BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE 7

Published on 10 Mar 2013 ALL INDIA BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE HELD AT Dr.B. R. AMBEDKAR BHAVAN,DADAR,MUMBAI ON 2ND AND 3RD MARCH 2013. Mr.PALASH BISWAS (JOURNALIST -KOLKATA) DELIVERING HER SPEECH. http://www.youtube.com/watch?v=oLL-n6MrcoM http://youtu.be/oLL-n6MrcoM

Wednesday, March 28, 2012

बिना ब्रांड वाले आभूषणों पर उत्पाद शुल्क प्रस्ताव पर पुनर्विचार को प्रणव राजी

बिना ब्रांड वाले आभूषणों पर उत्पाद शुल्क प्रस्ताव पर पुनर्विचार को प्रणव राजी

Wednesday, 28 March 2012 18:32

नयी दिल्ली, 28 मार्च (एजेंसी) सर्राफा व्यापारियों के भारी विरोध को देखते हुए वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने आज बिना ब्रांड वाले आभूषणों पर उत्पाद शुल्क प्रस्ताव वापस लिये जाने का संकेत तो दिया लेकिन सोना पर बढ़ा हुआ आयात शुल्क वापस लेने से साफ इंकार कर दिया। 
वित्त मंत्री ने राज्यसभा में बजट पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि सोने पर बढ़े हुए आयात शुल्क को वापस लेना संभव नहीं है क्योंकि देश में पेट्रोलियम पदार्थों के आयात के बाद सबसे ज्यादा सोने का ही आयात होता है। ऐसे में शुल्क घटाने से सरकार को काफी नुकसान होगा। उन्होंने कहा कि हमारे देश में महज दो टन ही सोना निकाला जाता है और बाकी सारी आवश्यकता आयात के जरिये पूरी होती है। 
मुखर्जी ने यह भी घोषणा की कि सरकार पूर्वी राज्यों में दूसरी हरित क्राति लाने के लिए मुख्यमंत्रियों की समिति गठित करने पर विचार कर रही है। उन्होंने कहा कि यह समिति छत्तीसगढ, पश्चिम बंगाल, बिहार सहित पूर्वी राज्यों में दूसरी हरित क्रांति के उपायों पर विचार विमर्श करेगी और इस के लिए आर्थिक प्रावधान भी किये जायेंगे।
वित्त मंत्री ने दो लाख रुपये अथवा इससे अधिक के आभूषणों की खरीदारी में स्थायी खाता संख्या :पैन: के मुद्दे पर पुनर्विचार का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि वह इस बारे में अभी कोई घोषणा नहीं कर सकते। वित्त विधेयक पारित किये जाने के समय इस बारे में घोषणाएं की जायेंगी।
सदन ने बाद में 2012..13 के एक भाग के खर्च के लिये लेखानुदान मांगों और इससे जुडे विनियोग विधेयक को विचार करने के बाद ध्वनिमत से लोकसभा को लौटा दिया। लोकसभा इसे कल ही मंजूरी दे चुकी है। इसके साथ ही आम बजट पर चर्चा का पहला चरण पूरा हो गया
इससे पूर्व मुखर्जी ने कहा ''मैं छोटे आभूषण विके्रताओं के हालात को समझ सकता हूं .. मैं इस पर विचार कर रहा हूं ... अब

से वित्त विधेयक पारित होने तक के समय में मैं किसी स्वीकार्य फार्मूले पर काम करुंगा।''
वित्त मंत्री उस संदर्भ में बात कर रहे थे जिसमें उन्होंने बिना ब्रांड वाले सोने के आभूषणों को भी एक प्रतिशत उत्पाद शुल्क दायरे में लाने का बजट में प्रस्ताव किया है।      बजट के इस प्रस्ताव से सर्राफा व्यापारी काफी नाराज हैं और देशभर में इसके खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। 
सोने के आयात पर बढ़ाये गये शुल्क को कम करने की मांग पर प्रणव ने कहा इस ''निष्क्रय परिसंपत्ति'' के आयात से बेशकीमती विदेशी मु्रदा बाहर चली जाती है। भारत में पिछले वित्त वर्ष में 46 अरब डालर का सोना आयात किया गया। कच्चे तेल के आयात के बाद सबसे ज्यादा सोने का आयात हुआ।
उन्होंने कहा कि आसमान छूते तेल के दाम, अमेरिका और यूरोप में आर्थिक संकट से देश की अर्थव्यवस्था अछूती नहीं रह सकती। उन्होंने कहा कि परिस्थितियों के अनुसार उन्होंने सर्वोत्तम बजट पेश करने का प्रयास किया है। 
मुखर्जी ने यह भी कहा कि स्पष्ट जनादेश नहीं होने के कारण सरकार को अपने सभी सहयोगियों के नजरिये का ख्याल रखना पडता है। उन्होंने कहा कि इन सबके बावजूद मु्रदास्फीति में कमी आना संतोष की बात कही जा सकती है। 
बढती महंगाई और राजकोषीय घाटे के लिए वित्त मंत्री ने अंतरराष्ट्रीय बाजारों में तेल की उुंची कीमतों को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने पेट्रोल की कीमतों में बढोतरी के सरकार के फैसले को जायज ठहराया। उन्होंने कहा कि दुनिया के आर्थिक संकट से भारत अछूता नहीं रह सकता है। कच्चे तेल की कीमतें 115 डालर प्रति बैरल तक पहुंच गयी हैं।      उन्होंने कहा कि उुंची विकास दर हासिल करने के लिए कृषि क्षेत्र का विकास जरूरी है। >> हमें घरेलू मांग तेज करनी होगी और ऐसा तभी होगा, जब कृषि क्षेत्र में जबर्दस्त विकास हो।र्र् ंं उन्होंने कहा कि घरेलू मांग को बढ़ावा देने वाली रणनीति पर हम काम कर रहे हैं।

No comments:

LinkWithin

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...