छत्तीसगढ़ में भाजपा सरकार उद्योगपतियों के कहने से आदिवासियों मार मार कर कर इतना डरा देना चाहती है की जब सरकार इन उद्योगपतियों के लिए आदिवासियों की ज़मीनें छीने तो आदिवासी सरकार के खिलाफ आवाज़ उठाने की हिम्मत ना कर सके ,
इसके लिए गाँव गाँव में जाकर पुलिस डरने के लिए आदिवासियों को मार रही है घरों में घुस कर लूट- पाट करती है।
आदिवासियों ने इस सरकारी बदमाशी के लिए सरकार को सबक सिखाने का फैसला किया।
कल हज़ारों आदिवासी अपने अपने गाँव से निकल कर दंतेवाड़ा शहर की तरफ चल पड़े।
सोनी सोरी इन आदिवासियों के साथ थी।
सरकार के हाथ पाँव फूल गए।
रास्ते में हज़ारों पुलिस वाले और प्रशासनिक अधिकारियों ने आदिवासियों को शहर में घुसने से रोक दिया।
लेकिन आदिवासी डरे नहीं।
आदिवासियों ने कहा आप लाठी चलाइये गोली चलाइये लेकिन हम नहीं रुकेंगे।
आदिवासियों की दृढ़ता और गुस्सा देख कर पुलिस ने लिखा कर माफीनामा दिया की अब से पुलिस आदिवासियों के घरों में घुस कर लूटपाट नहीं करेगी। अब से पुलिस किसी आदिवासी के साथ मारपीट नहीं करेगी।
प्रशासन ने लिख कर दिया की दस दिन के भीतर मारे गए निर्दोष आदिवासी के परिवार को मुआवज़ा दिया जाएगा और मामले की जांच करी जाएगी ।
अभी सबेरा दूर है लेकिन इसी तरह के काफिले इस अंधेरी रात को ख़त्म कर उजाला लाएंगे।
जनता की ताकत ज़िंदाबाद
सरकारी दमन मुर्दाबाद
सरकारी दमन मुर्दाबाद
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