BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE 7

Published on 10 Mar 2013 ALL INDIA BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE HELD AT Dr.B. R. AMBEDKAR BHAVAN,DADAR,MUMBAI ON 2ND AND 3RD MARCH 2013. Mr.PALASH BISWAS (JOURNALIST -KOLKATA) DELIVERING HER SPEECH. http://www.youtube.com/watch?v=oLL-n6MrcoM http://youtu.be/oLL-n6MrcoM

Sunday, June 2, 2013

गावास्कर जी ! कपिल जी ! कुछ तो ब्वालो !




गढ़वाली हास्य -व्यंग्य 
 सौज सौज मा मजाक मसखरी 
   हौंस,चबोड़,चखन्यौ    
    सौज सौज मा गंभीर चर्चा ,छ्वीं  

                              गावास्कर जी ! कपिल जी ! कुछ  तो ब्वालो  !

                      चबोड़्या - चखन्यौर्याभीष्म कुकरेती
(s = आधी  )

  जब गाँ-गौळम (समाज ) क्वी सामजिक बबंडर खड़ो ह्वे जावो तो दान मनिख , सयाणा लोग, पूज्य लोग टिप्पणी दींदन अर राय बि दींदन बस लोभी अर मंगत्या -भिकारी इ इ चुप रौंदन।
 जब समाज मा कुछ कारणों से शरमनाक घटना घटि जावो तो लोगुं तैं ढाढस दीणो बान पूज्य , धीर , सांसदार (साहसी) लोग ही अगनै आंदन अर लोगुं तैं  अग्वाड़ी बढ़नो बान उत्साहित करदन।  बस  अपमार्गी , अपयश्क/अपजसी  , टिड्वा/अपमुखी, अफखवा,अपार्जित ,कायर ,अपरती -स्वार्थी लोग ही गावास्कर जी, कपिल जी ,अनिल कुंबले आद्युं जन वर्ताव करदन अर ख़ास बगत पर मुख पर म्वाळ लगांदन।
 आज आइपीऐल अर भारतीय  क्रिकेट संसार मा जुवा , जनता से -दर्शकों से धोकाधड़ी, एकाधिकार को खुलेआम नंगा नाच होणु च तो हमारा क्रिकेट भगवान सुनील गावास्कर , कपिल देव, अनिल कुंबले अर हौर छ्वट -म्वट दिबतौं से हम उम्मीद करणा छया कि हौर कुछ न हम भक्तो मा इन ही बोलि दींदा कि जू भि होणु च वो ठीक नी होणु च।

                दिवतौं जन पूज्य सुनील गावास्कर की कमेट्री मा एक सफाईगोइ  होंद , एक कडुवा सच बि रौंद, दगड़ मा अग्वाडि बाटो बि रौंद पण गावास्कर जी ! जब हम सवा सौ करोड़ लोगुं तैं ये क्रिकेट-प्रपंच , -ठगी को क्रिकेट   ,आडम्बर युक्त क्रिकेट, क्रिकेट प्रध्वंसी खेल, का बारा मा आप सरीखा भगवान का द्वी बोल की जरूरत छे तो आप बीसीसीआई (क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ) का खरीदा गुलाम , बीसीसीआई का बंधवा नौकर, बीसीसीआई का सेवक जन वर्ताव करणा छंवा? कख ग्यायि तुमारो वो  साहस जब आप दुनिया का खतरनाक से खतरनाक गेंदबाजों की गिंदी खिल्दा छय?हम भारतवास्यूंन तुमर अदम्य साहस, तागत , सबलता को बान तुम तैं दिबत़ा बणाइ, दिल मा जगा दे पण तुम तो बेदम , निरीह , दमखम हीन, कायर छंवां , भीरु छंवा, डरपोक छंवा जो बीसीसीआई की सात आठ करोड़ सालाना  आय/इनकम का लोभ का कारण  एकाध वाक्य बि नि बोल सकणा छंवां। क्या तुम तैं डौर च कि कखि तुमन बीसीसीआई का विरुद्ध एक शब्द बि ब्वाल तो तुमारी इनकम ख़तम ह्वे जाली ? क्या एक आइकॉन -लीडर का असली चरित्र यो ही होंद  ? इतिहास तुम तै बैटिंग का भगवान जरूर ब्वालल पण सुनील जी दगड़ मा कायर सुनील गावास्कर , डरपोक सुनील गावास्कर, भीरु सुनील गावास्कर, साहसहीन सुनील गावास्कर को तगमा भी अवश्य द्यालो। 

    अहा इनि हमर एक हौर क्रिकेट पूज्य छन श्री कपिल देव जी। आज तलक भारतीयों दिल मा कपिल देव जी की छवि क्या छे ? कि दृढ कपिल देव, मानसिक तौर पर सबल कपिल देव,पराक्रमी कपिल देव,दुस्साहसी  कपिल देव , हिकमती  कपिल देव , निर्भीक कपिल देव, निडर कपिल देव। पण जब बारि आयि की कपिल देव  बीसीसीआई (क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ) की   कमजोर्युं बारा मा जादा ना सै इथगा तो ब्वालन कि जो भि होणु च वो गलत होणु च। पण नहीं ! कपिल देव तैं बि  इतिहास दम खिंचवा (खास वक्त चुप रहना )कपिल देव, दम खुश्की वळ कपिल देव (किसी कारण चुप रहना ) , दम चोर कपिल देव(जान बुझ कर चुप रहना ), दबैल -दब्बू कपिल देव, दमहीन -खमहीन कपिल देव ही ब्वालल।
 अहा शेरो के शेर नवजोत  सिद्धू ! वाह मेरे मिट्टी  शेर ! कमेंट्री दींद दै त नवजोत सिद्धू महान वीर पुरुष गुरु गोविन्द सिंग जीका उधहरण कि ... बाज उड़ाऊं .. दींदा छया . पण सिद्धू जी !  क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड का कुकर्मी कारनामाओं पर तुमर जिबळ पर म्वाळ किलै लग? हे बडबोले मिट्टी के शेर ! कख हर्ची तुमारि वा शेरदिल मर्दानगी ? हे लुत पुत माटो बाग़ !  बीसीसीआई (क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ) मा बैठ्याँ धूर्तों , चकडैतों , दगाबाजो बारा मा अब किलै ना  सिद्धू वाणी सुणाणा छंवा ? हे किदालु समान शेर ! तुम तै बि इतिहास आडम्बरी शेर नवजोत सिद्धू, कागज  का बाघ नवजोत सिद्धू , शेर की खाल मा  कायर नवजोत सिंग सिद्धू ही ब्वालल। तुम से तो भलो हमारो बिशन बेदी पा जी छन जौन खुले आम ब्वाल बल भारतीय क्रिकेट मा जो भि होणु च वो ठीक नी च होणु च. महान वीर पुरुष गुरु गोविन्द सिंग का असली चेला तो केवल बिशन  सिंग बेदी ही छन।
फिर हौर दिबतौं बारा मा क्या बुलण जब शीर्षस्थ  क्रिकेट खिलाड़ी  ही किदलु जन डरपोक , डराहुक , भीरतापूर्ण , भयपूर्ण , कायरपूर्ण, बुजदिलपूर्ण ,  व्यवहार कारल तो बकै रवि शास्त्री ,संजय मांजरेकर , शिव रामा कृष्णन, अरुण लाल जन क्रिकेटरों कि  क्या बिसात   कि वो क्रिकेट आकाओं का विरुद्ध एक शब्द बि ब्वालन।
जब समाज का सयाणा लोभी , लालची  , लिप्सायुक्त , डरपोक , चापलूस , चाकरविरती का ह्वे जावन तो समझी ल्यावो समाज का दुर्दिन चलणा छन। 

        
Copyright @ Bhishma Kukreti  2/06/2013           
(लेख सर्वथा काल्पनिक  है )

--
 
 
 
 
Regards
Bhishma  Kukreti

No comments:

LinkWithin

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...