BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE 7

Published on 10 Mar 2013 ALL INDIA BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE HELD AT Dr.B. R. AMBEDKAR BHAVAN,DADAR,MUMBAI ON 2ND AND 3RD MARCH 2013. Mr.PALASH BISWAS (JOURNALIST -KOLKATA) DELIVERING HER SPEECH. http://www.youtube.com/watch?v=oLL-n6MrcoM http://youtu.be/oLL-n6MrcoM

Saturday, April 16, 2016

देश में अभूतपूर्व निरंकुश सत्ता है तो क्या यह छात्र युवा प्रतिरोध भी अभूत पूर्व है। ऐसे माहौल में हम लाउडस्पीकर की तरह हमारे साथी हिमांशु जी के इस बयान को प्रसारित करना चाहते हैं और हम चाहते हैं कि आप भी इसे साझा करेंः कश्मीर में भारत की मौजूदगी और उसका व्यवहार आक्रामक अत्याचारी साम्राज्य का है ၊ मैं कश्मीरी जनता के इस दमन को भारतीय राज्य का हमला मानता हूँ ၊ दुनिया के किसी भी हिस्से में किसी भी समुदाय के साथ इस तरह का व्यवहार बर्बर और असभ्य है ၊ मैं दुखी हूं, मैं कश्मीरी जनता के साथ हूँ , मैं बेबस सही पर खामोश नहीं रहूँगा ၊ पलाश विश्वास


-- देश में अभूतपूर्व निरंकुश सत्ता है तो क्या यह छात्र युवा प्रतिरोध भी अभूत पूर्व  है।
ऐसे माहौल में हम लाउडस्पीकर की तरह हमारे साथी हिमांशु जी के इस बयान को प्रसारित करना चाहते हैं और हम चाहते हैं कि आप भी इसे साझा करेंः
कश्मीर में भारत की मौजूदगी और उसका व्यवहार आक्रामक अत्याचारी साम्राज्य का है ၊ मैं कश्मीरी जनता के इस दमन को भारतीय राज्य का हमला मानता हूँ ၊ दुनिया के किसी भी हिस्से में किसी भी समुदाय के साथ इस तरह का व्यवहार बर्बर और असभ्य है ၊ मैं दुखी हूं, मैं कश्मीरी जनता के साथ हूँ , मैं बेबस सही पर खामोश नहीं रहूँगा ၊
पलाश विश्वास
अभी जेएनयू के हमारे ब्च्चों के खिलाफ कश्मीर के मसले पर आवाज उठाने के लिए राष्ट्रद्रोह का मुकदमा चल रहा है तो शाट डाउन जेएनयू का संघी आंदोलन बंद नहीं हुआ है।

बंगाल में एकताबद्ध जनता के प्रबल प्रतिरोध के कारण यही आवाजें कोलकाता,जादवपुर विश्वाविद्यालय से गूंजती हुई विश्वभारती तक पहुंची है और खड़गपुर आईआईटी और आईआईएम कोलकाता में भी जेएनयू के हक में नारे बुलंग दो रहे हैं लेकिन वहां जेएनयू,या इलाहाबाद,या बीएचयू या हैदराबाद की तरह बजरंगी पर नहीं मार सके हैं और न बंगाल में किसी छाकत्र के खिलाफ कश्मीर या मणिपुर के हक में आवाज उठाने के जुर्म में राष्ट्रद्रोह का कोई मुकदमा है।

बंगाल में जैसे फासीवाद के खिलाफ निर्णायक लड़ाई शुरु हो गयी है,देस के हर हिस्से में आम जनता और छाकत्रों युवाओं की ऐसी लामबंदी हो तो अंधियारे के इस राजकाज और दमन उत्पीड़न के मनुस्मृति एजंडे का अंत तय है।आइये,भगत सिह और अंबेडकर के रास्ते हम लोग सब मत विभेद भूलकर साथ साथ चलें और हातों पर हाथ रखखर बेखौफ सच का समाना करें।

हमारे स्कूली जीवन में आदरणीय काशीनात सिंह का उपन्यास अपना मोर्चा हम लोग लोग खूब पढ़ा करते थे और ख्वाब देखा करते थे कि जनता के मोर्चे के हीरावल दस्ते के तौर हम काम करेंगे,लड़ेंगे।

हम वैसा नहीं कर पाये।फिरभी अफसोस नहीं है।

रोहित वेमुला की संस्थगत हत्या के बाद उनकी मां राधिका वेमुला और भाई ने हिंदू धर्म का त्याग करके बौद्धधर्म अपनाकर बाबासाहेब के रास्ते मनुस्मृति के खिलाफ बगावत कर दी है तो भारत के हर विश्वविद्यालय और शैक्षिक तकनीकी संस्थान में मनुस्मडि राजकाज और हिदू राष्ट्र के एजंडे के खिलाप विद्रोह की आग सुलग रही है।

खड़गपुर के छात्र एकलव्यों की अंगूठी काटने के द्रोण अश्वमेध के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं।उन्होंने इस बार शहीदे आजम भगत सिंह और बाबासाहेब का जन्मदिन साथ में मनाकर बाबासाहेब और भगतसिंह के रास्ते देश को आगे ले जाने का संकल्प किया है।गुजरात से लेकर उत्तराखंड तक छात्रों का यही संकल्पहै।

सोशल मूवमेंट की अंबेडकर रैली में कोलकाता में बाबासाहेब की जयंती पर कोलकाता और जादवपुर विश्वविद्यालय के छात्र शामिल हुए।

देश में अभूतपूर्व निरंकुश सत्ता है तो क्या यह छात्र युवा प्रतिरोध भी अभूत पूर्व  है।

ऐसे माहौल में हम लाउडस्पीकर की तरह हमारे साथी हिमांशु जी के इस बयान को प्रसारित करना चाहते हैं और हम चाहते हैं कि आप भी इसे साझा करेंः
कश्मीर में भारत की मौजूदगी और उसका व्यवहार आक्रामक अत्याचारी साम्राज्य का है ၊ मैं कश्मीरी जनता के इस दमन को भारतीय राज्य का हमला मानता हूँ ၊ दुनिया के किसी भी हिस्से में किसी भी समुदाय के साथ इस तरह का व्यवहार बर्बर और असभ्य है ၊ मैं दुखी हूं, मैं कश्मीरी जनता के साथ हूँ , मैं बेबस सही पर खामोश नहीं रहूँगा ၊



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