Sunday, 24 June 2012 16:50 |
श्रीभगवान सिंह निस्संदेह बढ़ते प्रौद्योगिकीकरण और शहरीकरण की इस आंधी में हम जहां आ पहुंचे हैं वहां हमारे अंत की आहट सुनाई पड़ने लगी है। इससे बचने का एकमात्र उपाय है पीछे लौटना- पूर्णत: न सही, अंशत: ही। इसी तरफ गांधी ने 'हिंद स्वराज' में संकेत किया था, और अमेरिकी विचारक जार्ज केन्नान भी अपनी पुस्तक 'द क्लाउड्स आॅफ डेंजर' में कहा था- 'जब हम पर्यावरणवादियों की चेतावनियों से हट कर प्रदूषण रोकने के लिए सार्वजनिक प्राधिकारों की कोशिशों पर गौर करते हैं तो यह अधिक से अधिक स्पष्ट होता जा रहा है कि इस मामले में पर्यावरण की दृष्टि से, वास्तविक दोषी उद्योगीकरण और शहरीकरण की प्रक्रियाएं नहीं, बल्कि खुद उद्योगीकरण और शहरीकरण ही हैं। दूसरे शब्दों में यह कि कम से कम कुछ हद तक दोनों प्रक्रियाओं को उलटी दिशा में मोड़े बिना समस्या पर काबू नहीं पाया जा सकता। कुछ मामलों में औद्योगिक उत्पादन की जटिल और परिष्कृत प्रक्रियाओं को छोड़ना और उसकी जगह अधिक प्राचीन प्रक्रियाओं को अपनाना पड़ेगा, जिसमें वर्तमान की अपेक्षा कम श्रम-विभाजन होता है। अभी हम जीवन और उत्पादन की जिस अति जटिल आधुनिक व्यवस्था में रह रहे हैं, उसे पूरी तरह त्याग देने जैसी कोई बात नहीं हो सकती, लेकिन यह अब अधिक से अधिक संदेहास्पद होता जा रहा है कि पर्यावरण में सामंजस्य स्थापित करने के लिए जो करना जरूरी है, वह मात्र थोड़ा हेर-फेर करने से पूरा हो जाएगा। हमें अधिक सरल और अधिक श्रम प्रधान जीवन और उत्पादन-पद्धति की ओर लौटने के रूप में कुछ वास्तविक त्याग करने होंगे।' गौरतलब है कि गांधी ने अत्यधिक मशीनीकरण और शहरीकरण के खतरों से बचने के लिए जिस हाथ-पैर के श्रम की अहमियत की ओर ध्यान आकृष्ट किया था, प्रकारांतर से अमेरिकी विचारक केन्नान भी उसी के पक्ष में 'अधिक सरल और अधिक श्रम-प्रधान जीवन और उत्पादन-पद्धति की ओर लौटने के रूप में कुछ वास्तविक त्याग' करने का प्रस्ताव प्रस्तुत करते हैं। सचमुच अगर हम दुनिया को बचाने के लिए इच्छुक हैं, तो असीम शारीरिक सुख-सुविधाओं की बरसात करने वाली इस दैत्याकार प्रौद्योगिकी के साथ गलबहियां कराने वाले फाउस्टियन पैक्ट के मोह से उबर कर सरल, श्रम प्रधान जीवन, हाथ-पैर की क्रियाओं पर आधारित उत्पादन-पद्धति को अपनाना होगा, नहीं तो इसका पसरता जाल आने वाले दिनों में पूरी सृष्टि के लिए सांस लेना दूभर कर देगा। |
BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE 7
Published on 10 Mar 2013
ALL INDIA BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE HELD AT Dr.B. R. AMBEDKAR BHAVAN,DADAR,MUMBAI ON 2ND AND 3RD MARCH 2013. Mr.PALASH BISWAS (JOURNALIST -KOLKATA) DELIVERING HER SPEECH.
http://www.youtube.com/watch?v=oLL-n6MrcoM
http://youtu.be/oLL-n6MrcoM
Sunday, June 24, 2012
विकास के नाम पर
विकास के नाम पर
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