BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE 7

Published on 10 Mar 2013 ALL INDIA BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE HELD AT Dr.B. R. AMBEDKAR BHAVAN,DADAR,MUMBAI ON 2ND AND 3RD MARCH 2013. Mr.PALASH BISWAS (JOURNALIST -KOLKATA) DELIVERING HER SPEECH. http://www.youtube.com/watch?v=oLL-n6MrcoM http://youtu.be/oLL-n6MrcoM

Sunday, May 20, 2012

जारवा को जहान से जोड़ना चाहती है सरकार

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जारवा को जहान से जोड़ना चाहती है सरकार

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जारवा को जहान से जोड़ना चाहती है सरकार

हाल में कुछ लोगों द्वारा विडियो बनाये जाने के कारण चर्चा में आये जारवा जनजाति को अब सरकार जहान से जोड़ना चाहती है। राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग चाहता है कि अंडमान निकोबार द्वीप समूह पर मौजूद जारवा जनजाति समुदाय के साथ मेल जोल बढ़ाया जाये ताकि इनकी प्रतिरोधक क्षमता विकसित हो क्योंकि यह समुदाय अस्तित्व के संकट की ओर बढ़ रहा है। आयोग चाहता है कि जारवा समुदाय के इलाके में प्रशासन का दखल बढ़े। इसी उद्येश्य से उनके क्षेत्रों में घुसने की लगातार कोशिश की जा रही है ताकि उन पर भोजन और स्वास्थ्यकर दवाओं जैसी बुनियादी जरूरतें पहुंचे और उन्हें मुख्यधारा में शामिल किया जा सके।

आयोग के अध्यक्ष डाक्टर रामेश्वर उरांव ने कहा 'पहले जारवा समुदाय के क्षेत्र में घुसने पर ये लोग तुरंत तीर चला देते थे और किसी को अपने पास नहीं आने देते थे। लेकिन अब अंडमान प्रशासन धीरे धीरे उनके इलाकों में जा रहा है ताकि उन्हें मूलभूत सुविधाएं दी जाएं और मुख्यधारा से जोड़ा जाए। लेकिन योजनाओं को लागू करना असली चुनौती है।' उरांव ने कहा कि इन आदिवासियों की त्वचा बहुत संवेदनशील है और बाहरी लोगों के अधिक संपर्क में आने से उन्हें खसरा जैसे रोग हो जाते हैं क्योंकि उनकी रोगों से लड़ने की प्रतिरोधक क्षमता हमारे मुकाबले बहुत कम है। प्रतिरोधक क्षमता और प्रजनन शक्ति बढ़ाने के लिए उपाय किए जा रहे हैं।

जारवा जाति के लोग नब्बे के दशक के अंत में पहली बार बाहरी दुनिया की संपर्क में आए। 1997 के आसपास इस जनजाति के कुछ लोग जंगल से बाहर आकर आसपास मौजूद बस्तियों में जाने लगे। लेकिन, महीने भर के भीतर ही उनमें खसरा फैल गया। 2006 में भी वहां खसरा फैला। हालांकि किसी की मृत्यु की जानकारी नहीं मिली। सरकार ने पिछले दिनों कहा था कि अंडमान द्वीप समूह में रहने वाले जारवा आदिवासियों की आबादी 2001 की जनगणना के मुताबिक 240 थी जो 2011 में बढ़कर 383 हो गई। जनजातीय मामलों के मंत्री ने कहा था कि बीते दस सालों में जारवा की आबादी 40 फीसदी बढ़ी है।

बहरहाल, आयोग के अध्यक्ष उरांव ने चिंता जताते हुए कहा कि अंडमान निकोबार द्वीप समूह पर मौजूद जनजातियों की संख्या लगातार घटती जा रही है। ताजा आंकड़ों के अनुसार, जारवा समुदाय की संख्या लगभग 383 और एक अन्य जनजाति समुदाय ग्रेट अंडमानी की जनसंख्या केवल 97 रह गई है। हालांकि ये आंकड़े पूरी तरह से विश्वसनीय नहीं हैं क्योंकि यह अनुमान के आधार की गिनती है।

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