BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE 7

Published on 10 Mar 2013 ALL INDIA BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE HELD AT Dr.B. R. AMBEDKAR BHAVAN,DADAR,MUMBAI ON 2ND AND 3RD MARCH 2013. Mr.PALASH BISWAS (JOURNALIST -KOLKATA) DELIVERING HER SPEECH. http://www.youtube.com/watch?v=oLL-n6MrcoM http://youtu.be/oLL-n6MrcoM

Wednesday, November 4, 2015

मुग़ल सम्राट अकबर के नवरत्नों में से एक थे अत्यंत लोकप्रिय हिंदी सूफ़ी कवि अब्दुल रहीम खानखाना। 'रहिमन' के नाम से उनके पद आज भी उतने ही लोकप्रिय हैं। दिल्ली के निज़ामुद्दीन इलाक़े में उनका स्मारक संसार के बडे सूफ़ी कवियों के स्मारकों में गिना जाता है, जो संभवत: जहांगीर के शासनकाल में निर्मित हुआ। उन्हीं का एक पद याद आ गया, अचानक। " रहिमन आह गरीब की, कबहुँ न निसफल जाय, मरे मूस की चाम से, लौह भसम होइ जाय। " महात्मा गांधी ने इस देश के शासकों को कोई भी नीति अपनाने के पहले जिस ' अंतिम आदमी' के आँसू पोंछने की बात कही थी, उसी की 'आह' तख़्त-ओ-ताज पलटती है।


मुग़ल सम्राट अकबर के नवरत्नों में से एक थे अत्यंत लोकप्रिय हिंदी सूफ़ी कवि अब्दुल रहीम खानखाना। 'रहिमन' के नाम से उनके पद आज भी उतने ही लोकप्रिय हैं। दिल्ली के निज़ामुद्दीन इलाक़े में उनका स्मारक संसार के बडे सूफ़ी कवियों के स्मारकों में गिना जाता है, जो संभवत: जहांगीर के शासनकाल में निर्मित हुआ। 
उन्हीं का एक पद याद आ गया, अचानक। 
" रहिमन आह गरीब की, कबहुँ न निसफल जाय,
मरे मूस की चाम से, लौह भसम होइ जाय। "

महात्मा गांधी ने इस देश के शासकों को कोई भी नीति अपनाने के पहले जिस ' अंतिम आदमी' के आँसू पोंछने की बात कही थी, उसी की 'आह' तख़्त-ओ-ताज पलटती है।


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