BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE 7

Published on 10 Mar 2013 ALL INDIA BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE HELD AT Dr.B. R. AMBEDKAR BHAVAN,DADAR,MUMBAI ON 2ND AND 3RD MARCH 2013. Mr.PALASH BISWAS (JOURNALIST -KOLKATA) DELIVERING HER SPEECH. http://www.youtube.com/watch?v=oLL-n6MrcoM http://youtu.be/oLL-n6MrcoM

Monday, July 29, 2013

Rajiv Lochan Sahक्या हमारी सरकार इतनी परदुःखकातर हो गयी कि हाल की आपदा में अपना सर्वस्व गँवाने वाले लोगों अथवा जो सैकड़ों गाँव खतरे के मुहाने पर हैं, उन्हें विस्थापित करने के लिये फारेस्ट की जमीन ले रही है या फिर नदियों, खनिजों और जंगलों की तरह अब बहुमूल्य वन भूमि को माफियाओं को लुटाने का नया खेल शुरू होने जा रहा है?

क्या हमारी सरकार इतनी परदुःखकातर हो गयी कि हाल की आपदा में अपना सर्वस्व गँवाने वाले लोगों अथवा जो सैकड़ों गाँव खतरे के मुहाने पर हैं, उन्हें विस्थापित करने के लिये फारेस्ट की जमीन ले रही है या फिर नदियों, खनिजों और जंगलों की तरह अब बहुमूल्य वन भूमि को माफियाओं को लुटाने का नया खेल शुरू होने जा रहा है? 
आज एक अधूरा और भ्रामक सा समाचार पढ़ने को मिला कि उत्तराखंड में वन भूमि को खेती के लिये दिया जायेगा। हम राज्य आन्दोलन के दौर से ही कह रहे हैं कि उत्तराखंड में सबसे बड़ा जमींदार वन विभाग है। यहाँ 90 प्रतिशत से ज्यादा जमीन फारेस्ट के पास है। जमीन पर दो पेड़ नहीं होंगे, लेकिन जमीन फारेस्ट की होगी। लोगों के पास मकान बनाने के लिय जमीन नहीं, खेती के लिये जमीन नहीं, स्कूल-अस्पताल के लिये जमीन नहीं और वन विभाग सारी जमीन का मालिक बैठा है। तब यह मुद्दा खूब प्रचारित हुआ था। मजबूर होकर कांग्रेस ने 2002 के लिये अपने चुनाव घोषणा पत्र में भी लिखा था कि वन विभाग की कुछ जमीन ली जायेगी। मगर हुआ कुछ नहीं। आज अचानक यह खबर पढ़ कर कान खड़े हो गये। कोई चर्चा नहीं हुई, कोई नीति नहीं बनी तो यह बात कहाँ से उछल गयी? क्या हमारी सरकार इतनी परदुःखकातर हो गयी कि हाल की आपदा में अपना सर्वस्व गँवाने वाले लोगों अथवा जो सैकड़ों गाँव खतरे के मुहाने पर हैं, उन्हें विस्थापित करने के लिये फारेस्ट की जमीन ले रही है या फिर नदियों, खनिजों और जंगलों की तरह अब बहुमूल्य वन भूमि को माफियाओं को लुटाने का नया खेल शुरू होने जा रहा है? यदि यह खबर सच है तो हालात जिस तरह के हैं, मुझे तो भयानक खतरा मंडराता लग रहा है। आपका क्या ख्याल है?

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