बगैर दिख्यां मीन बि PK कु विरोध करण !
बगैर बातौ विरोधी ::: भीष्म कुकरेती
घरवळि -तुम से त वी ठीक छौ जु बगैर बातौ विरोध करदु छौ।
मि -हैं बगैर बातौ विरोधी ? कु छौ ?
नौनु - पापा ममी देहरादून वाले उन पागल अंकल की बात कर रहे हैं जो हर समय किसी फिल्म , आर्ट , किताबों या लेखों का विरोध करते रहते हैं।
मि -ओ अच्छा ! अच्छा ! जिसने एक दिन अपनी छै वर्ष विटिया की बनाई पेंटिंग का ही विरोध कर दिया कि इस पेंटिंग से मुसलमानो के धर्म पर ठेस पंहुचती है।
नौनु - अर हाँ जिन अंकल ने अपने दस साल के पुत्र के डांस का भी विरोध किया था कि उसके डांस से क्रिश्चियनो के धर्म पर खचांग लगती है !
मि -हाँ पर तेरी ब्वै तैं वै पागलक याद आज अचाणचक किलै आई ?
घरवळि -किलै नि आण ? सरा मुहल्ला मा कतनौक इख विरोध हूणु च अर हमर इख कूँ बि नि हूणु च।
नौनु - पापा ममी देहरादून वाले उन पागल अंकल की बात कर रहे हैं जो हर समय किसी फिल्म , आर्ट , किताबों या लेखों का विरोध करते रहते हैं।
मि -ओ अच्छा ! अच्छा ! जिसने एक दिन अपनी छै वर्ष विटिया की बनाई पेंटिंग का ही विरोध कर दिया कि इस पेंटिंग से मुसलमानो के धर्म पर ठेस पंहुचती है।
नौनु - अर हाँ जिन अंकल ने अपने दस साल के पुत्र के डांस का भी विरोध किया था कि उसके डांस से क्रिश्चियनो के धर्म पर खचांग लगती है !
मि -हाँ पर तेरी ब्वै तैं वै पागलक याद आज अचाणचक किलै आई ?
घरवळि -किलै नि आण ? सरा मुहल्ला मा कतनौक इख विरोध हूणु च अर हमर इख कूँ बि नि हूणु च।
मि -ह्यां पर विरोध क्यांक करण , कैक करण , किलै करण अर कख करण ?
घरवळि -तो क्या हौर विरोध बि त द्याख च कि ना ?
*लेख की घटनाएँ , स्थान व नाम काल्पनिक हैं । लेख में कथाएँ , चरित्र , स्थान केवल व्यंग्य रचने हेतु उपयोग किये गए हैं।
घरवळि -बस विरोध करो।
मि -ह्यां मनमोहन सिंग जी तो सांसद ह्वेक बि वानप्रस्थी ह्वे गेन अर नरेंद्र मोदी जी तैं द्वी चार साल बि नि ह्वेन । तो फिर विरोध क्यांक करण ?
घरवळि -विरोध करणो कुण वजै नि ढूंढे जांद। बगैर बातौ बि बतंगड़ बणये जांद कि ना ?
मि - हाँ कॉंग्रेस अर सेक्युलर पार्टयूं बगैर बातौ बतंगड़ राज्य सभा मा द्याख त च। तो ?घरवळि -विरोध करणो कुण वजै नि ढूंढे जांद। बगैर बातौ बि बतंगड़ बणये जांद कि ना ?
घरवळि -तो क्या हौर विरोध बि त द्याख च कि ना ?
मि -किलै ना महान विप्लवकारी क्रांतिकारी ममता बनर्जी कु विरोध बि हम दिखणा छंवां। शारदा चिट फंड का चीटरों तैं बचाणो ममता बनर्जी का ढोंगी विरोध बि हम दिखणा इ छंवां।
घरवळि -वी त मि बुलणु छौं कि तुम बि विरोध कारो , प्रतिरोध कारो , तोड़ फोड़ कारो , अग्यो कारो।
घरवळि -वी त मि बुलणु छौं कि तुम बि विरोध कारो , प्रतिरोध कारो , तोड़ फोड़ कारो , अग्यो कारो।
मि -अरे पर तोड़ फोड़ या अग्यौ वास्ता क्वी विषय बि त हूण चयेंद।
घरवळि -हाँ अर फिर टीवी कैमरा का समिण आवो अर पागल जन जोर जोर से चिल्लावो कि हिन्दू धर्म खत्म करणो साजिस हूणि च।
1/1/15, Bhishma Kukreti , Mumbai India
घरवळि -तुम बि ना ! दकियानूसी , पराम्परिक , स्पेंट फ़ोर्स जन वुद्धिजीवी छंवां। विरोध का वास्ता अपॉरचुनिटी , अवसर खुजाये जांदन अर अवसर त तुमर समिण खड़ो च। अवसर से फैदा उठाओ अर अपण अहमियत बथावो , अपण तागत दिखावो अर अपण छवि चमकावो !
मि -ह्यां पर दंगा फिसाद करणो कु अवसर अयुं च ? विरोध क्यांक करण ?
घरवळि - अरे अवसर समिण इ च।
मि -क्या ?घरवळि - अरे अवसर समिण इ च।
घरवळि -हाँ ! PK फिलम समिण च। यीं फिलमो विरोध कारो।
मि -PK फिलम कु विरोध ?
घरवळि -हाँ ब्वालो कि PK फिलम से हिन्दू धरम पर खचांग लग गे। PK फिलम से हिन्दू भावना आहत ह्वे गे। PK फिलम से हिन्दुस्तान की अवमानना ह्वे गे।
मि - PK फिलम से हिन्दुस्तान की अवमानना ह्वे गे ?घरवळि -हाँ ब्वालो कि PK फिलम से हिन्दू धरम पर खचांग लग गे। PK फिलम से हिन्दू भावना आहत ह्वे गे। PK फिलम से हिन्दुस्तान की अवमानना ह्वे गे।
घरवळि -हाँ पैल त PK फिलम का पोस्टर जलावो।
मि -PK फिलम का पोस्टर जलावो?
घरवळि -फिर कोशिस कारो कि सिनेमा हाल की कुर्सी जळ जावन।
मि -सिनेमा हाल की कुर्सी जळ जावन?घरवळि -फिर कोशिस कारो कि सिनेमा हाल की कुर्सी जळ जावन।
घरवळि -हाँ अर फिर टीवी कैमरा का समिण आवो अर पागल जन जोर जोर से चिल्लावो कि हिन्दू धर्म खत्म करणो साजिस हूणि च।
मि -अरे हिन्दू धरम तब खत्म नि ह्वे जब राजा बुद्धिस्ट ह्वेन , मुसलमान बादशाह ह्वेन या अंग्रेजुं राज ह्वे तो एक फिल्म क्या हिन्दू धर्म नष्ट कारली।
घरवळि -नै नै ! तुम तैं PK फिलमक विरोध करण इ पोड़ल।
घरवळि -नै नै ! तुम तैं PK फिलमक विरोध करण इ पोड़ल।
मि -पर विरोध क्यांक करण ?
घरवळि -PK फिलम कु विरोध कारो।
मि -पर जब मीन फिलम इ नि देखि तो मि विरोध कनकै कौर सकुद ?
घरवळि -विरोध करण मा ले क्या जांद ? जब क्वी शंकराचार्य या अन्य हिन्दू धर्म का ठेकेदार बगैर फिलम दिख्यां PK फिलम का विरोध कर सकदन तो तुम सामन्य वुद्धिजीवी PK फिलम का विरोध नि कर सकदां क्या ?
मि -यूंन सचमुच माँ नरेंद्र मोदीक लुटिया डुबाण। यूँ हिन्दू धर्म का ठेकेदारों का कर्म देखिक मि तैं नरेंद्र मोदी पर दया आणि च कि जब समर्थक ही इन ह्वावन तो दुश्मनों की क्या जरूरत ?घरवळि -विरोध करण मा ले क्या जांद ? जब क्वी शंकराचार्य या अन्य हिन्दू धर्म का ठेकेदार बगैर फिलम दिख्यां PK फिलम का विरोध कर सकदन तो तुम सामन्य वुद्धिजीवी PK फिलम का विरोध नि कर सकदां क्या ?
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