BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE 7
Published on 10 Mar 2013
ALL INDIA BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE HELD AT Dr.B. R. AMBEDKAR BHAVAN,DADAR,MUMBAI ON 2ND AND 3RD MARCH 2013. Mr.PALASH BISWAS (JOURNALIST -KOLKATA) DELIVERING HER SPEECH.
http://www.youtube.com/watch?v=oLL-n6MrcoM
http://youtu.be/oLL-n6MrcoM
Monday, March 26, 2012
घोटालों में फंसी सरकार को राष्ट्रीय सुरक्षा की लाइफ लाइन
घोटालों में फंसी सरकार को राष्ट्रीय सुरक्षा की लाइफ लाइन
पलाश विश्वास
सेना प्रमुख जनरल वी . के . सिंह को कथित तौर पर 14 करोड़ रुपए रिश्वत की पेशकश किए जाने का मामला सामने आने के बाद देश का सियासी माहौल एक बार फिर गरमा गया है। बीजेपी, एसपी, लेफ्ट सहित तमाम विपक्षी पार्टियों ने इस मामले को गंभीर बताते हुए आज संसद में हंगामा किया। हंगामे के चलते लोकसभा 2 बजे तक स्थगित करनी पड़ी है। रक्षा मंत्रालय के मुताबिक रक्षा मंत्री ए के एंटनी ने जनरल वी के सिंह के दावों की सीबीआई जांच के आदेश दे दिए हैं। रक्षा मंत्री ए . के . एंटनी ने आरोप की गंभीरता को स्वीकार करते हुए मामले की सीबीआई जांच के आदेश दे दिए हैं। उन्होंने संसद में बयान देने की भी तैयारी दिखाई है। मगर, विपक्ष इन घोषणाओं से संतुष्ट नहीं है। दोनों सदनों में विपक्षी पार्टियों ने जमकर हंगामा किया। यूपीए सरकार को एक और लाइफ लाइन मिल गयी। कल तक हो रहे स्पेक्ट्रम और कोयला घोटालों से डाइवर्ट होकर मामला अब रक्षा विभाग के पाले में है। अभी हाल में बजट से पहले लगातार बढ़ रहे राजकोषीय घाचटे और गिरती विकास दर के मुकाबले चीन की ओर से देश की सुरक्षा को खतरा का मामला भवंडर बनकर सामने आया, सामाजिक योजनाओं और कृषि के खाते में कटौती करके अंततः रक्षा बजट में सत्रह प्रतिशत वृद्धि कर दी गयी और गुबार साफ हो गया। रक्षा घोटाला कोई नयी बात तो नहीं है। दर्सल रक्षा सौदों के जरिये राजनीतिक दलों के लिए चुनाव जीतने लायक संसाधन जुटाये जाते रहे हैं। चाहे मामला बोफर्स का हो या हाल फिलहाल के आदर्श सोसाइटी घोटाला, हस्र क्या हुआ? अंध राष्ट्रभक्ति की आड़ में सत्ता वर्ग का कारोबार चलता रहता है। नये घोटाले के पर्दाफाश तक जमकर चर्चा होती है और ऩया घोटाला सतह पर आते ही पुराना मामला स्वतः रफा दफा हो जाता है।
सेना अध्यक्ष जनरल वीके सिंह ने एक सनसनीखेज खुलासा करते हुए कहा है कि रक्षा उपकरणों की बिक्री से जुड़े एक लॉबिस्ट ने उन्हें 14 करोड़ रुपये घूस की पेशकश की थी। 'द हिंदू' अखबार को दिए इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि 600 खराब वाहनों की बिक्री के कॉन्ट्रैक्ट के लिए वर्ष 2010 में मुझे 14 करोड़ रुपये की रिश्वत देने की पेशकश की गई थी। सेना अध्यक्ष जनरल वीके सिंह ने कहा कि यह बात उन्होंने रक्षा मंत्री ए के एंटनी को भी बताई थी। रक्षा सौदों में दलाली के जिस खेल की तरफ सेनाध्यक्ष वी के सिंह ने इशारा किया है क्या उसमें सेना के मौजूदा और रिटायर्ड अधिकारी भी शामिल हैं? इस सवाल का जवाब हाल ही में आई सेना की ही एक प्रेस रिलीज दे रही है। रिलीज में सेना प्रमुख को रिश्वत की पेशकश से जुड़े मामले का भी जिक्र है। ये रिलीज इसी महीने की 5 तारीख को जारी की गई थी जब सेना पर रक्षा मंत्री सहित मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों की जासूसी का आरोप लगा था।उम्र विवाद मुद्दे पर सरकार को सुप्रीम कोर्ट में घसीट चुके थल सेना अध्यक्ष जनरल वीके सिंह के नए पैंतरे से कांग्रेस और संप्रग के प्रबंधक खासे सतर्क हैं। रिश्वत की पेशकश और इसकी जानकारी रक्षा मंत्री एके एंटनी को होने का रहस्योद्घाटन कर जनरल ने एक बार फिर सरकार को सकते में डाल दिया है।बहरहाल सेनाध्यक्ष वीके सिंह के करीबी सूत्रों का दावा है कि उनके पास इस बात के पुख्ता सुबूत हैं कि एक लॉबिस्ट द्वारा वीके सिंह को 14 करोड़ रुपये की घूस देने की पेशकश की गई थी। जनरल के करीबी सूत्रों ने बताया कि जब सीबीआई इस पूरे मामले की जांच करेगी तो सीबीआई को इससे जुड़े सुबूत मुहैया करा दिए जाएंगे।
अब तो भारत आतंकवाद के विरुद्ध युद्ध में इजराइल और अमेरिका का साझेदार है। जल जंगल जमीन पहाड़ और मरुस्थल पर कब्जा करके प्राकृतिक संसाधनों की खुली लूट मची हुई है और पकृति से जुड़े जनसमुदायों का नरसंहार हो रहा है। देहात तक को खुले बाजार में तब्दील कर दिया गया। आर्थिक सुधारों की गति तेज करने और जनविद्रोह के दमन के लिए माओवाद से निपटने के बहाने कारपोरेट हितों की रक्षा खातिर आंतरिक सुरक्षा के लिए भी सेना के बराबर युद्धक साजोसामान चाहिए। मजे की बात यह है कि माओवाद प्रभावित तमाम आदिवासी इलाके खनिज संसाधनों से भरपूर है। प्राकृतिक संसाधनों पर संविधान की पांचवीं और छठीं अनुसूची के तहत आदिवासियों के मालिकाना हक का चौतरफा उल्लंघन हो रहा है और जैसे अस्सी के दशक में समूचे सिख समुदाय को आतंकवादी बता दिया गया, आज सारे के सारे आदिवासी इलाके माओवाद प्रभावित बताये जाते हैं। पर माओवादी अपनी कार्रवाई से सेना को इन इलाके की घेराबंदी और कंपनियों को खुला खेलने की परिस्थितियों का निर्माण तो करती हैं, पर कहीं बी कारपोरेट हितों पर चोट नहीं पहुंचाते। आदिवासी अस्मिता के नाम पर बने झारखंड और छत्तीसगढ़, आदिवासी बहुल मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और गुजरात में यह तो खुल्ला खेल फर्रूखाबादी है।
भारत को तमाम तरह की छूट देकपर परमाणु संधि क्या अमेरिका भारत की सुऱक्षा मजबूत बनाने के लिए कर रहा है या फिर हथियार उद्योग पर निर्भर अमेरिकी अर्थव्यवस्था और समूचे अमेरिकापरस्त यूरोजोन का भारतीय हथियार बाजार में प्रवेश सुनिश्चित करने के लिए, इस रहस्य का कुलासा हो तो रक्षा सोदों में दलाली के मामले साफ हों और तमाम दागी चेहरे बेनकाब हो । पर यहां तो हमाम मे तमाम नंगे ही नंगे हैं। कोयले की इस कोठरी में सारे लोग नकाबपोश हैं और जनता किसी अन्ना हजारे या फिर बाबा रामदेव के आंदालन के भरोसे हैं।
इस बीच रक्षा खुफिया एजेंसी के प्रमुख के तौर पर काम कर चुके लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) तेजेंदर सिंह सेना की तरफ से जारी प्रेस रिलीज में घूस की पेशकश का आरोप लगाए जाने के खिलाफ कोर्ट जाने की तैयारी में हैं। अंग्रेजी अख़बार 'द एशियन एज' से बातचीत में तेजिंदर सिंह ने कहा, 'मेरे खिलाफ लगाए गए आरोप बेबुनियाद हैं। मेरा इस विवाद से कोई लेना देना नहीं है।
सेना की प्रेस रिलीज में लिखा है कि जासूसी से जुडी़ ये कहानी रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल तेजिन्दर सिंह ने फैलाई है जो डिफेंस इंटेलिजेंस के महानिदेशक थे और जिनसे ऑफ द एयर मॉनिटरिंग सिस्टम की खरीद के सिलसिले में पूछताछ हो चुकी है। उन्होंने ये खरीद बिना तकनीकी कमेटी की इजाजत के की थी। इस अफसर को आदर्श सोसायटी में भी फ्लैट मिला था और इसने टाट्रा एंड वेक्ट्रा लिमिटेड की तरफ से घूस देने की भी कोशिश की थी। इनके खिलाफ कार्रवाई शुरू की जाएगी।
सेना की इस रिलीज से साफ है कि लेफ्टिनेंट जनरल तेजिंदर सिंह ने घूस देने की कोशिश की थी। सवाल उठना लाजिमी है कि आखिर क्यों एक के बाद एक तीन मामलों में उनका नाम आ रहा है? आखिर क्या वजह है कि उनपर ये आरोप जनरल वी के सिंह के कार्यकाल में लग रहे हैं?टाट्रा और वेक्ट्रा चेक रिपब्लिक की एक कंपनी है जिसका प्लांट कर्नाटक के होसुर में है। ये कंपनी भारत अर्थ मूवर्स लिमिटेड यानी बीईएमएल के लिए ट्रक बनाती है। इन ट्रकों का इस्तेमाल सेना में होता है। सेना प्रमुख ने कहा है कि उन्हें घूस की पेशकश ट्रकों की सप्लाई अप्रूव करने के लिए ही की गई थी और सेना की ही प्रेस रिलीज इस मामले में डिफेंस इंटेलिजेंस एजेंसी के पूर्व महानिदेशक तेजिंदर सिंह को कठघरे में खड़ा करती है यानि दोनों के तार जुड़ रहे हैं।
वैसे यहां ये भी जानना जरूरी है कि डिफेंस इंटेलिजेंस एजेंसी का महानिदेशक सीधे रक्षा मंत्री के तहत काम करता है और सेना प्रमुख को रिपोर्ट नहीं करता। यही वजह है कि सेना की तरफ से लगाए गए आरोपों को लेफ्टिनेंट जनरल तेजिंदर सिंह सिरे से खारिज कर रहे हैं। तेजिंदर सिंह का कहना है कि वो अपने ऊपर लगे आरोपों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेंगे।
वैसे सेना प्रमुख जनरल वी. के. सिंह के आरोप के बीच सरकार ने इस वक्त सेना द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे टाट्रा टक की गुणवत्ता को लेकर किसी तरह की शिकायत से इनकार किया है। रक्षा मंत्रालय में संयुक्त सचिव रश्मि वर्मा ने सोमवार को संवाददाताओं से कहा कि हमें टाट्रा ट्रक की गुणवत्ता को लेकर कोई शिकायत नहीं मिली है।
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