हीरा सस्ता हुआ है भाइयो और बहनो ....
(अब हीरा व्यवसायी मुल्क में कहां हैं, यह कोई अबूझ बात नहीं)
(अब हीरा व्यवसायी मुल्क में कहां हैं, यह कोई अबूझ बात नहीं)
मध्यवर्ग अपना ख़याल ख़ुद रखे
(ऐसा देखा गया है कि वह दीगर पार्टियों को वोट दे देता है। हम दिल्ली भूल नहीं पा रहे। उगलत निगलत पीर घनेरी की अवस्था में हैं)।
मध्यवर्ग दग़ाबाज़ वर्ग है
करवट बदलता रहता है
निम्नवर्ग को हम उलझाए रह सकते हैं, वह समझता भी देर में है
पर मध्यवर्ग कमबख़्त सब पढ़ता-समझता है और कभी नीचे वालों को समझा भी देता है
वह अपना ख़याल ख़ुद रखे
या केजरीवाल जी से रखवाए।
(ऐसा देखा गया है कि वह दीगर पार्टियों को वोट दे देता है। हम दिल्ली भूल नहीं पा रहे। उगलत निगलत पीर घनेरी की अवस्था में हैं)।
मध्यवर्ग दग़ाबाज़ वर्ग है
करवट बदलता रहता है
निम्नवर्ग को हम उलझाए रह सकते हैं, वह समझता भी देर में है
पर मध्यवर्ग कमबख़्त सब पढ़ता-समझता है और कभी नीचे वालों को समझा भी देता है
वह अपना ख़याल ख़ुद रखे
या केजरीवाल जी से रखवाए।
देश का उच्चवर्ग भीषण उपेक्षा का शिकार रहा है
उस पर ध्यान दिए जाने की ज़रूरत है
हम ध्यान देंगे
उस पर ध्यान दिए जाने की ज़रूरत है
हम ध्यान देंगे
हम भी न देंगे तो कौन देगा ?
न हो तो सुनो जूता भी सस्ता हुआ है
मगर हज़ार से ऊपर वाला
यानी जूतमपैजार भी कोई बिलकुल ही सस्ती नहीं है
मगर हज़ार से ऊपर वाला
यानी जूतमपैजार भी कोई बिलकुल ही सस्ती नहीं है
पर हीरा सस्ता हुआ है
कोई सुनता क्यों नहीं
हीरा सस्ता हुआ है भाई
कोई सुनता क्यों नहीं
हीरा सस्ता हुआ है भाई
इस रत्नप्रसू धरा के भाल पर मंगल तिलक धर दिया हमने
कोई देखता क्यों नहीं ?
कोई सुनता क्यों नहीं ?
कोई सराहना क्यों नहीं करता?
कोई देखता क्यों नहीं ?
कोई सुनता क्यों नहीं ?
कोई सराहना क्यों नहीं करता?
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