BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE 7

Published on 10 Mar 2013 ALL INDIA BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE HELD AT Dr.B. R. AMBEDKAR BHAVAN,DADAR,MUMBAI ON 2ND AND 3RD MARCH 2013. Mr.PALASH BISWAS (JOURNALIST -KOLKATA) DELIVERING HER SPEECH. http://www.youtube.com/watch?v=oLL-n6MrcoM http://youtu.be/oLL-n6MrcoM

Friday, November 7, 2014

जन आंदोलनों की व्यापक एकता पूंजीवाद के खात्मे के लिए जरूरी-वर्कर्स कौन्सिल

जन आंदोलनों की व्यापक एकता पूंजीवाद के खात्मे के लिए जरूरी-वर्कर्स कौन्सिल

वर्किंग क्लास की राजनैतिक आवाज बने वर्कर्स कौन्सिल

पूंजीवादी लोकतंत्र में मजदूर वर्ग का भला नही

वर्कर्स कौन्सिल के अधिवेशन का आज दूसरा दिन

लखनऊ, 07 नवंबर 2014। आॅल इंडिया वर्कर्स कौन्सिल के तीसरे राष्ट्रीय
अधिवेशन के दूसरे दिन शुक्रवार को देश के विभिन्न भागों से आए
प्रतिनिधियों ने मजदूर वर्ग की समस्याओं से निपटने और देश में चल रहे जन
आंदोलनों की व्यापक एकता के सहारे पूंजीवाद के खात्मे के लिए रणनीतिक
खाका तैयार करने की दिशा में गहन चर्चा की। इस अवसर पर 'जन आंदोलनों की
दिशा' पर दो खंडों में सत्र रखे गए।

सत्र में बोलते हुए ब्ंागाल से आए मजदूर नेता सुरंजन भट्टाचार्य ने कहा
कि संघर्ष के रास्तों पर बहस और विमर्श के लिए आज हम यहां पर इकट्ठा हुए
हैं। उन्होंने कहा कि जिन लोगों का यह सोचना है कि माक्र्सवाद के जरिए
बदलाव नही ला सकते वे कुंठित और निराश हैं। इस देश का मजदूर तबका और उसका
स्तर ही पूरी इंडस्ट्ररी के चेहरे को दिखा देता है। हमें अपने दायरे को
और आगे ले जाने की जरूरत है। बिना इसके हम किसी बड़ी सफलता की आशा नही कर
सकते। हमें अपने संगठन को देश के आम कामगारों की पाॅलिटकल आवाज बनाना
चाहिए। हमें वर्किंग क्लास के पास जाने के बारे में गंभीरता से मनन करना
चाहिए। हमें यह भी निश्चित करना चाहिए कि हम कामगार जनता की आवाज कैसे
बनें? उन्होंने सुझाव दिया वर्कर्स कौंन्सिल को सदस्यता फार्म लाना चाहिए
और उसके पीछे उद्देश्य भी निर्धारित कर तय समय पर उसकी सफलता या
चुनौतियों की समीक्षा भी करनी चाहिए।

बलिया की रसड़ा कताई मिल मजदूर यूनियन के अध्यक्ष जी.पी. वर्मा ने कहा कि
आज के दौर में श्रमिक संगठनों का क्या दायित्व बनता है, इस पर विचार करने
की जरूरत है। उन्होंने सवाल किया कि अन्य संघर्ष में लगे हुए लोगों के
साथ कैसी रणनीति बना कर खड़ा हुआ जाए, इस पर भी चर्चा जरूरी है। देश के
बंद उद्यागों को फिर से कैसे शुरू कराया जाए इस पर नए सिरे से विचार करने
की जरूरत है। उन्होंने कहा कि मजदूरों को चेतना के स्तर पर जगाने के लिए
नए सिरे से तैयारियों की जरूरत है।

सम्मेलन में बोलते हुए अवधेश सिंह ने कहा कि मजदूर और किसान दोनों ही एक
दूसरे के पूरक हैं। उनकी समस्याएं भी एक दूसरे की पूरक हैं और इसीलिए
उन्हें साथ आना ही होगा। देश जाति और संप्रदायवाद के प्रभुत्व ने हमारे
सामने मुश्किलों का अंबार खड़ा कर दिया है, लेकिन घबराने की जरूरत नही
है। उन्होंने कहा कि विकास की असमानता ने भी मजदूरों के सामने चुनौतियां
पेश की हैं। विकास की असमनता पूंजीवाद की आवश्यक देन है और पूंजीवाद के
बढ़ रहे प्रभाव से यह और तेजी से बढ़ेगा। इस चुनौती के खिलाफ भी संघर्ष
करना होगा। आज हमारी निचली जनता समाजवाद के बारे में तनिक भी नही जानती।
इसके लिए मजदूरों को माक्र्सवादी चेतना से लैस करना ही होगा। उन्होंने
जोर देकर कहा कि हमें अपने आपसी मतभेद भुलाने ही होंगे।

सम्मेलन में बोलते हुए व्यास मुनि मिश्र ने कहा इस बात पर विचार करना
होगा कि फासीवादी ताकतों का सत्ता में आने के लिए कौन से तत्व जिम्मेदार
हैं, उनके खिलाफ भी रणनीति बनानी होगी।

सम्मेलन में बोलते हुए उदय ने कहा कि वर्तमान राजनैतिक परिदृश्य किसके
जरिए देश में आया है? इस पर भी विचार करने की आवश्यकता है। हमें अपनी बात
पहुंचाने के लिए अपने खुद के साधन विकसित करने ही होंगे। हम कार्पोरेट
मीडिया के भरोसे नही रह सकते। हमें इस पर विचार करना ही होगा कि क्या अब
सभ्यताओं के संघर्ष का प्रचार होगा या फिर वर्ग संघर्ष होगा। उन्होंने
कहा कि वर्तमान दौर में हमें गेट से एनजीओ तक पर चोट करनी है। हमारी
असफलता के एक बड़े कारण में पहचान की राजनीति रही है। उन्होंने सलाह दी
कि कौंन्सिल में होल टाइमर कार्यकर्ताओं की एक बाॅडी बनानी चाहिए।

सम्मेलन में अपनी बात रखते हुए गदर पार्टी के नेता प्रकाश राव ने कहा कि
देश में पार्टियों के बीच नही वर्गों के बीच का संघर्ष चल रहा है। इस
संघर्ष में हमारे हौसले बुलंद होने चाहिए। क्योंकि जीत हमारी ही होगी।
समाज की दिशा पूंजीवाद के खात्मे की ओर जा रही है। हमें सरकार के सारे
कार्यालयों में काम करना होगा। सब जगह असंतोष है इसे उपयोग में लाना
होगा। उन्होंने कहा कि आज का लोकतंत्र पूंजीवाद की तानाशाही वाला है और
इसे खत्म कर सर्वहारा की तानाशाही वाला लोकतंत्र लाना होगा। पूंजीवाद आज
दुनिया को खात्मे की ओर ले जा रहा है। इससे लड़ना ही होगा। आज पूंजीवादी
मीडिया ही सत्ता तय करता है हमें उससे भी सावधान रहना होगा।

केरल से आए एम. राजन ने देश और दुनिया की वर्तमान परिस्थिति पर एतिहासिक
दृष्टिकोणों से प्रकाश डालते हुए कहा कि आज पूरी दुनिया में जन पक्ष धर
शक्तियों के आंदोलन की भूमिका तैयार हो चुकी है। यह सम्म्ेलन भी उसी का
एक अभिन्न हिस्सा है।

इस अवसर पर एम.के. सिंह, राघवेन्द्र प्रताप सिंह, दिलीप सिंह, जे.पी.
वर्मा, मोना सूद के.के शुक्ला, रामकृष्ण आदि ने सत्र को संबोधित किया।
--------------------------------------------------------------------------------
OFFICE: 69/1,Baba Ka Purwa, Paper Mill Road, Lucknow-226006
Postal Add: 301, Mawaiya Lucknow,- 226004.
Mob- 09453682439
---------------------

No comments:

LinkWithin

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...