BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE 7

Published on 10 Mar 2013 ALL INDIA BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE HELD AT Dr.B. R. AMBEDKAR BHAVAN,DADAR,MUMBAI ON 2ND AND 3RD MARCH 2013. Mr.PALASH BISWAS (JOURNALIST -KOLKATA) DELIVERING HER SPEECH. http://www.youtube.com/watch?v=oLL-n6MrcoM http://youtu.be/oLL-n6MrcoM

Wednesday, June 26, 2013

उत्तराखंड की तबाही बादल फटने से नहीं: विशेषज्ञ

उत्तराखंड की तबाही बादल फटने से नहीं: विशेषज्ञ

शिमला/देहरादून : उत्तराखंड में बादल फटने से मची तबाही का अनुमान जाहिर नहीं करने के लिए चौतरफा आलोचना झेल रहे भारत मौसम विभाग (आईएमडी) ने बुधवार को कहा कि सैंकड़ों लोगों की अकाल मौत का कारण बनने वाली आपदा का कारण बादल फटना नहीं रहा है। 

इसके विपरीत केदारनाथ-बद्रीनाथ क्षेत्र में हुई भारी वर्षा ने तबाही मचाई, जिससे मौत और बड़े पैमाने पर विनाश हुआ। शिमला में मौसम कार्यालय के निदेशक मनमोहन सिंह ने कहा कि उत्तराखंड बादल फटने से तबाह नहीं हुआ। इसके पीछे भारी वर्षा कारण रही। 

केदारनाथ-बद्रीनाथ के पहाड़ों पर जल प्रलय के कारणों की व्याख्या करते हुए उन्होंने कहा कि भारी वर्षा के कारण भूस्खलन हुआ। भारी वर्षा का कारण बंगाल की खाड़ी से आए बादल बने। ठीक उसी समय भूमध्य सागर के ऊपर चक्रवाती तूफान के बनने से भारी वर्षा हुई। उन्होंने कहा कि पूर्व और पश्चिम दोनों तरफ के बादल केदाननाथ-बद्रीनाथ इलाके में जमा हो गए और भारी वर्षा हुई। इसी से भूस्खलन और तबाही मची। प्राकृतिक आपदा में 15 जून से सैंकड़ों लोग मारे जा चुके हैं और अभी भी हजारों लोग सुदूर पहाड़ों में फंसे हुए हैं। 

मौसम विज्ञान की परिभाषा के मुताबिक `बादल फटने` की घटना तब मानी जाती है, जब किसी जगह प्रति घंटा 10 सेमी की गति से बारिश एक घंटा या इससे ज्यादा समय तक हो। जिस समय यह प्राकृतिक घटना घटती है, उस समय बादल 12 से 13 किलोमीटर की ऊंचाई पर रहते हैं। देहरादून स्थित मौसम कार्यालय के 14 से 17 जून के बीच हुई वर्षा के आंकड़े बताते हैं कि बारिश सामान्य से ज्यादा हुई थी। 14 जून को देहरादून में मात्र 5 सेमी और टिहरी में 3 सेमी वर्षा हुई थी।

15 जून को यह आंकड़ा कई गुणा बढ़ गया। देहरादून में 22 सेमी, पुरोला में 17 सेमी, देवप्रयाग में 13 सेमी, उत्तरकाशी में 13 सेमी और टिहरी में 12 सेमी वर्षा दर्ज की गई। इसके अगले दिन देहरादून में 35 सेमी, मुक्तेश्वर में 24 सेमी, हरिद्वार में 22 सेमी और उत्तरकाशी में 21 सेमी वर्षा हुई।

17 जून को मुक्तेश्वर में 18 सेमी, चंपावत में 22 सेमी, हलद्वानी में 28 सेमी, नैनीताल में 17 सेमी और रानीखेत में 12 सेमी वर्षा हुई। देहरादून में मौसम विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि चार दिनों के दौरान वर्षा का रूप अचानक वृद्धि दर्शाता है। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ने आईएमडी पर बादल फटने की चेतावनी नहीं देने का आरोप लगाया है। एक समाचार चैनल के साथ बातचीत में उन्होंने कहा कि आईएमडी की चेतावनी पर्याप्त रूप से साफ नहीं थी। इसमें सिर्फ यह कहा गया था कि ऊंचाई वाले स्थानों पर भारी वर्षा और हिमपात हो सकता है। हमें बादल फटने की चेतावनी नहीं दी गई थी। (एजेंसी)

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