BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE 7

Published on 10 Mar 2013 ALL INDIA BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE HELD AT Dr.B. R. AMBEDKAR BHAVAN,DADAR,MUMBAI ON 2ND AND 3RD MARCH 2013. Mr.PALASH BISWAS (JOURNALIST -KOLKATA) DELIVERING HER SPEECH. http://www.youtube.com/watch?v=oLL-n6MrcoM http://youtu.be/oLL-n6MrcoM

Friday, April 17, 2015

सूबे में गहराए कृषि संकट पर आपातकाल घोषित करे अखिलेश सरकार

सूबे में गहराए कृषि संकट पर आपातकाल घोषित करे अखिलेश सरकार
RIHAI MANCH
For Resistance Against Repression
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सूबे में गहराए कृषि संकट पर आपातकाल घोषित करे अखिलेश सरकार
किसानों को 50-100 रुपए के चेक देकर जले पर नमक छिड़क रही है प्रदेश सरकार
विकासपिता मोदी और धरतीपुत्र मुलायम किसानों को कारपोरेट की हित में ठकेल
रहे हैं आत्महत्या की ओर

लखनऊ 13 अपै्रल 2015। प्रदेश में लगातार हो रही बेमौसम बारिश से फसलों की
बर्बादी के बाद किसानों की आत्महत्या व उसके निपटने में सूबे की सरकार की
नीतिगत व संस्थागत   विफलता पर रिहाई मंच ने सूबे की सरकार से कृषि संकट
पर आपातकाल घोषित करने की मांग की है। मंच ने प्रमुख सचिव आलोक रंजन को
तत्काल हटाने की मांग करते हुए कहा कि उन्होंने असंवेदनशीलता दिखाते हुए
सूबे में 35 किसानों की सदमें से हुई मौत का आकड़ा दिया है और इसे फसल
बर्बादी की वजह नहीं माना है। जबकि मंच ने पिछले मार्च महीने में
मुख्यमंत्री को भेजे पत्र में 21 दिनों में 14 आत्महत्या व 49 दिल का
दौरा व सदमें से हुई मौतों का ब्योरा दिया था जो अब बढ़कर 400 से अधिक हो
चुका है।

रिहाई मंच कार्यकारिणी सदस्य अनिल यादव ने कहा कि पिछले दो दिनों से हो
रही बारिश से सिर्फ एक दिन में 56 किसानों की मौत का मामला सामने आया है
वहीं फैजाबाद के रुदौली के वाजिदपुर गांव में पीडि़तों को 50-100 रुपए के
चेक तो बुंदेलखंड में 186, 187 व 200 रुपए के चेकों के वितरण का मामला
सामने आया है। जो साफ करता है कि प्रदेश सरकार किसानों के सवाल पर नीतिगत
स्तर पर ही नहीं संस्थानिक स्तर पर भी असफल हो चुकी है। उन्होंने कहा कि
केन्द्र के विकासपिता मोदी और सूबे के धरतीपुत्र मुलायम की किसानों की
आत्महत्या पर चुप्पी साफ करती है कि देश में सरकारें नीतिगत स्तर पर
किसानों को आत्महत्या करने पर मजबूर कर रही हैं जिससे औने-पौने दामों में
किसान अपनी जमीनों को देशी व विदेशी लुटेरी कंपनियों को बेचने पर मजबूर
हो। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार को चाहिए कि किसानों को अधिक से अधिक
मुआवजा दे और इसके लिए अगर फंड की कमी हो रही हो तो उसे अगले साल होने
वाले अय्याशी के भद्दे आयोजन सैफई महोत्सव को अभी से टालने की घोषड़ा कर
दे जहां प्रदेश की जनता की गाढ़ी कमाई को ठुमकों और शराब पर लुटाया जाता
है।

रिहाई मंच नेता लक्ष्मण प्रसाद ने कहा कि जिस तरह से किसानों की
आत्महत्या, दिल का दौरा व सदमे से हो रही मौतों के मामले में यह तथ्य
प्रमुख रहा है कि किसान अपनी बेटियों की शादी जो तय हो चुकी थीं को लेकर
काफी चितिंत थे, जिस चिंता को फसलों की बर्बादी ने इस कदर बढ़ा दिया की
वो इस सदमें को बर्दाश्त नहीं कर पाए। ऐसे में प्रदेश सरकार न्यूनतम दो
लाख रुपए ऐसे किसानों को आवंटित करें जिनकी बेटियों की शादियां तय हो
चुकी हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में लगातार हो रही बारिश से अब किसानों
के पास उनके पशुओं को खिलाने के लिए भूसा भी नहीं बचा है। इस स्थिति में
प्रदेश सरकार मुआवजे की राशि के साथ-साथ पशुओं के चारे के लिए भी राशि
आवंटित करे।

द्वारा जारी
शाहनवाज आलम
प्रवक्ता, रिहाई मंच
09415254919
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Office - 110/46, Harinath Banerjee Street, Naya Gaaon Poorv, Laatoosh
Road, Lucknow
E-mail: rihaimanch@india.com
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