हम असुर लोग इस धोखा का निंदा करते हैं - सुषमा असुर
सुषमा असुर कोलकाता नहीं आ रही हैं।
साजिश की शिकार सुषमा असुर?
हम असुर लोग इस धोखा का निंदा करते हैं - सुषमा असुर
कोलकाता की एक संस्था ने धोखे से हम असुरों को बुलाकर महिषासुर शहादत अभियान को बदनाम करने की कोशिश की, इसका हम असुर समुदाय घोर निंदा करते हैं. हम असुर कोलकाता के किसी आयोजन में शामिल होने नहीं जा रहे हैं. हमारे संगठन की महासचिव वंदना टेटे ने आयोजकों को बता दिया है दुर्गा पूजा के किसी आयोजन में असुर लोग भाग नहीं लेंगे. यह आर्यों का छल-बल का पुराना तरीका है. मुझसे संपर्क करने वाले व्यक्ति सुभाष राय ने खुद को 'साल्टलेक एफई ब्लॉक रेसिडेंट एसोसिएशन' का सदस्य बताया था और कहा था कि हमलोग शरद उत्सव का सांस्कृतिक उत्सव कर रहे हें, उसमें आपलोग आइए. आने के लिए 9 लोग का स्लीपर टिकट भी भेजा था. लेकिन जब हमलोग को मालूम हुआ कि बंगाल का अखबार में ऐसा खबर छपा है कि सुषमा असुर और उसके साथ दुर्गा पूजा का उद्घाटन करेंगे तो हम असुरों को बहुत धक्का लगा. हमने अपने संगठन का महासचिव दीदी वंदना से इस बारे में बात किया और पूरे मामले की पड़ताल की. तब सच्चाई उजागर हुआ कि हम असुरों को धोखे से बुलाया जा रहा था.
-- सुषमा असुर, सखुआपानी नेतरहाट झारखंड
नीचे उन दोनों खबरों का लिंक है जिससे हमलोगों को सच्चाई का पता लगा.
http://timesofindia.indiatimes.com/…/articlesh…/54654058.cms
http://navbharattimes.indiatimes.com/…/article…/54655130.cms
বাংলার বাঁশের উৎসবে সুষমা অসুর !!!
Saradindu Uddipan
এক ভয়ঙ্কর ষড়যন্ত্রের শিকার হয়েছেন সুষমা অসুর। দীর্ঘদিনের অসুর আন্দোলনের অগ্রপথিক সে। তাকে কোলকাতায় এনে দুর্গা পূজার প্রতিমা উদ্বোধন এক শ্যতানী পদক্ষেপ। এই কাজ ব্রহ্মন্যবাদী মানসিকতার দাম্ভিক প্রকাশ। আমরা উৎকণ্ঠিত।
সুষমার অসুর কীর্তন শোণার জন্য কর্তৃপক্ষ নিশ্চয়ই তাকে নিয়ে আসেনি। যদি তাই হত তবে কর্তৃপক্ষ অসুরের পূজার জন্য বিজ্ঞাপন দিতেন। প্রজাপালক, ন্যায়প্রায়ন মহিষাসুরের মূর্তিকে স্বমহিমায় প্রতিষ্ঠিত করতেন। সেটা না করে দুর্গা পূজার উদ্বোধন করানোর মানে কি?
নিশ্চয়ই আপনারা বুঝতে পারছেন যে এই কর্পোরেট দেবী দুর্গাপূজাও এক ভয়ঙ্কর প্রশ্ন চিহ্নের মুখে পড়ে গেছে। ধাক্কা আরো জোর লাগান ভাই। নিজেদের সাংস্কৃতিক সদ্ভাবনাকে আরো তেজস্বী করে তুলুন। তবে দেখতে পাবেন বাংলাকে এই "বাঁশ দেওয়ার উৎসব" ফেঁকাসে হয়ে যাবে।
জয় মহিষাসুর।
হিমালয় থেকে কন্যাকুমারী সর্বত্র শোনা যাচ্ছে অসুরের জয়গান। ভারতের ৮৫% মানুষ দাবী করছে তারা অসুরের বংশজ। এই মূল ভারতীয় সংস্কৃতির তারাই আসল দাবীদার। ধাক্কা আরো জোর মারো সাথী।
জয় মহিষাসুর
अगर आपको नहीं लगता की समय का पहिया फिर घूम रहा तो ये तस्वीरे देखिये !
ये बुद्ध से लेकर #सम्राट_अशोक, #महाराज_वृहदथ, #महाराज_बलि, #महाबली_महिषासुर, #फूले,#आंबेडकर, #पेरियार, #कांशीराम की मानस संताने है, जो आतुर है अपने इतिहास को खोद निकालने और अपने भविष्य को उस इतिहास जैसा स्वर्णमय बनाने के लिए !
29 सितंबर 2016 को ये कार्यक्रम #Mysore के #चमुन्डि पहाड़ पर #Dalit_Welfare_Trust के अंतर्गत हुआ!
Prof. Dr. #Mahesh_Chand_Guru और #Dalit_Minority_Sene (Sena) #Karnataka के कार्यकारी अध्यक्ष #A_J_Khan #Pro_Bhagwaan ने इसे खाश कार्यक्रम को सुशोभित किया !
उम्मीद है अगली इंडिया टुडे की रिपोर्ट में महिषासुर की शहादत दिवश की संख्या बढ़कर 1000 तक हो जाएगी जो अबकी फरवरी में केवल उत्तर भारत में 470 के आस पास थी !
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