BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE 7

Published on 10 Mar 2013 ALL INDIA BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE HELD AT Dr.B. R. AMBEDKAR BHAVAN,DADAR,MUMBAI ON 2ND AND 3RD MARCH 2013. Mr.PALASH BISWAS (JOURNALIST -KOLKATA) DELIVERING HER SPEECH. http://www.youtube.com/watch?v=oLL-n6MrcoM http://youtu.be/oLL-n6MrcoM

Saturday, April 28, 2012

काश मैं बैठक की रिकॉर्डिंग कर लेता तो पूरा देश टीम अन्ना को पत्थर मारता : शमून कासमी

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[LARGE][LINK=/index.php/yeduniya/1255-2012-04-28-11-37-54]काश मैं बैठक की रिकॉर्डिंग कर लेता तो पूरा देश टीम अन्ना को पत्थर मारता : शमून कासमी [/LINK] [/LARGE]
Written by एएन शिबली Category: [LINK=/index.php/yeduniya]सियासत-ताकत-राजकाज-देश-प्रदेश-दुनिया-समाज-सरोकार[/LINK] Published on 28 April 2012 [LINK=/index.php/component/mailto/?tmpl=component&template=youmagazine&link=ec0104e66eb9b38c5f058f0b821ef72693280e40][IMG]/templates/youmagazine/images/system/emailButton.png[/IMG][/LINK] [LINK=/index.php/yeduniya/1255-2012-04-28-11-37-54?tmpl=component&print=1&layout=default&page=][IMG]/templates/youmagazine/images/system/printButton.png[/IMG][/LINK]
: [B]टीम अन्‍ना से अलग हुए कोर कमेटी के एकमात्र मुस्लिम सदस्य मुफ़्ती शमून कासमी से एएन शिबली की बातचीत[/B] : मुफ्ती समून कासमी अब तक न तो भारतीय मुसलमानों के लिए और न ही भारतीय मीडिया के लिए कोई बड़ा नाम था, मगर एक आरोप के बाद टीम अन्ना से अलग हुए शमून कासमी अचानक सुर्खियों में आ गए हैं. एक ओर जहां वह अन्ना और उनकी टीम पर विभिन्न आरोप लगा रहे हैं वहीं टीम अन्ना यह कह रही है कि क्योंकि मुफ्ती जासूसी का काम कर रहे थे इसलिए हमने उन्हें अपनी टीम से निकाल दिया है. एक तरफ जब अहमद बुखारी समेत अधिकतर मुसलमान अन्ना और उनकी टीम को मुस्लिम विरोधी बता रहे थे उस समय भी वह अन्ना की टीम में बने रहे मगर अब उन्हें अन्ना की टीम मुस्लिम विरोधी नज़र आने लगी है. सच्चाई क्या है यह जानने के लिए ए एन शिबली ने उनसे बातचीत की. यहां पेश है उसी बातचीत के मुख्य अंश -

[B]प्रश्‍न : क्या आना टीम वास्तव में मुस्लिम विरोधी है?[/B]

[B]उत्तर:[/B] देश से भ्रष्टाचार के उन्मूलन के नाम पर बनी अन्ना की यह टीम केवल मुस्लिम विरोधी ही नहीं बल्कि लोकतंत्र विरोधी भी है. एक ओर जहां उन्हें अपनी टीम में कोई मुसलमान पसंद नहीं है उसी तरह उन्हें लोकतंत्र पर भरोसा नहीं है और टीम भ्रष्टाचार के उन्मूलन के नाम पर आंदोलन चलाने का सारा ड्रामा केवल अपने लाभ के लिए कर रही है. हमने टीम अन्ना से  हमेशा कहा कि देश में एक बड़ा आंदोलन चलाना है तो इसके लिए आवश्यक है कि हर किसी को विश्वास में लिया जाए. हर धर्म के बड़े नेताओं और मौलाना हाजरात से बात की जाये और उन्हें इस आंदोलन में शामिल किया जाये लेकिन उन्होंने हमारी कभी नहीं सुनी और अपनी चलाते रहे. वह तो मुझे अन्ना हजारे ने अपनी टीम में शामिल करवाया था वरना अरविंद केजरीवाल आदि कभी नहीं चाहते थे कि मैं इस टीम में रहूँ. यही वजह है कि उन्होंने मुझे हमेशा दबाने की कोशिश की और आज एक बहाना तलाश करके मुझे अपनी टीम से बाहर कर दिया.

[B]प्रश्न: जब टीम अन्ना मुसलमानों के खिलाफ थी तो फिर अब तक इस टीम के हिस्सा क्यों बने रहे?[/B]

[B]उत्तर: [/B]जब मैंने शुरू में इस टीम के उद्देश्यों को समझा तो मुझे लगा कि ये लोग एक बड़े काम के लिए आगे आए हैं और उनके साथ मिलकर काम करना चाहिए, लेकिन जब धीरे-धीरे मुझे अंदाज़ा हुआ कि इस आंदोलन के बहाने इस टीम का प्रत्येक सदस्य अपना अपना उल्लू सीधा करने की कोशिश में लगा है, तो मैंने अपने स्तर पर इसका विरोध शुरू किया, मगर मेरी कभी नहीं सुनी गई. मैं अभी भी टीम से अलग नहीं होना चाहता था लेकिन अब चूंकि हालात ऐसे पैदा कर दिए गए तो मुझे लगा कि अब उनके साथ रहना उचित नहीं है. मेरी बातों को हमेशा दबा दिया गया. अरविंद केजरीवाल और उनके लोगों की हमेशा यह कोशिश रही कि मौलाना को सामने नहीं आने देना है. आप विभिन्न वीडियो रिकॉर्डिंग में देख सकते हैं कि मैं जब भी आगे आया मुझे पीछे कर दिया गया. मैं कार्यक्रम के दौरान जब भी मंच पर आगे बैठता बड़ी चालाकी से मनीष सिसोदिया और अरविंद केजरीवाल मुझे पीछे कर देते ताकि भारत के लोगों में मेरी पहचान नहीं बन सकें. कोर कमेटी में एकमात्र मुसलमान होने के बावजूद मेरी कोई पहचान नहीं थी. हालांकि मुझे जहाँ भी बोलने का मौका मिलता मुझे लोग काफी पसंद करते खासकर हिंदू युवा मेरे भाषणों से काफी प्रभावित होते, मगर चूंकि अरविंद केजरीवाल को लगता था कि मैं अपनी विशेष पहचान बना रहा हूँ इसलिए मुझे आगे आने का मौका ही नहीं दिया जाता और अब एक साजिश के तहत मुझे आरोप लगाकर मुझे टीम आना से बाहर कर दिया गया है. ईमानदारी की बात कहूं तो मैं खुद इस टीम में नहीं रहना चाहता था क्योंकि धीरे-धीरे ये लोग ऐसा करने लगे थे जो किसी भी लोकतांत्रिक देश के लिए उचित नहीं था.

[B]प्रश्न: आप पर कुछ लोग यह आरोप लगाते हैं कि आप की कोशिश रहती थी कि मेरे अलावा कोई दूसरा मुसलमान इस टीम में शामिल न हो ताकि मेरा महत्व बना रहे?[/B]

[B]उत्तर :[/B] ये आरोप ग़लत है. मैं ने कई मुसलमानों को टीम अन्ना से मिलवाया. मैं ऐसे कई लोगों के नाम गिनवा सकता हूं जो मेरे कारण टीम अन्ना के पास आए. वैसे भी जब मेरे पास यह पावर था ही नहीं कि किसे टीम में रखा जाए और किसे नहीं तो फिर मैं भला कैसे किसी को टीम में रख या टीम से बाहर कर सकता हूँ. वैसे भी अगर मैं क्षमता है तो कौन मुझे आगे बढ़ने से रोक सकता है. मैं तो चाहता था कि अधिकतम मुसलमानों को प्रतिनिधित्व मिले ताकि यह अभियान सफल हो सके. लेकिन अरविंद केजरीवाल और उनके चेले चपाट मुसलमानों को आगे बढ़ने देना नहीं चाहते और इसलिए उन्होंने एक साजिश के तहत मुसलमानों को इस अभियान से दूर रखा. मैं कौन हूँ मुसलमानों को इस अभियान से दूर रखने वाला. अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया, प्रशांत भूषण और किरण बेदी ही सारे फैसले लेते हैं. जब इस टीम में अन्ना की नहीं चलती तो मेरी क्या चलेगी. जिस कुमार विश्वास को आप अक्सर चैनलों पर देखते हैं उसे भी एक लाउडस्पीकर के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है. महत्वपूर्ण फैसले लेते समय उसे कोई महत्व नहीं दिया जाता.

[B]प्रश्न: क्या आपकी जगह अब शाजिया इल्मी को टीम में लाने की कोशिश हो रही है?[/B]

[B]उत्तर: [/B]शाजिया इल्मी के टीम अन्ना में आने से क्या हो जाएगा. जिस महिला में इतनी क्षमता नहीं है कि वह अपना घर संभाल सके वह इतनी बड़ी अभियान का हिस्सा कैसे बन सकता है. उसे ज़बरदस्ती मेरे बराबर लाकर खड़ा करने की कोशिश की जा रही है. अन्ना स्वयं शाजिया ज्ञान को पसंद नहीं करते. जिस बैठक को लेकर हंगामा हुआ है उसमें शाजिया इल्मी भी थी. क्योंकि वह कोर कमेटी की सदस्य नहीं है इसलिए अन्ना हजारे भी नहीं चाहते थे कि इस बैठक में रहे मगर चूंकि बेचारे अन्ना की नहीं चलती इसलिए वह बैठक में रही.

[B]प्रश्न: कोर कमेटी की बैठक के दौरान रिकॉर्डिंग की सच्चाई क्या है?[/B]

[B]उत्तर:[/B] पहली बात तो यह कि मैं वहां कोई रिकॉर्डिंग नहीं कर रहा था और अगर वहाँ रिकॉर्डिंग होती भी तो इसमें गलत बात किया है. काश मैं वहां रिकॉर्डिंग कर पाता. अगर वहाँ रिकॉर्डिंग हो जाती तो पूरे हिंदुस्तान को पता चल जाता कि जो टीम अन्ना भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ने का ढोंग कर रही है उसकी असलियत क्या है. अगर हिंदुस्तान के लोग उनकी रिकॉर्डिंग देख लेते तो उन पर पत्थर बरसाते. बैठक में सदस्य एक दूसरे को बुरा भला कह रहे थे और अन्ना कुछ नहीं कर पा रहे थे. इस टीम में सबसे बुरी बात यह है कि यह लोग खुद को संसद से बड़ा समझते हैं. जिन सांसदों को भारत की जनता ने वोट देकर संसद पहुंचाया है यह लोग उसे गाली दे रहे हैं.

[B]प्रश्न: आपका अगला कदम क्या होगा?[/B]

[B]उत्तर:[/B] मुसलमान होने की वजह से इस देश में हमारी दोहरी जिम्मेदारी है. अब जल्द ही पूरे हिन्दुस्तान में भ्रष्टाचार के खिलाफ अभियान शुरू करूंगा. इस संबंध में मैंने सभी धार्मिक नेताओं और बुद्धिजीवियों से मुलाकात शुरू कर दी है और सारी तैयारी पूरा होने के बाद जल्द ही इस सिलसिले में काम शुरू हो जाएगा. मैं चाहूंगा कि इस अभियान में राजनीतिज्ञ भी शामिल हैं. हमारी राजनीतिज्ञों से अपील होगी कि आप ऐसे लोगों को टिकट ही न दें जिनका आपराधिक रिकॉर्ड है. हमारी यह कोशिश भी होगी कि हम चुनाव आयोग से यह अपील करें कि आपने उम्मीदवारों को चुनाव के दौरान खर्च की सीमा तय कर रखी है उसे समाप्त किया जाए. चुनाव अभियान में लाखों रुपए खर्च करना किसी भी तरीके से सही नहीं कहा सकता. मैं विश्व शांति  फाउंडेशन का उपाध्यक्ष हूं और इसी के बैनर के तहत हमारी कोशिश होगी कि भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ा जाए.

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