BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE 7
Published on 10 Mar 2013
ALL INDIA BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE HELD AT Dr.B. R. AMBEDKAR BHAVAN,DADAR,MUMBAI ON 2ND AND 3RD MARCH 2013. Mr.PALASH BISWAS (JOURNALIST -KOLKATA) DELIVERING HER SPEECH.
http://www.youtube.com/watch?v=oLL-n6MrcoM
http://youtu.be/oLL-n6MrcoM
Wednesday, May 30, 2012
अब देखना है कि मुख्यमंत्री अखिलेश डा. लेनिन के खिलाफ फर्जी मुकदमा वापस लेते हैं या नहीं!
अब देखना है कि मुख्यमंत्री अखिलेश डा. लेनिन के खिलाफ फर्जी मुकदमा वापस लेते हैं या नहीं!
एक्सकैलिबर स्टीवेंस विश्वास
डा0 लेनिन रघुवंशी एक सामाजिक कार्यकर्ता है एवं मानवाधिकार जननिगरानी समिति का महासचिव/अधिशासी निदेशक है। डा0 लेनिन को मानवाधिकार के क्षेत्र में किये गये कार्य को देखते हुए दक्षिण कोरिया से 2007 ग्वान्जू एवार्ड, ह्यूमन राइट्स 2008 आचा पीस स्टार अवार्ड (यू0ए0ए0) व 2010 वाइमर अन्तर्राष्ट्रीय मानवाधिकार पुरस्कार (जर्मनी) जनमित्र गाँव की परिकल्पना के लिए वांशिगटन स्थित अशोका फाउण्डेशन ने ''अशोका फेलोशिप'' प्रदान किया। जन निगरानी समिति भारत में मानवाधिकारों की रक्षा में सक्रिय अत्यंत सक्रिय और प्रभावशाली गैरराजनीतिक स्वयंसेवी संगठने है जो खासकर कर बुनकरों और अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा के लिए सक्रिय है।मालूम हो कि उत्पीड़ितो के मानवाधिकारों की रक्षा के लिए डा. लेनिन ने देशव्यापी नवदलित आंदलन शुरू किया है। जिसका देश विदेश में भारी स्वागत हुआ है। उत्तर प्रदेश की पूर्ववर्ती मायावती सरकार को मानवाधिकार जन निगरानी समिति और डा. लेनिन के समाजसेवा मूलक कामकाज, दलितों, उत्पीड़ितों कें बीच उनकी गतिविधियां पसंद नहीं थी और डा. लेनिन को फर्जी मुकदमे में फंसाने का काम हो गया। पर सत्ता बदलने के बावजूद उनके खिलाफ लंबित मुकदमा वापस नहीं हुआ, यह हैरतअंगेज है। इस सिलसिल में डा. लेनिन ने युवा मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, जो मानवाधिकार जन निगरानी के कामकाज से वाकिफ है, एक आवेदन पत्र भेजकर यह फर्जी मुकदमा वापस करने की गुहार लगायी है। अब देखना है कि मुख्यमंत्री अखिलेश डा. लेनिन के खिलाफ फर्जी मुकदमा वापस लेते हैं या नहीं!इससे समाजसेवी मानवाधिकार संगठनों के प्रति नयी सरकार का नजरिfया भी साफ हो जायेगा। ताज्जुब की बात यह है कि डां. लेनिन जैसे अंतरराष्ट्रीय ख्याति के सामाजिक कार्यकर्ता के खिलाफ इस तरह की कार्रवाई के खिलाफ केंद्र सरकार क्यों खामोश रही है!
डा0 लेनिन जो जिला बंधुवा निगरानी समिति का सदस्य भी हैं, उन्हें श्रम प्रवर्तन अधिकारी को राजेन्द्र प्रसाद तिवारी पुत्र श्री राजनरायन तिवारी निवासी ग्राम-बेलवां, थाना-फूलपुर, जिला-वाराणसी के विरूद्ध शिकायत की थी और उनकी शिकायत पर दिनांक 23/4/2002 को 10:00 बजे राजेन्द्र तिवारी के ईंट भट्ठा के प्रतिष्ठान की जाँच की गयी, तो श्रमिक गहरू पुत्र-सुखदेव, ग्राम-बेलवां, बडे़पुर, थाना-फूलपुर, वाराणसी बांडेड लेबर के रूप में ईंट भट्ठे के रूप में पाया गया, उसका बयान उप जिलाधिकारी पिण्डरा द्वारा लिया गया, जिसमें उसने बताया कि राजेन्द्र तिवारी उसे काम न करने पर धमकी देता है, किसी अन्य जगह काम करने नहीं देता, उसकी मजदूरी नहीं देता है। श्रम प्रवर्तन अधिकारी वाराणसी श्री ओ0पी0 गुप्ता द्वारा राजेन्दर प्रसाद तिवारी के विरूद्ध थाना-फूलपुर, वाराणसी में अ0सं0 114/02 अन्तर्गत धारा-374 भा0द0वि0 में दिनांक 23/4/2012 को थाना-फूलपुर, वाराणसी में रिपोर्ट दर्ज की गयी, जिसकी विवेचना अधिकारी द्वारा विवेचना के बाद आरोप पत्र न्यायालय में प्रेषित किया और उक्त मुकदमा सप्तम् ए0सी0जे0एम0 की न्यायालय में लम्बित है।इसकी प्रतिक्रिया में डा0 लेनिन रघुवंशी व उसकी पत्नी श्रुति रघुवंशी व उनकी साली अनुपम नागवंशी व संगठन में उस समय कार्यरत प्रेम व कलावती के विरूद्ध अपराध संख्या 357/07 अन्तर्गत धारा-505बी0 भा0द0वि0 थाना-फूलपुर, जिला-वाराणसी में एक प्रथम सूचना रिपोर्ट दिनांक 9/12/2007 को 17:00 बजे राजेन्दर प्रसाद त्रिपाठी पुत्र-स्व0 राजनारायण त्रिपाठी निवासी-बेलवां, थाना-फूलपुर, वाराणसी द्वारा दर्ज करा दिया। मानवाधिकार जननिगरानी समिति का कहना है कि प्रथम सूचना रिपोर्ट रंजिश वश साजिशन प्रार्थी व उसके संगठन पर नाजायज दबाव डालने के उद्देश्य से दर्ज करायी गयी।प्रथम सूचना रिपोर्ट के अवलोकन से प्रथम दृष्टया यह स्पष्ट हो जाता है कि प्रार्थी व अन्य के विरूद्ध 505बी0 भा0द0वि0 का कोई अपराध नहीं बनता है। प्रथम सूचना रिपोर्ट रंजिशन एवं साजिशन मनगढ़त झूठे कथानक के आधार पर दर्ज करा दी गयी है।मानवाधिकार जननिगरानी समिति का कहना है कि विद्वेष व रंजिश वश राजेन्द्र तिवारी द्वारा थाना स्थानीय से मिलकर प्रार्थी व उसकी पत्नी व उसके कार्यकर्ता के विरूद्ध उक्त मुकदमा अन्तर्गत धारा-505बी0 भा0द0वि0 थाना-फूलपुर, वाराणसी में गलत तरीके से दर्ज करा दिया। गौरतलब है कि तत्कालीन मुख्यमंत्री माननीया बहन मायावती ने समिति के कुपोषण उन्मूलन अभियान के खिलाफ प्रेस बयान दिया। जिसके तुरन्त बाद जिला प्रशासन ने मिलकर समिति के लोगों पर राजेन्द्र तिवारी से फर्जी मुकदमा लिखवाकर चार्जशीट लगा दी। जिस पर माननीय उच्च न्यायालय ने स्टे आर्डर दे रखा है।
मुख्यमंत्री को लिखा आवेदन इसप्रकार हैः
सेवा में,
माननीय श्री अखिलेश जी,
मुख्यमंत्री,
उत्तर प्रदेश शासन,
लखनऊ।
विषय: अपराध संख्या 357/07 सरकार-बनाम-डा0 लेनिन रघुवंशी आदि, अन्तर्गत धारा-505 बी0 भा0द0वि0 थाना-फूलपुर, जिला-वाराणसी केस नम्बर-2049/10 सप्तम् ए0सी0जे0एम0 वाराणसी को वापस लेने के सम्बन्ध में।
महोदय,
प्रार्थीगण निम्नलिखित निवेदन करते हैं:-
1. यह कि प्रार्थी डा0 लेनिन रघुवंशी एक सामाजिक कार्यकर्ता है एवं मानवाधिकार जननिगरानी समिति का महासचिव/अधिशासी निदेशक है। प्रार्थी को मानवाधिकार के क्षेत्र में किये गये कार्य को देखते हुए दक्षिण कोरिया से 2007 ग्वान्जू एवार्ड, ह्यूमन राइट्स 2008 आचा पीस स्टार अवार्ड (यू0ए0ए0) व 2010 वाइमर अन्तर्राष्ट्रीय मानवाधिकार पुरस्कार (जर्मनी) जनमित्र गाँव की परिकल्पना के लिए वांशिगटन स्थित अशोका फाउण्डेशन ने ''अशोका फेलोशिप'' प्रदान किया।
2. यह कि प्रार्थी डा0 लेनिन रघुवंशी व उसकी पत्नी श्रुति रघुवंशी व उनकी साली अनुपम नागवंशी व संगठन में उस समय कार्यरत प्रेम व कलावती के विरूद्ध अपराध संख्या 357/07 अन्तर्गत धारा-505बी0 भा0द0वि0 थाना-फूलपुर, जिला-वाराणसी में एक प्रथम सूचना रिपोर्ट दिनांक 9/12/2007 को 17:00 बजे राजेन्दर प्रसाद त्रिपाठी पुत्र-स्व0 राजनारायण त्रिपाठी निवासी-बेलवां, थाना-फूलपुर, वाराणसी द्वारा दर्ज करा दिया।
3. यह कि उक्त प्रथम सूचना रिपोर्ट रंजिश वश साजिशन प्रार्थी व उसके संगठन पर नाजायज दबाव डालने के उद्देश्य से दर्ज करायी गयी।
4. यह कि प्रथम सूचना रिपोर्ट के अवलोकन से प्रथम दृष्टया यह स्पष्ट हो जाता है कि प्रार्थी व अन्य के विरूद्ध 505बी0 भा0द0वि0 का कोई अपराध नहीं बनता है। प्रथम सूचना रिपोर्ट रंजिशन एवं साजिशन मनगढ़त झूठे कथानक के आधार पर दर्ज करा दी गयी है।
5. यह कि प्रार्थी डा0 लेनिन जो जिला बंधुवा निगरानी समिति का सदस्य भी हैं, उन्हें श्रम प्रवर्तन अधिकारी को राजेन्द्र प्रसाद तिवारी पुत्र श्री राजनरायन तिवारी निवासी ग्राम-बेलवां, थाना-फूलपुर, जिला-वाराणसी के विरूद्ध शिकायत किया था और उसकी शिकायत पर दिनांक 23/4/2002 को 10:00 बजे राजेन्द्र तिवारी के ईंट भट्ठा के प्रतिष्ठान की जाँच किया गया, तो श्रमिक गहरू पुत्र-सुखदेव, ग्राम-बेलवां, बडे़पुर, थाना-फूलपुर, वाराणसी बांडेड लेबर के रूप में ईंट भट्ठे के रूप में पाया गया, उसका बयान उप जिलाधिकारी पिण्डरा द्वारा लिया गया, जिसमें उसने बताया कि राजेन्द्र तिवारी उसे काम न करने पर धमकी देता है, किसी अन्य जगह काम करने नहीं देता, उसकी मजदूरी नहीं देता है। श्रम प्रवर्तन अधिकारी वाराणसी श्री ओ0पी0 गुप्ता द्वारा राजेन्दर प्रसाद तिवारी के विरूद्ध थाना-फूलपुर, वाराणसी में अ0सं0 114/02 अन्तर्गत धारा-374 भा0द0वि0 में दिनांक 23/4/2012 को थाना-फूलपुर, वाराणसी में रिपोर्ट दर्ज की गयी, जिसकी विवेचना अधिकारी द्वारा विवेचना के बाद आरोप पत्र न्यायालय में प्रेषित किया और उक्त मुकदमा सप्तम् ए0सी0जे0एम0 की न्यायालय में लम्बित है।
6. यह कि उसी विद्वेष व रंजिश वश राजेन्द्र तिवारी द्वारा थाना स्थानीय से मिलकर प्रार्थी व उसकी पत्नी व उसके कार्यकर्ता के विरूद्ध उक्त मुकदमा अन्तर्गत धारा-505बी0 भा0द0वि0 थाना-फूलपुर, वाराणसी में गलत तरीके से दर्ज करा दिया।
7. तत्कालीन मुख्यमंत्री माननीया बहन मायावती ने समिति के कुपोषण उन्मूलन अभियान के खिलाफ प्रेस बयान दिया। जिसके तुरन्त बाद जिला प्रशासन ने मिलकर समिति के लोगों पर राजेन्द्र तिवारी से फर्जी मुकदमा लिखवाकर चार्जशीट लगा दी। जिस पर माननीय उच्च न्यायालय ने स्टे आर्डर दे रखा है।
8. यह कि उपरोक्त परिस्थितियों को मद्देनजर रखते हुए मुकदमा संख्या 2049/10 व अ0सं0 357/07 सरकार-बनाम-डा0 लेनिन रघुवंशी आदि, अन्तर्गत धारा 505बी0 भा0द0वि0 थाना-फूलपुर, वाराणसी का अभियोजन वापस लिया जाना न्यायसंगत है।
अतः श्रीमान् जी से विनम्र निवेदन है कि मुकदमा संख्या 2049/10 अपराध संख्या 357/07 व सरकार-बनाम-डा0 लेनिन रघुवंशी आदि अन्तर्गत धारा-505बी0 भा0द0वि0 थाना-फूलपुर, वाराणसी का अभियोजन वापस लिये जाने का आदेश कृपा कर, पारित करें, ताकि न्याय हो।
संलग्नक:-
1. चार्जशीट की प्रतिलिपि।
2. एफ0आई0आर0 की प्रतिलिपि।
3. अन्य।
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