 15.2 प्रतिशत थी, वह घट कर 2012 में 6.4 प्रतिशत हो गई। विश्व प्रसन्नता सूचकांक में 2012 में वेनेजुएला का लातिन अमेरिका में दूसरा स्थान था, जबकि विश्व भर में इसका नंबर उन्नीसवां है और इसके मुताबिक यह जर्मनी, स्पेन जैसे देशों से भी आगे है। चावेज की खासियत यह रही कि वे वेनेजुएला की जनता के लिए सुविधाएं जुटाने के क्रम में समाजवादी बने। शुरू में उन्हें इसका आभास नहीं था कि समाजवादी नीतियां क्या होती हैं, इसलिए उन्होंने सभी तरह के विचारों को सुना। और फिर जन-कल्याण के लिए उन्हें जो सर्वोत्तम लगा, उसे क्रियान्वित किया। कई लोग कहते हैं कि वेनेजुएला के पास दुनिया का सबसे बड़ा तेल भंडार न होता, तो चावेज कुछ नहीं कर पाते। क्या सऊदी अरब के पास कम तेल भंडार हैं? सवाल तेल का नहीं, वह तो चावेज से पहले भी था। सवाल यह है कि अपने राष्ट्र की इस संपदा का इस्तेमाल जिस ढंग से चावेज ने किया, अन्य शासकों ने नहीं किया। वर्ष 2001 में जब चावेज ने 'हाइड्रो-कार्बन कानून' पास किया तभी से अमेरिका समेत पश्चिमी देशों ने उन्हें रास्ते से हटाने के षड्यंत्र शुरू कर दिए थे। इस कानून के तहत पश्चिमी तेल कंपनियों को कच्चे तेल के लिए रॉयल्टी की रकम एक प्रतिशत से बढ़ कर सोलह प्रतिशत देनी पड़ी। 2007 में हाइड्रो-कार्बन क्षेत्र के राष्ट्रीयकरण के बाद पश्चिमी तेल कंपनियों- कानोको फिलिप्स और एग्जोन मोबिल- को आदेश दिया गया कि या तो वे सरकारी शर्तों को मान लें या देश छोड़ दें। पिछले साल अक्तूबर में हुए चुनाव जीतने के बाद चावेज ने ठीक ही कहा था, ''हमने केवल कॉप्रिल्स को नहीं हराया। हमने एक अंतरराष्ट्रीय गठबंधन को हराया है। यह केवल एक घरेलू लड़ाई नहीं थी... वेनेजुएला के मतदाताओं को पांच लाख से अधिक स्वचालित संदेश अमेरिकी और यूरोपीय दूरसंचार कंपनियों से किए गए जिनमें कॉप्रिल्स को जिताने का संदेश था। इसके बाद भी वे चौबीस राज्यों में केवल तीन में जीत हासिल कर सके।'' इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं कि राष्ट्रपति ओबामा ने चावेज के परिवार को कोई शोक संदेश भेजना जरूरी नहीं समझा। चावेज की अंतिम यात्रा में लातिन अमेरिका के सभी राष्ट्राध्यक्षों की मौजूदगी बतलाती है कि चावेज ने इन राष्ट्रों की एकता का बोलीवार का सपना पूरा किया। माओ की मृत्यु के बाद चीन की कम्युनिस्ट पार्टी ने माओ के योगदान के बारे में जो निष्कर्ष निकाला था उसका अंतिम भाग यों था, ''उनके बिना कम से कम चीनी लोग अपना बहुत अधिक समय अंधेरे में रास्ता तलाशते बिताते।'' ऊगो चावेज के बारे में भी कुछ ऐसा ही कहा जा सकता है। http://www.jansatta.com/index.php/component/content/article/20-2009-09-11-07-46-16/43331-2013-04-27-06-22-48 |
BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE 7
Published on 10 Mar 2013
ALL INDIA BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE HELD AT Dr.B. R. AMBEDKAR BHAVAN,DADAR,MUMBAI ON 2ND AND 3RD MARCH 2013. Mr.PALASH BISWAS (JOURNALIST -KOLKATA) DELIVERING HER SPEECH.
http://www.youtube.com/watch?v=oLL-n6MrcoM
http://youtu.be/oLL-n6MrcoM
Saturday, April 27, 2013
ऊगो चावेज की विरासत
ऊगो चावेज की विरासत
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