अचूक रामवाण है सुधारों के ईश्वर के घेराव का यह मास्टरस्ट्रोक।शीशे की दीवारों में रहने वाले लोग दूसरों के घरों में पत्थर फेंका नहीं करते।
आखिरकार दीदी मोदी की नैय्या पार लगा रही है।
नौ अप्रैल की मुलाकात जनता को अप्रैल फूल बनाने की कवायद रही है।
जैसा कि हस्तक्षेप में एक्सकैलिबर स्टीवेंस विश्वास की रपट लगी थी कि दीदी लगायेंगी मोदी की नैया पार,हूबहू वैसा ही हो रहा है।
तृणमूल कांग्रेस जमीन और बीमा बिल का विरोध का सिलसिला जारी रखते हुए अपनी राजनीति करती रहेगी और ये दोनों बिल कांग्रेस के समर्थन से पास होंगे।
बाकी तमाम विधेयकों का राज्यसभा में समर्थन कर रही हैं ममता बनर्जी और उनकी तृणमूल कांग्रेस।
पूरी रामकथा थोड़ी देर में बांचते हैं।फिलहाल आज इस सिलसिले में बांग्ला अखबार एई समय में तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा में मोदी को समर्थन का खुलास करने वाली रपट लगा रहा हूं।
एक बात और,कांग्से की असहमति को सहमति में बदलने के लिए मनमोहन की घेराबंदी है,राज्यसभा जीत लेने का अचूक रामवाण है सुधारों के ईश्वर के घेराव का यह मास्टरस्ट्रोक।
शीशे की दीवारों में रहने वाले लोग दूसरों के घरों में पत्थर फेंका नहीं करते।
पूर कथा के लिए थोड़ा इंतजार करें।
देखते रहे हस्तक्षेप।
पलाश विश्वास
क्षेत्रीय महाबलियों की उत्थान के पीछे यह आत्मघाती बंटवारा है जो भारतीय जनता के वर्गीय ध्रुवीकरण के आधार पर राष्ट्रीय स्तर पर गोलबंद होने के रास्ते में सबसे बड़ा अवरोध है।
महाबलि क्षत्रपों की मूषक दशा निरंकुश सत्ता की चाबी
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