BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE 7

Published on 10 Mar 2013 ALL INDIA BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE HELD AT Dr.B. R. AMBEDKAR BHAVAN,DADAR,MUMBAI ON 2ND AND 3RD MARCH 2013. Mr.PALASH BISWAS (JOURNALIST -KOLKATA) DELIVERING HER SPEECH. http://www.youtube.com/watch?v=oLL-n6MrcoM http://youtu.be/oLL-n6MrcoM

Sunday, February 3, 2013

बलात्कार के 68 हजार मामले दर्ज, सिर्फ 16 हजार मामले में दोष साबित

बलात्कार के 68 हजार मामले दर्ज, सिर्फ 16 हजार मामले में दोष साबित

Sunday, 03 February 2013 11:55

नयी दिल्ली । देश में वर्ष 2009-11 के दौरान बलात्कार के लगभग 68 हजार मामले दर्ज किये गये लेकिन इनमें से सिर्फ 16 हजार बलात्कारियों को कैद की सजा मिली। राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो के अनुसार वर्ष 2011 के दौरान देश भर में बलात्कार के 24 हजार 206 मामले दर्ज हुये, लेकिन मात्र पांच हजार 724 लोगों को दोषी ठहराया जा सका । 
वर्ष 2010 में देश भर में बलात्कार के 22 हजार 172 मामले दर्ज हुये, लेकिन मात्र पांच हजार 632 लोगों का दोष साबित हो पाया। वहीं वर्ष 2009 में देश भर में बलात्कार के 21 हजार 397 मामले दर्ज हुये, लेकिन मात्र पांच हजार 316 लोगों को दोषी ठहराया गया । 
इस अवधि में :2009-11: बलात्कार के सबसे अधिक नौ हजार 539 मामले मध्य प्रदेश में दर्ज किये गये लेकिन इस दौरान सिर्फ दो हजार 986 लोगों का दोष साबित हो पाया।
वर्ष 2009-11 के दौरान पश्चिम बंगाल में बलात्कार के सात हजार 10 मामले दर्ज हुये लेकिन सिर्फ 381 लोगों को दोषी ठहराया गया । 
उत्तर प्रदेश में इस अवधि के दौरान बलात्कार के पांच हजार 364 मामले दर्ज हुये और तीन हजार 816 लोगों का दोष साबित हो पाया।

असम में इस अवधि के दौरान बलात्कार के पांच हजार 52 मामले दर्ज हुये लेकिन सिर्फ 517 लोगों को दोषी ठहराया गया । 
गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया, ''दोष साबित होने की दर इतनी खराब होने की प्राथमिक वजह अपर्याप्त पुलिस जांच के बाद अभियोजन पक्ष की ओर से पर्याप्त सबूत जुटा पाने की अक्षमता है।'' 
राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो:एनसीआरबी: के आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2009-11 के दौरान छेड़खानी के एक लाख 22 हजार 292 मामले दर्ज हुये, लेकिन इनमें से सिर्फ 27 हजार 408 लोगों का दोष साबित हो पाया।
इस अवधि में मध्य प्रदेश में छेड़खानी के कुल 19 हजार 618 मामले दर्ज हुये, लेकिन सिर्फ छह हजार 91 लोगों को दोषी ठहराया जा सका । महाराष्ट्र में छेड़खानी के कुल 10 हजार 651 मामले दर्ज हुये, लेकिन सिर्फ छह 595 लोगों का दोष साबित हो पाया।
उत्तर प्रदेश में छेड़खानी के कुल नौ हजार 30 मामले दर्ज हुये और सात हजार 958 लोगों का दोष साबित हुआ। वहीं केरल में छेड़खानी के कुल नौ हजार 232 मामले दर्ज हुये, लेकिन सिर्फ 718 लोगों का दोष साबित हो पाया। (भाषा)

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