BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE 7

Published on 10 Mar 2013 ALL INDIA BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE HELD AT Dr.B. R. AMBEDKAR BHAVAN,DADAR,MUMBAI ON 2ND AND 3RD MARCH 2013. Mr.PALASH BISWAS (JOURNALIST -KOLKATA) DELIVERING HER SPEECH. http://www.youtube.com/watch?v=oLL-n6MrcoM http://youtu.be/oLL-n6MrcoM

Sunday, July 2, 2017

महत्वपूर्ण खबरें और आलेख ढाई युद्ध लड़ने की तैयारी राष्ट्रहित में या कारपोरेट हित में?

हस्तक्षेप > आपकी नज़र
जीएसटी  भाजपा और आरएसएस के लोग मरते लोगों को फिर से एक बार लड्डू खिलायेंगे
जीएसटी : भाजपा और आरएसएस के लोग मरते लोगों को फिर से एक बार लड्डू खिलायेंगे

यह पूँजीवाद का वही विजय रथ है जो अपने पीछे न जाने कितनी लाशों, कितनी बर्बादियों और मनुष्य के ख़ून और पसीने का कीचड़ छोड़ता जाता है। सर्वनाशी साबि...

हस्तक्षेप डेस्क
2017-07-02 00:39:26
तद्भव का नया अंक  इतिहास के त्रिभागी काल विभाजन पर हरबंस मुखिया
तद्भव का नया अंक : इतिहास के त्रिभागी काल विभाजन पर हरबंस मुखिया

आने वाली पीढ़ी हमारे वर्तमान युग को मध्ययुग कहे या न कहे, कोई मायने नहीं रखता। लेकिन यह तय है कि हम अपने वर्तमान को जिस रूप में देखते है, आगत पीढ़ि...

अतिथि लेखक
2017-07-02 00:26:10
मुसलमानों को जेएनयू या कश्मीर पर बयान नहीं देना चाहिए पुलिस से ज्यादा भय गोरक्षकों का है
मुसलमानों को जेएनयू या कश्मीर पर बयान नहीं देना चाहिए, पुलिस से ज्यादा भय गोरक्षकों का है

आधुनिक राष्ट्र-राज्य का यह वीभत्सतम रूप है। आप मुझसे अनिर्बन के 'देशद्रोह' का हिसाब क्यों नहीं मांगते, उमर का ही क्यों?... ​​​​​​​बहुसंख्यक तुष्ट...

अतिथि लेखक
2017-07-02 00:11:47
फर्जी सेकुलरों के राज्य का भगवाकरण जारी है यह नीतीश से ज्यादा लालू के चेतने का वक्त है
फर्जी सेकुलरों के राज्य का भगवाकरण जारी है, यह नीतीश से ज्यादा लालू के चेतने का वक्त है

तो क्या अब बिहार भी 'जय श्रीराम' की आग में जलने वाला है? क्या बजरंग दल वालों को नीतीश कुमार के रुख का अंदाजा हो गया है?

अतिथि लेखक
2017-07-01 23:49:36
कोविन्द दलित राजनीति और हिन्दू राष्ट्रवाद  आरएसएस की राजनीति भारतीय राष्ट्रवाद की विरोधी है
कोविन्द, दलित राजनीति और हिन्दू राष्ट्रवाद : आरएसएस की राजनीति भारतीय राष्ट्रवाद की विरोधी है

क्या कोविन्द और पासवान जैसे लोग - जो दलितों के खिलाफ बढ़ती हिंसा के बारे में एक शब्द भी नहीं बोलते - दलित नेता कहे जा सकते हैं? इस समय देश का द...

राम पुनियानी
2017-07-01 23:04:41
सलाहुद्दीन के बहाने अमेरिका कश्मीर में हस्तक्षेप करने की भूमिका तो नहीं बना रहा
सलाहुद्दीन के बहाने अमेरिका कश्मीर में हस्तक्षेप करने की भूमिका तो नहीं बना रहा ?

जब भी धर्म को राज-काज में दखल देने की आज़ादी दी जायेगी राष्ट्र का वही हाल होगा जो आज पाकिस्तान का हो रहा। गाय के नाम पर चल रहे खूनी खेल की अनदेखी...

शेष नारायण सिंह
2017-06-30 18:44:49
चिंता भीड़तंत्र की
चिंता भीड़तंत्र की

हिंदुस्तान की बहुसंख्यक जनता मिल-जुलकर, शांति से रहने में ही भरोसा रखती है। वह किसी भी कारण से कानून हाथ में लेने की विरोधी है और अपने नाम पर तो,...

देशबन्धु
2017-06-30 16:07:10
ढाई युद्ध लड़ने की तैयारी राष्ट्रहित में या कारपोरेट हित में
ढाई युद्ध लड़ने की तैयारी राष्ट्रहित में या कारपोरेट हित में?

रक्षा क्षेत्र के विनिवेश के बाद युद्ध से किन कंपनियों को फायदा कि प्रधान स्वयंसेवक और विदेश मंत्री की जगह वित्तमंत्री चीन को करारा जबाव देने लगे?

पलाश विश्वास
2017-06-30 15:56:04
notinmyname  इस इंसान मोदी की एक डेमोक्रेसी में कोई जगह नहीं
#NotInMyName : इस इंसान (मोदी) की एक डेमोक्रेसी में कोई जगह नहीं

#NotInMyName आप किसमें अपना भविष्य ढ़ूंढ़ रहे हैं, जिन्ना के पाकिस्तान में, हिटलर के जर्मनी में या आज के सीरिया में? तय आपको ही करना है, क्योंकि ...

अतिथि लेखक
2017-06-30 15:12:49
नए दौर के आंदोलनों में मार्क्‍सवाद के अवशेषों की तलाश
नए दौर के आंदोलनों में मार्क्‍सवाद के अवशेषों की तलाश

एक मार्क्‍सवादी का काम उदारवाद से हासिल उपलब्धियों का इस्‍तेमाल करते हुए सैद्धांतिकी को व्‍यवहार में उतारना है, नकि दुश्‍मन का दुश्‍मन दोस्‍त वाल...

अभिषेक श्रीवास्तव
2017-06-30 14:53:05
बिना इज्जत के लोग  गुलामी की विचारधारा है हिन्दुत्व
बिना इज्जत के लोग : गुलामी की विचारधारा है हिन्दुत्व

हिंदुत्व की विचारधारा जो आज विजेता नजर आ रही है उसकी जड़ें आधुनिक समाज के विघटन की प्रक्रिया में निहित हैं। यह गुलामी की विचारधारा है। यह नए खतर...

जगदीश्वर चतुर्वेदी
2017-06-30 10:11:06
छोटे मोटे कुलीन सैलाब से संस्थागत रंगभेदी कारपोरेट फासिज्म को कोई फर्क नहीं पड़ता
देखिए कितने हत्यारे सड़कों पर उतर आए हैं  क्या हम ऐसा ही भारत बनाना चाहते थे
देखिए कितने हत्यारे सड़कों पर उतर आए हैं ! क्या हम ऐसा ही भारत बनाना चाहते थे ?

सारा देश भीड़ में बदला जा रहा है और हर भीड़ को एक नाम दे कर, उन्हें आपस में लड़ाया जा रहा है ! कोई हिंदू वाहिनी है, कोई भगवा ब्रिगेड है; कोई धर्म...

अतिथि लेखक
2017-06-29 18:25:39
लम्पट विकास के दौर में खेती और किसानी - दशा और दिशा
लम्पट विकास के दौर में खेती और किसानी - दशा और दिशा

आज के वैश्वीकृत निज़ाम में खेती का अर्थशास्त्र किसानों के खिलाफ है। मज़दूरों सीमान्त किसानों की तो बात ही छोड़िए मंझोले & बड़े किसानों के सामने भी यह...

अतिथि लेखक
2017-06-29 14:09:52
ट्यूबलाइट  हर इंसान में एक जादूगर होता है
ट्यूबलाइट : हर इंसान में एक जादूगर होता है

जब 'भारत माता की जय' बोलना नागरिकता और राष्ट्रभक्ति की कसौटी बनाया जा रहा हो, वैसे में कबीर खान बहुत सहज तरीके से उससे निपटते हैं- एक मासूम बच्चे...

अभिषेक श्रीवास्तव
2017-06-29 11:06:13
त्यागी जी को ग़ुस्सा क्यों आता है
त्यागी जी को ग़ुस्सा क्यों आता है ?

प्रश्न है कि गुलाम नबी आज़ाद के बयान में क्या रत्ती भर भी झूठ है ? कोविंद के पक्ष में खड़े होकर मीरा कुमार को हराया नहीं जा रहा है तो क्या किया ज...

अतिथि लेखक
2017-06-29 00:11:23
जुनैद के हत्यारों की तलाश में notinmyname
जुनैद के हत्यारों की तलाश में #Notinmyname

साम्प्रदायिकता की बुनियादी लड़ाई मुसलमान या ईसाईयों से नहीं है बल्कि प्रगति की अवधारणा से है। वे प्रगति को सहन नहीं कर पाते। विचारों से लेकर जीवन...

जगदीश्वर चतुर्वेदी
2017-06-29 00:03:07
कुछ बात है कि हस्ती मिटती नहीं हमारी
........कुछ बात है कि हस्ती मिटती नहीं हमारी......

यह विरोध उस मानसिकता का विरोध है जो इस तरह के सांप्रदायिक भीड़ को पैदा करती है. यह विरोध उस व्यवस्था का विरोध है जो इंसानों के बीच समानता का 


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