BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE 7

Published on 10 Mar 2013 ALL INDIA BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE HELD AT Dr.B. R. AMBEDKAR BHAVAN,DADAR,MUMBAI ON 2ND AND 3RD MARCH 2013. Mr.PALASH BISWAS (JOURNALIST -KOLKATA) DELIVERING HER SPEECH. http://www.youtube.com/watch?v=oLL-n6MrcoM http://youtu.be/oLL-n6MrcoM

Monday, February 25, 2008

भारतीय संसद का अमेरिकी बजट सत्र

भारतीय संसद का अमेरिकी बजट सत्र
परमाणु सौदा केंद्रित राष्ट्रपति के अभिभाषण के बाद अब यूपीए सरकार को समर्थन का वामपंथी औचित्य क्या है?
पलाश विश्वास
भरतीय संसद का बजट सत्र शुरु हो गया। विश्व बैंक गुलाम अमेरिकी औपनिवेशिक सरकार का एजंडा राष्ट्रपति के अभिभाषण से साफ हो गया। विदेशी पूंजी से स्वस्थ मीडिया आम आदमी और अल्पसंख्यकों को फोकस में लाने का पुरजोर प्रयास कर रहा था। पर फोकस में आ गया भारत अमेरिकी परमाणु उदोग। इससे पहले सांसदों को सरविहीन मुर्गियां कहकर विवाद में फंसे अमेरिका स्थित भारतीय राजदूत रणेन सेन का कार्यकाल सालभर और बढ़ाकर सेनसेक्स सत्तावर्ग ने अपने इरादे जता दिये थे। सरकारी कर्मचारियों को बेहतर वेतनमान देकर लोकलुभावन बजट पास करवाकर परमणु सौदे के साथ यूपीए अब मध्याविध चुनाव करवाने की तैयारी में है। णाकपा पार्टी कांग्रेस में यूपीए और कांग्रेस की आर्थिक नीतियों पर वार भले हों, पर जमीनी स्तर पर वामपंथी कहीं भी सत्तावर्ग के मुकाबले में नहीं हैं। दरअसल वाम नेतृत्व भी सत्तावर्ग का अटूट हिस्सा है। अल्पसंख्यकों और मूलनिवासियों को छलावे में रखकर विचार धारा की ढपली बजाते हुए वामपंथी भी संघ परिवार के नक्शेकदम पर ब्राह्मणवादी हिंदू राष्ट्र के निर्माण में जी जान से लगे हुए हैं। नंदीग्राम और सिंगुर प्रकरण के बाद वामपंथियों के नकली साम्राज्यवाद विरोध, फर्जी धर्मनिरपेक्षता और पूंजीवादी मार्क्सवाद की पोल खल गयी है। अब किस मुंह से वे यूपीए को समर्थन की थोथी दलीलें पेश करेंगे?
हर सरकार के साथ रंग बिरंगी विचाधाराओं और अपने अपने पार्टी एजंडे के मुताबिक केंद्र और राज्य सरकारों की नीतियां बदलती रही हैं। पर १९९० में डा मनमोहन सिंह के वित्तमंत्री बनने के बाद से अब तक भारत सरकार और तमाम राज्य सरकारों की आर्थिक नीतियों में गजब की निरंतरता बनी हुई है। डा अशोक मित्र ने अपनी जीवनी में इसका खुलासा कर दिय है कि किस तरह अमेरिका ने डा मनमोहन सिंह को पहले वित्तमंत्री , फिर प्रधानमंत्री बनाकर भारतराष्ट्र की स्वतंत्रता और संप्रभुता को गिरवी पर रख लिया। भारत की अर्थव्यवस्था की दिशा तय करने वाले चारों लोग डा णनमोहन सिंह, प्रणव मुखर्जी, चिदम्बरम और आहलूवालिया विश्व बैंक, अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष और अमेरिकी आर्थक संस्थानों के चाकर रहे हैं। दूसरी ओर, वियतनाम के कसाई हेनरी कीसिंजर से वामपंथी बुद्धदेव का गठबंधन है। बुद्ध, मोदी, देशमुख, मायावती,नवीन पटनायक, वसुंधरा और करुणानिधि शाइनिंग इंडिया का ब्राण्ड हैं। एक फिल्म बनी थी शापिंग माल के विरोध में नृत्य के जरिए जनप्रतिरोध पर। माधुरी दीक्षित के उस फिल्म पर विवाद खड़ा कर दिया गया। ग्लोबीकरण के झंडावरदार हैं दलित चिंतक और आइकन। चंद्रभान प्रसाद अंग्रेजी और ग्लोबीकरण को दलित मुक्ति की राह बताने से अघाते नहीं। भारतीय लोकतंत्र के पैरोकार एनडीटीवी. टाइम्स आफ इंडिया. हिंदू, हिंदुस्तान टाइम्स, स्टार टीवी, आईबीएन टीवी, आनन्दबाजार प्रकाशन समूह की अगुवाई मे मीडिया सार्वभौम बाजार की वकालत कर रहा है। पक्ष विपक्ष की राजनीति एक हो गयी है। किसान आत्म हत्या कर रहे हैं। सेज बनाकर देश के कोने कोने में मूलनिवासियों का आखेटगाह बनाया जा रहा है। थोक कारोबार पर भी कारपोरेट कब्जा। राजनीति भी अब कारपोरेट। सत्तापक्ष के कब्जे में हैं तमाम विचारधाराएं। सूचनाएं प्रायोजित। ज्ञान पर ब्राह्मणवादी वर्चस्व कायम। ई पीढ़ी मोबाइल, टीवी और नेट की नीली संस्कृति में निष्णात। क्रकेट कार्निवाल के सिवाय अब कोई भविष्य नहीं है। सेल और मार्केटिंग के अलावा कोई काम धंधा नहीं है।
फिर भी आम आदमी की चर्चा?
कारें अब टाप प्रायोरिटी पर हैं। प्राकृतिक संसाधन, जल, जंगल, जमीन और आसमान कारपोरेट के हवाले। भोपाल गैस त्रासदी को दोहराने के लिए कैमिकल हब। डाउज और सलेम को न्यौता। रसायन उद्योग के लिए पश्चिम में शून्य प्रदूषण की अनिवार्य शर्त। हमारे कानून में सिर्फ रियायतें हैं। सेज एरिया में तो भारत का कोई कानून लागू ही नहीं होगाष सेज से जुड़ी कंपनियों के सशस्त्र जवानों की सेनी भारतीय सेना से ज्यादा। आखिर राट्रद्रोही हैं कौन? स्विस बैंक भारत में चुनाव संचालित करते हें। साझेदार सीआईए। फिर भी आप को बदलाव की उम्मीद? आरक्षण निजीकरण और विनिवेश के चलते अप्रासंगिक। आरक्षण से छह हजार जातियों में बंटे मूलनिवासियों को लड़कर वोट बैंक साधे जा सकते हैं। नौकरियां हरगिज नहीं मिल सकती। नौकरियां हैं कहां? कल कारखाने बंद हो गये। खेती, काम धंधे चौपट। देसी उत्पादन प्रणाली ध्वस्त। मेट्रो, राजमार्ग,फ्लाई ओवर, इंफ्रास्ट्रक्चर, सेतु, उड़न पुल, स्सती वायुसेवा, कारपोरेट रेलवे, शापिंग माल, इंटरनेट, आउटसोर्सिंग, सूचना प्राद्योगिकी, शेयर बाजार, वेतनमान, आयकर, सीमाशुल्क में छूट किसके लिए?
मूलनिवासी जीवन और आजीविका से बेदखल। मातृभाषा से वंचित। भूमिपुत्रों को वंचित करके, संविधान और जनपद, लोक, राष्ट्रीयताओं और भाषाओं की हत्या करके क्या हम राट्र को एकताबद्ध और अखंड रख पायेंगे?
आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई का अड्डा बन गया यह महादेश। संघपरिवार की सुतीव्र मुस्लिम घृणा वोट बैंक के सबसे फायदेमंद समाकरण में तब्दील। मोदी और वामपंथी जिसका समान इस्तेमाल करते हैं। सुनीता विलियम्स हमारी आइकन। बाजार के तमाम ब्रांड और ऐंबेसेडर हमारे आइकन। राजनेता हमारे आइकन। और आर्थिक विकास दर , शेयर सूचकांक पर देश की सेहत तय होती हैं। चायबागानों में मृत्यु जुलूस, किसानों की आत्म हत्या, बेरोजगारी, भुखमरी, अस्पृश्यता, औरतों और बच्चों का हालत, मानवाधिकार, नागरिक अधिकार और लोकतंत्र, कपास, कपड़ा और जूट की बदहाली पर किसी की नजर नहीं। जासूसी उपग्रह नष्ट करने के बहाने अमेरिका ने अंतरिक्ष युद्ध शुरु कर दिया। हथियार उद्योग पर टिकी अमेरिकी यहूदी अर्थव्वस्था का रंगभेद अब भारतीय ब्राह्मणवादी व्यवस्था की मनुस्मृति से जुड़कर ब्रह्मांड की उत्तर आधुनिक सत्ता में तब्दील। राजनीतिक भूगोल बेमायने। ग्लोबल ससत्तावर्ग के सिपाहसालार सर्वत्र राजपाट सम्हाले। मेधा दलाली का पर्याय। सिविल सोसाइटी ग्लोबल सिस्टम का कारगर हथियार। नैनो की लांचिंग देखी नहीं?
अमेरिकी अर्थ व्यवस्था,राजनीति, सैन्यतंत्र और कारपोरेट संकुल का पिछलग्गू बनाकर भारतीय लोकतंत्र का खेल सारी मूलनिवासी आबादी के सफाए के बगैर चरमोत्कर्ष पर नहीं पहुंचनी वाली है। भारतीय संसद के अमेरिकी बजट सत्र में इसी का इंतजाम किया जाना है।


अमेरिका के साथ हुए परमाणु समझौते पर कुछ सहयोगी दलों सहित राजनीतिक मतभेद जारी रहने के बीच राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने आज कहा कि उनकी सरकार को उम्मीद है कि यह करार संभव हो पाएगा।राष्ट्रपति ने संसद के बजट सत्र के पहले दिन दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि हम आशा करते हैं कि अमेरिका और अन्य मित्र देशों के साथ असैन्य परमाणु सहयोग संभव होगा।उन्होंने कहा कि विगत कुछ वर्षों में अमेरिका के साथ हमारे संबंधों में सुधार हुआ है और अब यह उच्च प्रौद्योगिकी अंतरिक्ष कृषि शिक्षा एवं व्यापार तथा अन्य संपर्को सहित अनेक क्षेत्रों में बढ़ रहे है।गौरतलब है कि अमेरिका के साथ हुए परमाणु करार पर देश में राजनीतिक बहस शुरू हो गई है और सरकार को बाहर से समर्थन दे रहे वाम दलों सहित मुख्य विपक्षी दल भाजपा इसका कड़ा विरोध कर रहा है। हालाँकि सरकार इस करार को अंतिम रूप देने के लिए डटी हुई है और उसका कहना है कि ऐसा हो जाने से भारत द्वारा विश्व परमाणु व्यापार करना संभव हो पाएगा। पारंपरिक भारतीय ऑटो निर्माताओं से लेकर विनिर्माण कंपनियाँ और निजी कंपनियाँ अरबों डॉलर के भारतीय रक्षा बाजार में प्रवेश की तैयारी कर रही हैं। टाटा, महिन्द्रा एंड महिन्द्रा, अशोक लीलैंड, लार्सन एंड टुब्रो के अलावा अन्य कई कंपनियाँ पिछले कुछ साल से भारतीय सेना के साथ संबद्ध हैं। उद्योग प्रतिनिधियों का कहना है कि आने वाले वर्षों में रक्षा क्षेत्र का बड़ा बाजार बनेगा, जिसमें निजी कंपनियों की बड़ी हिस्सेदारी होगी।देश के शेयर बाजारों में इंजीनियरिंग , रियलटी , ऑयल और मेटल सेक्टर की कंपनियों को मिले समर्थन से अच्छी बढ़त दर्ज की गई। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज ( बीएसई ) के सेंसेक्स ने 301.50 और नैशनल स्टॉक एक्सचेंज ( एनएसई ) के निफ्टी 90 अंक की छलांग लगाई। कारोबार के दौरान निरंतर उठापटक देखने को मिली। ट्रेडिंग सेशन की शुरुआत में ऊंचा खुला बाजार दोपहर तक गिरावट में आ गया लेकिन इसके बाद फिर लिवाली का समर्थन मिलने से बाजार ने पलटी मारी। इस साल लगभग दस राज्यों के विधानसभा और अगले साल होने जा रहे लोकसभा चुनाव के बीच सरकार ने सोमवार को घोषणा की कि वे अल्पसंख्यक समुदाय के लिए प्राथमिकता क्षेत्र ऋणों के अनुपात को वर्तमान नौ फीसदी से बढ़ाकर 15 प्रतिशत करेगी तथा विकास परियोजनाओं के कुछ हिस्सों को अल्पसंख्यक बहुल इलाकों में लगाया जाएगा।

पिछले कुछ दिनों से तेज हुई क्षेत्रवाद की लड़ाई में शिवसेना ने एक और वार किया है। पार्टी ने एक तीर से दो निशाना लगाते हुए जहां रेल मंत्री लालू प्रसाद और उनकी पार्टी के विधायकों को आड़े हाथों लिया, वहीं कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के विदेशी मूल का मुद्दा भी उठा दिया। उन्होंने राजद विधायकों को सोनिया गांधी को वापस उनके मूल देश इटली भिजवाने की चुनौती तक दे डाली।

भारत में संयुक्त प्रगतिशील गठबंध (यूपीए) सरकार का अगला बजट 'आम आदमी' पर केंद्रित हो सकता है।
अभी सरकार की सबसे बड़ी चिंता बढ़ती महँगाई है। इसके संकेत प्रधानमंत्री मनमोहनसिंह खुद दे चुके हैं।

जब प्रधानमंत्री पिछले दिनो उद्योग और वाणिज्य संगठन फिक्की के सम्मेलन में पहुँचे तो उन्होंने महँगाई पर नियंत्रण को एक सामाजिक जवाबदेही करार दिया और कहा 'ये सवाल किए जा रहे हैं कि सरकार आर्थिक विकास को ताक पर रख कर महँगाई पर अनावश्यक ध्यान दे रही है। लेकिन ये ध्यान रखना चाहिए कि महँगाई की मार सबसे ज्यादा गरीबों पर पड़ती है।' उनके इस बयान के बाद शुक्रवार को जारी हुए आँकड़ों में महँगाई दर में बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है।


वर्ष 2007-08 के बजट में रक्षा क्षेत्र के लिए 96 000 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया था। सीआईआई जैसे उद्योग चेंबरों का आकलन है कि अगले पाँच साल के दौरान रक्षा क्षेत्र में अधिग्रहण और खरीद पर लगभग। 88000 करोड़ रुपए (लगभग 45.85 अरब डालर) खर्च होंगे।

महिन्द्रा एंड महिन्द्रा के उपाध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक आनंद महिन्द्रा ने बताया कि उद्योग का हालाँकि आकलन है कि आने वाले तीन से पाँच वर्षों में भारतीय रक्षा क्षेत्र का खर्च बढ़कर 40 अरब डॉलर के आसपास होने की संभावना है। लेकिन हमारा आकलन है कि बाजार के इन आँकड़ों को कम करके आँका गया है। उन्होंने कहा कि बाजार 100 अरब डॉलर के आसपास हो सकता है और इससे हमारी जैसी निजी कंपनियों को भारी बाजार मिलेगा।

महिन्द्रा ने कहा कि इस समय रक्षा क्षेत्र उनकी फर्म की वार्षिक आय में केवल 100 करोड़ रुपए का योगदान करता है। केवल महिन्द्रा ही नहीं बल्कि टाटा भी रक्षा क्षेत्र में जोरदार स्थिति बनाने की इच्छुक नजर आती है।

टाटा मोटर्स के प्रमुख (रक्षा कारोबार) वीएस नोरोन्हा ने कहा कि रक्षा ऐसा क्षेत्र है, जिस पर हमारी नजर है। हम इस क्षेत्र से लंबे समय से संबद्ध हैं। हम आने वाले वर्षों में इस क्षेत्र में बड़ी भूमिका निभाना जारी रखेंगे।

सेना को भारी वाहन आपूर्ति करने वाली कंपनी अशोक लीलैंड अब भारतीय सेना के लिए हल्के बख्तरबंद वाहन बनाने की दिशा में काम कर रही है। यह फर्म बारूदी सुरंग रोधी वाहन भी विकसित करने की दिशा में काम कर रही है। वह इस परियोजना में साझेदारी के लिए विदेशी फर्मों के साथ बातचीत कर रही है


पारंपरिक भारतीय ऑटो निर्माताओं से लेकर विनिर्माण कंपनियाँ और निजी कंपनियाँ अरबों डॉलर के भारतीय रक्षा बाजार में प्रवेश की तैयारी कर रही हैं। टाटा, महिन्द्रा एंड महिन्द्रा, अशोक लीलैंड, लार्सन एंड टुब्रो के अलावा अन्य कई कंपनियाँ पिछले कुछ साल से भारतीय सेना के साथ संबद्ध हैं। उद्योग प्रतिनिधियों का कहना है कि आने वाले वर्षों में रक्षा क्षेत्र का बड़ा बाजार बनेगा, जिसमें निजी कंपनियों की बड़ी हिस्सेदारी होगी।

वर्ष 2007-08 के बजट में रक्षा क्षेत्र के लिए 96 000 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया था। सीआईआई जैसे उद्योग चेंबरों का आकलन है कि अगले पाँच साल के दौरान रक्षा क्षेत्र में अधिग्रहण और खरीद पर लगभग। 88000 करोड़ रुपए (लगभग 45.85 अरब डालर) खर्च होंगे।

महिन्द्रा एंड महिन्द्रा के उपाध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक आनंद महिन्द्रा ने बताया कि उद्योग का हालाँकि आकलन है कि आने वाले तीन से पाँच वर्षों में भारतीय रक्षा क्षेत्र का खर्च बढ़कर 40 अरब डॉलर के आसपास होने की संभावना है। लेकिन हमारा आकलन है कि बाजार के इन आँकड़ों को कम करके आँका गया है। उन्होंने कहा कि बाजार 100 अरब डॉलर के आसपास हो सकता है और इससे हमारी जैसी निजी कंपनियों को भारी बाजार मिलेगा।

महिन्द्रा ने कहा कि इस समय रक्षा क्षेत्र उनकी फर्म की वार्षिक आय में केवल 100 करोड़ रुपए का योगदान करता है। केवल महिन्द्रा ही नहीं बल्कि टाटा भी रक्षा क्षेत्र में जोरदार स्थिति बनाने की इच्छुक नजर आती है।

टाटा मोटर्स के प्रमुख (रक्षा कारोबार) वीएस नोरोन्हा ने कहा कि रक्षा ऐसा क्षेत्र है, जिस पर हमारी नजर है। हम इस क्षेत्र से लंबे समय से संबद्ध हैं। हम आने वाले वर्षों में इस क्षेत्र में बड़ी भूमिका निभाना जारी रखेंगे।

सेना को भारी वाहन आपूर्ति करने वाली कंपनी अशोक लीलैंड अब भारतीय सेना के लिए हल्के बख्तरबंद वाहन बनाने की दिशा में काम कर रही है। यह फर्म बारूदी सुरंग रोधी वाहन भी विकसित करने की दिशा में काम कर रही है। वह इस परियोजना में साझेदारी के लिए विदेशी फर्मों के साथ बातचीत कर रही है

वर्तमान लोकसभा में मंगलवार को संप्रग सरकार का अंतिम रेल बजट पेश करने जा रहे रेलमंत्री लालू प्रसाद यादव आज ऐसी स्थिति में ही जहाँ से वह इतिहास में एक ऐसे रेलमंत्री के रूप में नाम लिखवा सकते हैं, जिसने पाँच वर्ष तक रेल किराये में कोई बढ़ोतरी नहीं की।

बहुत संभव है कि वह एक नया इतिहास रचकर ही रहें। यादव ने 2004 में अपने पहले बजट से अब तक किरायों में वृद्धि नहीं की है। रेलवे की वहन क्षमता में वृद्धि कर इस लोक उपक्रम को प्रबंध गुरु कहा जाने लगा है।

उन्होंने जनता के रेलमंत्री की अपनी छवि को पुख्ता करने के लिए पिछले वर्ष ऐसी प्रथम और द्वितीय श्रेणी के किरायों में दो से छह प्रतिशत की कमी की थी। साधारण श्रेणी के किरायों में एक रुपए की सांकेतिक कमी कर उन्होंने जनता के प्रति अपनी प्राथमिकता को जताने का एक और कदम उठाया था।

रेलमंत्री इस बार भी कहते आ रहे हैं कि वर्ष 2008-09 का रेल बजट जनता का बजट होगा। उन्होंने कहा है कि वह लोगों को आश्चर्य में डालने वाले काम करते रहे हैं। पर यह सुखद आश्चर्य हो सकता है।

यादव कल दोपहर 12 बजे लोकसभा में 2008-09 का बजट पेश करेंगे। दो बजे रेल बजट की प्रति राज्यसभा के पटल पर रखी जाएगी। रेलमंत्री संसद भवन में ही 2.15 बजे बजट पर संवाददाताओं से बातचीत करेंगे।

रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष केसी जेना 3.30 बजे रेल भवन में संवाददाता सम्मेलन में बजट की बारीकियों पर पत्रकारों के सवालों का जवाब देंगे।

रेलमंत्री यादव ने अपने कल पढ़े जाने वाले बजट भाषण की 'जिल्द' प्रेस छायाकारों को दिखाई। परंपरागत रूप से हर रेलमंत्री एक दिन पूर्व छायाकारों को इस तरह का अवसर देता है। उन्होंने इस मौके पर बजट के बारे में कोई टिप्पणी करने से इनकार करते हुए कहा- मैं मंगलवार को बोलूँगा।

अनुमान लगाया जा रहा है कि पिछले वर्ष की तरह इस वर्ष भी यादव सस्ती विमान सेवाओं से बढ़ती प्रतिस्पर्धा से निपटने के लिए उच्च श्रेणी वातानुकूलित यान के किरायों में कुछ और रियायत कर सकते हैं। ज्यादा शयिकाओं वाले स्लीपर क्लास के डिब्बों के किरायों में भी रेलमंत्री से कुछ रियायत की उम्मीद की जा सकती है।

यादव पूर्वी और पश्चिमी ट्रंक रूट के समानांतर मालगाड़ियों के लिए अलग लाइने बिछाने की बुनियाद रखने रेलवे स्टेशनों के आधुनिकीकरण यात्री सुविधाओं के विस्तार रेलवे स्टेशनों के आसपास शीतग्रहों और कृषि व्यवसाय के केंद्रों को विकसित करने की घोषणाओं को मूर्त रूप देने का यह दुर्लभ अवसर शायद ही गँवाना चाहते होंगे।

रेलमंत्री देश में बुलेट ट्रेन शुरू करने के प्रस्ताव को लेकर कभी भी बड़े उत्साहित नहीं रहे हैं पर इस बार का बजट राज्यों के साथ मिलकर बुलेट ट्रेन चलाने की संभावनाओं का पता लगाने की दिशा में कोई प्रगति दिखा सकता है। राष्ट्रपति का अभिभाषण महज कर्मकांड


http://in.jagran.yahoo.com/news/national/politics/5_2_4210104/

Feb 25, 05:02 pm

नई दिल्ली। भाजपा ने संसद के बजट सत्र के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक में राष्ट्रपति के अभिभाषण को वार्षिक कर्मकांड बताते हुए कहा कि इसमें उन महत्वपूर्ण समस्याओं से बचा गया जो देश के सामने मुंह बाए खड़ी हैं।

पार्टी के संसदीय दल के प्रवक्ता और लोकसभा में भाजपा के उप नेता विजय कुमार मल्होत्रा ने कहा कि यह महज वार्षिक कर्मकांड की तरह था और इसमें उन वास्तविक मुद्दों का कोई उल्लेख नहीं था जिनका देश सामना कर रहा है। उन्होंने बताया कि राष्ट्रपति के अभिभाषण पर उनकी पार्टी 55 संशोधन प्रस्तुत करने जा रही है।

अभिभाषण में पृथक तेलंगाना राज्य कश्मीरी पंडितों के लिए कल्याण पैकेज की घोषणा और अफजल गुरु की रहम याचिका के संबंध में कोई जिक्र नहीं करने पर रोष व्यक्त करते हुए मल्होत्रा ने कहा कि आंतरिक सुरक्षा को भी गंभीरता से नहीं लिया गया है।

उन्होंने बताया कि सोमवार को हुई विपक्षी गठबंधन राजग की बैठक में निर्णय किया गया कि किसानों की आत्महत्याएं जारी रहने तथा कृषि संकट के प्रश्न पर मंगलवार को दोनों सदनों में प्रश्नकाल स्थगित कर उस पर चर्चा कराने के लिए कार्यस्थगन प्रस्ताव लाने का निर्णय किया गया है।

मल्होत्रा ने बताया कि आवश्यक वस्तुओं के दामों में वृद्धि को भी कल दोनों सदनों में उठाया जाएगा। हालांकि उन्होंने स्पष्ट किया कि राजग ने केवल प्रश्नकाल स्थगित करने की मांग की है और वह रेल बजट प्रस्तुत किए जाने में किसी तरह की बाधा नहीं डालेगा।





संसद के बजट सत्र की शुरुआत
http://www.bbc.co.uk/hindi/regionalnews/story/2008/02/080224_parliament_session.shtml

राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल संसद के दोनों सदनों को संबोधित करेंगी
भारतीय संसद का बजट सत्र सोमवार से शुरू हो रहा है. संसद की शुरुआत राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल के अभिभाषण से होगी.
बजट सत्र में कांग्रेस नेतृत्ववाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार ने विपक्ष के हमलों से बचने की तैयारी की है.

दूसरी ओर विपक्ष ने महंगाई और किसानों की आत्महत्या जैसे मुद्दों पर सरकार को घेरने का ऐलान किया है.

केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रियरंजन दासमुंशी ने रविवार को पत्रकारों से बातचीत में कहा कि राष्ट्रपति प्रतिभा पटिल के अभिभाषण से बजट सत्र शुरू होगा.



सरकार किसी भी विषय पर चर्चा के लिए तैयार है लेकिन इस सत्र में वित्त संबंधी कामकाज होता है इसलिए उसे ही प्राथमिकता दी जाएगी


प्रियरंजन दासमुंशी, संसदीय मंत्री


रेल बजट 26 फ़रवरी और आम बजट 29 फ़रवरी को पेश किया जाएगा.

उन्होंने बताया कि आर्थिक समीक्षा 28 फ़रवरी को संसद में पेश की जाएगी और नगालैंड में राष्ट्रपति शासन बढ़ाने संबंधी विधेयक 26 फ़रवरी को पेश किया जाएगा.

उन्होंने विपक्ष के संबंध में कहा कि सरकार किसी भी विषय पर चर्चा के लिए तैयार है लेकिन इस सत्र में वित्त संबंधी कामकाज होता है इसलिए उसे ही प्राथमिकता दी जाएगी.

दूसरी ओर लोक सभा अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी ने रविवार को सर्वदलीय बैठक आयोजित की.

इसमें विपक्षी दलों ने महंगाई और किसानों की समस्या से निपटने में सरकार की विफलता का आरोप लगाते हुए सदन में इन मुद्दों पर विशेष बहस कराने की मांग की.











बजट सत्र आज से

भास्कर संवाददाताMonday, February 25, 2008 02:03 [IST]
भोपाल. सोमवार से शुरू हो रहा बजट सत्र चुनावी रंग से सराबोर रहेगा। सत्र के दौरान जहां सत्ता पक्ष लोक लुभावन बजट देकर मतदाताओं को आकर्षित करने की कोशिश करेगा ,वहीं मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस द्वारा सरकार की नीतियों के विरोध के साथ ही मंत्रियों के कथित भ्रष्टाचार , कानून व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति, बिजली पानी और किसानों की समस्या सहित अनेक मुद्दों को लेकर सरकार को नाकारा साबित करने की कोशिश करेगा।

सत्र की तैयारियों को लेकर रविवार को कांग्रेस विधायक दल ने अपनी रणनीति को अंजाम दिया। नेता प्रतिपक्ष जमुना देवी के निवास पर हुई बैठक में निर्णय लिया गया कि इस सत्र को पूरे समय चलने दिया जाएगा, ताकि सरकार की कमजोरियों को जनता तक ले जाया जा सके। बैठक की जानकारी देते हुए जमुना देवी ने पत्रकारों से कहा कि सत्र के दौरान विपक्ष मुख्यमंत्री शिवराज ¨सह चौहान के कथित डंपर घोटाले को सदन में उठाएगा।

नेता प्रतिपक्ष ने प्रदेश में व्याप्त सूखे पर ¨चता व्यक्त करते हुए सरकार पर इस मामले में राजनीति करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि भुखमरी के कारण लोगों के पलायन के बावजूद राहत कार्य नहीं खोले गए हैं । ओला एवं पाले से प्रभावित किसानों को राहत पहुंचाने में सरकार पूरी तरह विफल रही है। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सत्र के दौरान विपक्ष सरकार के चुनावी वायदों की वादाखिलाफी को भी प्रमुखता से उठाएगा।

बिजली, सड़क और पानी के मुद्दे पर सत्तारूढ़ हुई राज्य की भाजपा सरकार ने इस दिशा में अभी तक प्रभावी उपाय नहीं किए हैं। उन्होंने कहा कि बंद हो रहे उद्योगों, श्रमिकों को हटाए जाने तथा बढ़ती बेरोजगारी के मामलों में भी सरकार को कटघरे में खड़ा किया जाएगा। इसके अलावा किसानों की भू अधिकार एवं ऋण पुस्तिकाओं को बदलने, सड़कों के घटिया निर्माण, रोजगार गारंटी योजना, सर्वशिक्षा अभियान के क्रियान्वयन में गड़बड़ियां आदि मुद्दों को भी प्रमुखता से उठाया जएगा।

श्रीमती जमुना देवी ने कहा कि विपक्ष सदन में राज्य में बिगड़ती कानून व्यवस्था को प्रमुखता से उठाएगा। बैठक में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुरेश पचौरी, विधानसभा उपाध्यक्ष हजारीलाल रघुवंशी आदि भी मौजूद थे।





आईएईए से अगले दौर की वार्ता कल से
Feb 24, 09:24 pm

मुंबई। भारत अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी [आईएईए] के साथ सुरक्षा मानक समझौते पर कल से वियना में अगले दौर की बातचीत करेगा। भारत-अमेरिका असैनिक परमाणु करार को प्रभावी बनाने के लिए यह समझौता जरूरी है।

भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व परमाणु ऊर्जा विभाग के शीर्ष अधिकारी आरबी ग्रोवर करेंगे। वह रविवार को वियना पहुंच गए। बातचीत महीने के अंत तक चलने की उम्मीद है। सूत्रों ने बताया कि भारतीय वार्ताकार और आईएईए दल बातचीत में हुई प्रगति के संबंध में एजेंसी के बोर्ड आफ गवर्नर को लगातार अद्यतन रखे हुए है ताकि जब आधिकारिक तौर पर इसे बोर्ड के पास ले जाया जाए तो प्रक्रिया आसान हो। यह अभी ज्ञात नहीं है कि तीन मार्च से होने वाली बोर्ड की बैठक में इस मुद्दे को उठाया जाएगा अथवा नहीं।

भारत और अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी के बीच पिछले साल नवंबर से वियना में चार दौर की वार्ता हो चुकी है। इसके अतिरिक्त भारत केंद्रित सुरक्षा मानक समझौते के नए सांचे के निर्धारण के लिए कई दौर की अनौपचारिक चर्चा भी हो चुकी है।

करार को प्रभावी बनाने के लिए तेजी से प्रयास करने का भारत पर दबाव बनाते हुए अमेरिका ने हाल में ही कहा था कि आईएईए और परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह [एनएसजी] को मई तक इसे समेट देना चाहिए। ऐसा करने में विफल रहने पर भारत समान करार हासिल नहीं कर पाएगा।

अमेरिकी रुख से बेपरवाह भारत ने कहा कि यह एक जटिल मुद्दा है और बातचीत खत्म होने में कुछ वक्त लगेगा। परमाणु ऊर्जा आयोग के अध्यक्ष अनिल काकोडकर ने कहा कि हमें इसे जल्द से जल्द पूरा करना है लेकिन इसे सही तरीके से करना है। इसे सारी जरूरतों की पूर्ति करनी है और इसलिए यह एक लंबी तकनीकी प्रक्रिया है। इसमें कई कदम शामिल हैं। हमें चरणबद्ध तरीके से आगे बढ़ना है।

अगर भारत केंद्रित सुरक्षा मानक समझौते के संबंध में सहमति से इस हफ्ते तक मसौदा तैयार नहीं होता है तो भारत को जून में होने वाली बोर्ड की बैठक के लिए इंतजार करना होगा। इसका मतलब है कि अमेरिका द्वारा निर्धारित मई की समय सीमा को वह पूरा नहीं कर पाएगा।

परमाणु ऊर्जा आयोग [एईसी] के सदस्य एमआर श्रीनिवासन के अनुसार भारत केंद्रित समझौता विशेष है। एक बार मसौदा तैयार हो जाए तो इसे परीक्षण के लिए आयोग के पास भेजा जाएगा और तब मंजूरी के लिए संप्रग वाम राजनैतिक समिति के पास मंजूरी के लिए भेजा जाएगा।

भारत नए प्रारूप पर विचार कर रहा है जो सुविधा केंद्रित विशेष सुरक्षा मानक समझौता होगा। इसमें निर्बाध तरीके से ईधन की आपूर्ति और ईधन के भंडारण के संबंध में भारत के हितों का ध्यान रखने पर बल दिया जाएगा। आईएईए के सूत्रों के अनुसार बोर्ड आफ गवर्नर अंतिम सुरक्षा मानक समझौते को मंजूरी देने पर फैसला करने से पहले पांच हफ्ते की समीक्षा पर जोर दे रहा है।

सूत्रों ने बताया कि अगर दोनों पक्ष किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंचे तो बोर्ड जून में अपनी नियमित बैठक में इसे उठा सकता है। सहमत मसौदा तैयार होने के बाद अगला कदम होगा भूमंडलीय परमाणु व्यापार में भारत को भाग लेने की अनुमति देने के लिए परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह [एनएसजी] की मंजूरी लेना। भारत ने स्पष्ट और बिना शर्त हरी झंडी देने की मांग की।

एक बार जब मसौदे पर आईएईए की सहमति बन जाती है और भारत के परमाणु कारोबार पर लगी रोक को हटाने से संबंधित मसौदे पर एनएजसी की हरी झंडी मिल जाती है तो इसे अमेरिकी कांग्रेस की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा।



मेडिकल, डेंटल कोर्स में कोटे की घोषणा

एजेंसीMonday, February 25, 2008 19:53 [IST]
नई दिल्ली. केंद्र सरकार ने अंडर ग्रेजुएट मेडिकल और डेंटल कोर्सों में प्रवेश के लिए होने वाली अखिल भारतीय प्रवेश परीक्षा में इस साल से अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति (एससी/ एसटी) के उम्मीदवारों को आरक्षण देने का निर्णय किया है।

केंद्र ने यह फैसला सुप्रीम कोर्ट से स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा दायर आवेदन पर हरी झंडी मिलने के बाद किया है। शीर्ष कोर्ट ने इस सिलसिले में नीतिगत निर्णय लेने का जिम्मा केंद्र पर छोड़ दिया था। मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक को सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजूकेशन (सीबीएसई) द्वारा संचालित परीक्षाओं में एससी के लिए 15 फीसदी और एसटी के लिए 7.5 फीसदी आरक्षण लागू करने का निर्देश जारी किया गया है’।

कितनों को फायदा?: पिछले साल एमबीबीएस/ बीडीएस सीटों की कुल संख्या 2,075 थीं। ये सीटें विशेष योग्यता के आधार पर भरी गई थीं। प्रवेश में आरक्षण देने से इस साल 310 एससी और 155 एसटी छात्र लाभान्वित होंगे।

* एससी/एसटी को मिलेगा 15 और 7.5 फीसदी कोटा
* स्वास्थ्य मंत्रालय का फैसला
* 310 एससी और 155 एसटी उम्मीदवारों को मिलेगा फायदा

टॉप 20 कंपनियों में आरआईएल-रिलायंस कैप
Feb 25, 07:39 pm

नई दिल्ली। अंबानी बंधुओं की रिलायंस इंडस्ट्रीज और रिलायंस कैपिटल सहित सात भारतीय कंपनियों को अगले पांच वर्षो में अपेक्षित निवेशक लाभ के संदर्भ में एशिया प्रशांत क्षेत्र की 20 सर्वश्रेष्ठ कंपनियों में रखा गया है।

ग्लोबल इंवेस्टमेंट बैंकिंग कंपनी मार्गन स्टेंले द्वारा तैयार किए गए कल के विजेता नामक सूची में प्रमुख दूरसंचार कंपनी भारती एयरटेल, प्रमुख इंजीनियरिंग एवं निर्माण कंपनी लार्सन एंड टुब्रो, किशोर बियानी की अगुवाई वाली पैन्टलून रिटेल, आधारभूत ढांचा कंपनी आईडीएफसी और रीअल इस्टेट कंपनी सोभा डेवलपर्स भी शामिल हैं।

मार्गन स्टेन्ले ने एक रिपोर्ट में कहा कि चुनी गई कंपनियों में आधी से अधिक या तो चीन में पंजीकृत हैं अथवा भारत में। इनमें से कई आधारभूत ढांचा निवेश और प्रति व्यक्ति खपत वृद्धि जैसे तत्वों का लाभ उठा रही हैं।



सेंसेक्स ने 302 अंक की छलांग लगाई
Feb 25, 04:46 pm

मुंबई। देश के शेयर बाजारों में आज इंजीनियरिंग, रियलटी, तेल और धातु क्षेत्र की कंपनियों को मिले समर्थन से अच्छी बढ़त दर्ज की गई। बीएसई ने 302 और एनएसई ने 100 अंक की छलांग लगाई।

कारोबार के दौरान निरंतर उठापटक देखने को मिली। सत्र की शुरूआत में ऊंचा खुला बाजार दोपहर तक गिरावट में आ गया, इसके बाद फिर लिवाली का समर्थन मिलने से बाजार ने पलटी मारी।

एशिया के शेयर बाजारों से मिले-जुले समाचार थे। जापान का निक्केई छह सप्ताह के उच्च स्तर पर बंद हुआ, जबकि हांगकांग का हैंगसैंग व चीन का शंघाई कंपोजिट नीचे थे। पाकिस्तान का कराची शेयर बाजार का सूचकांक भी शुरू में ऊपर खुलने के बाद बढ़त को बरकरार नहीं रखा सका। ब्रिटेन के शेयर बाजार ऊपर खुले हैं।

कारोबारियों के मुताबिक गुरुवार को चालू माह के लिए वायदा एवं विकल्प कारोबार का निपटान होना है। इसे देखते हुए कुछ शार्ट कवरिंग के लिए लिवाली देखी गई। सेंसेक्स शुक्रवार के 17349.07 अंक की तुलना में 17523.81 अंक पर ऊंचा खुला और ऊपर में 17674.06 तथा नीचे में 17137.99 अंक तक गिरने के बाद समाप्ति पर कुल 301.50 अंक अर्थात 1.74 प्रतिशत ऊपर बंद हुआ।

सेंसेक्स में अच्छी बढ़त के बावजूद बीएसई के मिडकैप और स्मालकैप में नुकसान देखा गया। अन्य वर्गो में इंजीनियरिंग, धातु, आयल एंड गैस, रियलटी और आईटी कंपनियों के सूचकांक ऊंचे रहे।

एनएसई का निफ्टी 99.95 अंक अर्थात 1.76 प्रतिशत की बढ़त से 5200.70 अंक पर बंद हुआ। बीएसई में मझोले और लघु कंपनियों के शेयरों में बिकवाली के चलने से रुख नकारात्मक रहा। कुल 2740 कंपनियों के शेयरों में कामकाज हुआ और इसमें से 1074 अर्थात 39.20 प्रतिशत के शेयर ही मुनाफे में रहे। पंद्रह सौ छियानवे अर्थात 58.25 प्रतिशत कंपनियों के शेयरों में गिरावट और 70 में स्थिरता थी। सेंसेक्स की तीस कंपनियों में 26 ऊपर और चार के शेयर नीचे आए।

एचडीएफसी बैंक और सेंचुरियन बैंक आफ पंजाब के विलय के लिए शेयरों का जो अनुपात तय हुआ है, उससे निवेशक खुश नहीं दिखे और इसके चलते एचडीएफसी बैंक का शेयर ऊपर खुलने के बावजूद समाप्ति पर 3.54 प्रतिशत अर्थात 52.25 रुपए के नुकसान से 1422.70 रुपए रह गया। कारोबार के शुरू में यह 1499.90 रुपए पर खुला और ऊंचे में 1524 तथा नीचे में 1397.10 रुपए तक गिरा।

बजाज आटो, हिन्दुस्तान लीवर और महिंद्रा एंड महिंद्रा के शेयर सेंसेक्स के घाटे वाले अन्य शेयर थे। सेंसेक्स के फायदे वाले शेयरों में सर्वाधिक बढ़त सीमेंट कंपनी एसीसी के शेयर में थे। इसका शेयर 44.05 रुपए अर्थात 5.69 प्रतिशत बढ़कर 818.35 रुपए पर पहुंच गया। सेंसेक्स में सर्वाधिक भारांक रखने वाले रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयर में 2551.70 रुपए पर 5.02 प्रतिशत अर्थात 121.90 रुपए की तेजी रही। रिलायंस एनर्जी का शेयर 4.29 प्रतिशत अर्थात 66.80 रुपए की बढ़त से 1622.70 रुपए पर पहुंच गया।

रुपये की कमजोर को देखते हुए आईटर कंपनियों के शेयरों को खासी राहत मिली है। इस क्षेत्र की विप्रो, सत्यम कंप्यूटर और इंफोसिस टेकनोलाजी के शेयरों में दो से लेकर चार प्रतिशत तक की बढ़त देखी गई। ग्रासिम इंडस्ट्रीज, मारुति सुजूकी, एनटीपीसी, हिंडाल्को, रैनबैक्सी लैब, एलऐंडटी, सिप्ला लिमिटेड, टाटा मोटर्स, रिलायंस कंयुनीकेशंस, ओएनजीसी, भेल, आईसीआईसीआई बैंक और आईटीसी के शेयर सेंसेक्स के फायदे वाले शेयरों की सूची में थे।



100 डालर के करीब कच्चे तेल की कीमत
Feb 25, 05:37 pm

सिंगापुर। एशियाई बाजार में सोमवार को कच्चे तेल की कीमत 100 डालर के करीब पहुंच गई।

न्यूयार्क मुख्य सौदे का अप्रैल डिलीवरी वाला लाइट स्वीट कच्चा तेल 70 सेंट चढ़कर 99.51 डालर प्रति बैरल हो गया। इसी तरह अप्रैल डिलीवरी वाला ब्रेंट नार्थ सी कच्चा तेल 76 सेंट चढ़कर 97.77 डालर प्रति बैरल हो गया।







फाइजर का लाभ तीन गुना बढ़ा
Feb 25, 07:38 pm

मुंबई। दिग्गज दवा कंपनी फाइजर ने वित्तीय मोर्चे पर शानदार प्रदर्शन किया है। कंपनी ने 30 नवंबर 2007 को समाप्त वित्त वर्ष में 340 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ कमाया है जो गत वर्ष की तुलना में तीन गुना अधिक है। 30 नवंबर 2006 को समाप्त वित्त वर्ष में उसे 106.33 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ था।

कंपनी ने सोमवार को मुंबई शेयर बाजार को बताया कि इस दौरान उसकी कुल आय भी 721.88 करोड़ से बढ़कर 1019.76 करोड़ रुपये हो गई। यही नहीं, कंपनी बोर्ड ने प्रत्येक 10 रुपये के शेयर पर 27.50 रुपये के लाभांश की सिफारिश की है। इसमें 12.50 रुपये का सामान्य लाभांश और 15 रुपये का अतिरिक्त लाभांश शामिल है।









राष्ट्रपति ने दी सांसदों को नसीहत
Feb 25, 07:39 pm

नई दिल्ली। देश की पहली महिला राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने सोमवार को संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक के अपने पहले संबोधन में सांसदों को नसीहत दी कि वे हमेशा इस बात को याद रखें कि वे जनता के चुने हुए प्रतिनिधि हैं।

राष्ट्रपति ने अपने अभिभाषण के अंत में बहुत ही साफगोई के साथ कहा कि माननीय सदस्यगण, आप में से प्रत्येक को यह याद रखना है कि जनता के चुने हुए प्रतिनिधियों के रूप में आप जो करते हैं, वह न केवल आपके अपने मतदाताओं, बल्कि हमारे सभी लोगों और हमारे क्षेत्र तथा विश्व के कोने-कोने में शांति और स्वतंत्रता चाहने वाले लोगों में नई आशाएं जगाता है।

उन्होंने कहा कि इसलिए लोकतंत्र के इस प्रतिष्ठित सदन के भीतर जो आप कहते हैं और करते हैं, उसका प्रभाव न केवल हमारे लोगों की नियति पर बल्कि लोकतंत्र और पूरे विश्व में स्वतंत्र समाज के भविष्य पर भी पड़ेगा। पाटिल ने कहा कि ऐसे समय में जब लोकतांत्रिक जीवन असहिष्णुतावादी ताकतों के नए दबाव का सामना कर रहा है बहुलवादी, धर्मनिरपेक्ष और समावेशी लोकतंत्र के रूप में भारत की सफलता उन लाखों लोगों को आशा की नई किरण दिखाती है, जो अंधराष्ट्रवादी उग्रवाद के बढ़ने और अलगाववादी तथा घृणा की विचारधाराओं से चिंतित है। उन्होंने कहा कि आज विश्व इस महान लोकतंत्र को पहले से भी अधिक आशाओं और आकांक्षाओं से भरी नजरों से देख रहा है।



रिकार्ड बनाने के चक्कर में लालू
Feb 25, 06:04 pm

नयी दिल्ली। वर्तमान लोकसभा में कल संप्रग सरकार का अंतिम रेल बजट पेश करने जा रहे रेलमंत्री लालू प्रसाद यादव आज ऐसी स्थिति में है जहां से वह इतिहास में एक ऐसे रेलमंत्री के रूप में नाम लिखवा सकते हैं, जिसने पांच वर्ष तक रेल किराये में कोई बढ़ोत्तरी नहीं की। संभावना प्रबल है कि वह एक नया इतिहास रचकर ही रहे। यादव ने

2004 में अपने पहले बजट से अब तक किरायों में वृद्धि नहीं की है रेलवे की वहन क्षमता में वृद्धि कर, इस लोक उपक्रम को प्रबंध गुरु बना दिया है उन्होंने जनता के रेलमंत्री की अपनी छवि को पुख्ता करने के लिये पिछले वर्ष एसी प्रथम और द्वितीय श्रेणी के किरायों में दो से छह प्रतिशत की कमी की थी। साधारण श्रेणी के किरायों में एक रुपये की सांकेतिक कमी कर उन्होंने आज जनता के प्रति अपनी प्राथमिकता को जताने का एक और कदम उठाया था। रेलमंत्री इस बार भी कहते आ रहे हैं कि वर्ष 2008.09 का रेल बजट जनता का बजट होगा। उन्होंने कहा है कि वह लोगों को आश्चर्य में

डालने वाले काम करते रहे हैं, पर यह सुखद आश्चर्य हो सकता है।



मिल्स एंड बून भारत में

एजेंसीSunday, February 24, 2008 15:57 [IST]
नई दिल्ली. रोमांस को किताब की शक्ल में लोगों तक पहुंचाने वाले ब्रिटिश प्रकाशक ‘मिल्स एंड बून’ ने अपनी किताबें बेचने के लिए अब भारत का रुख किया है।

कंपनी को उम्मीद है कि उनकी किताबों का कामुक कथानक भारत के लोगों के दिलों में भी जगह बनाने में कामयाब होगा और उसका साहित्य यहां अपने लिए बाजार तलाश कर लेगा। हालांकि ‘मिल्स एंड बून’ जिसका अपने शहर ब्रिटेन में प्यार के बाजार में तीन चौथाई हिस्सा है, केवल भारत में ही शुरुआत कर रहा है।

मालूम हो कि इनकी किताबें देश में पहले से ही प्रचलित हैं। उसकी एक वजह ये भी हो सकती है कि ये गैर कानूनी तरीके से विदेश से आती रही हैं। किताबों के शौकीन खुद को लंबे समय में इनका मुरीद बता रहे हैं।

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