Sunday, 29 April 2012 11:17 |
तवलीन सिंह अगर सोच रहे हैं तो इसके बारे में भी सोचिए कि अपने राजनेताओं के सुपुत्र-सुपुत्रियां किस तरह इतने अमीर हो जाते हैंं? मेरा तो मानना है कि अगर इनके कारोबार की जांच की जाए तो कई ऐसे राज सामने आ जाएंगे कि देश हैरान रह जाएगा। लेकिन जांच करने वाले कहां रहे, जब उच्च स्तर की जांच करने वाली संस्थाओं की मिट््टी पलीद कर दी है स्वीडन के पूर्व पुलिस अधीक्षक स्टेन लिंडस्ट्रोम ने? पिछले सप्ताह खुलकर कह दिया उन्होंने कि जो अधिकारी भेजे गए थे स्वीडन बोफर्स सौदे की जांच करने, उन्होंने इतनी लापरवाही दिखाई वहां पहुंचने के बाद कि उनसे भी नहीं मिले, जो स्वीडिश पुलिस अधिकारी इस जांच के बारे में जानते थे। अगर आज भी हम बोफर्स सौदे को लेकर किसी को दंडित करना चाहते हैं तो क्वात्रोकी को भूल कर उन अधिकारियों के बारे में पता लगाना चाहिए जो उस वक्त स्वीडन गए थे। क्या नाम था उनका? कहां हैं अब? और वे कौन थे, जिन्होंने क्वात्रोकी को आधी रात को भागने दिया भारत से? कम से कम इन लोगों को अगर सजा होती हैं तो कुछ तो तसल्ली होगी, बोफर्स के मामले में। रही बात क्वात्रोकी की, तो दाद देनी पड़ेगी उसे और याराना पूंजीवाद के उस जमाने को, जिसमें उनके लिए पैसा बनाना इतना आसान था, जिनके दोस्त शक्तिशाली राजनेता थे। क्वात्रोकी भारत आया था एक मामूली-सा मुलाजिम बन कर- स्नैमप्रोगेट््टी नाम की इतालवी कंपनी के लिए। और जब भागा आधी रात को, चोरों की तरह दिल्ली से 1992 में, तो इतना अमीर बन चुका था कि उसे दुबारा नौकरी करने की जरूरत ही नहीं कभी पड़ी। ऊपर से मनमोहन सिंह की मेहरबानियां इतनी कि सबूत न होने के आधार पर 2009 में उसे बाइज्जत बरी कर दिया गया। |
BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE 7
Published on 10 Mar 2013
ALL INDIA BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE HELD AT Dr.B. R. AMBEDKAR BHAVAN,DADAR,MUMBAI ON 2ND AND 3RD MARCH 2013. Mr.PALASH BISWAS (JOURNALIST -KOLKATA) DELIVERING HER SPEECH.
http://www.youtube.com/watch?v=oLL-n6MrcoM
http://youtu.be/oLL-n6MrcoM
Sunday, April 29, 2012
असल दोषी कौन
असल दोषी कौन
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment