BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE 7

Published on 10 Mar 2013 ALL INDIA BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE HELD AT Dr.B. R. AMBEDKAR BHAVAN,DADAR,MUMBAI ON 2ND AND 3RD MARCH 2013. Mr.PALASH BISWAS (JOURNALIST -KOLKATA) DELIVERING HER SPEECH. http://www.youtube.com/watch?v=oLL-n6MrcoM http://youtu.be/oLL-n6MrcoM

Saturday, July 27, 2013

उद्धव ने अमर्त्य सेन से कहा, राजनीति में टांग मत घुसाओ

उद्धव ने अमर्त्य सेन से कहा, राजनीति में टांग मत घुसाओ

Friday, 26 July 2013 15:23

मुंबई। शिव सेना ने आज गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर की गई नोबेल पुरस्कार विजेता अमर्त्य सेन की टिप्पणी के चलते उनसे भारत रत्न वापस लेने की भाजपा सांसद चंदन मित्रा की मांग की निंदा की है, लेकिन इसके साथ उसने इस प्रसिद्ध अर्थशास्त्री को राजनीति में 'टांग नहीं घुसाने' की भी सलाह दी है।
सेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने पार्टी के मुखपत्र 'सामना' में छपे संपादकीय में कहा, ''सेन एक अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त अर्थशास्त्री हैं और उनके विरोधियों द्वारा इस तरह की मांग :भारत रत्न वापस लेने की: नहीं की जानी चाहिए।''
उन्होंने कहा, ''अमर्त्य सेन एक अर्थशास्त्री हैं, लेकिन इस देश का गरीब नहीं जानता कि वह असल में करते क्या हैं। देश की अर्थव्यवस्था खराब हालत में है। यह मोदी नहीं है, जिसने ऐसा किया और नोबेल पुरस्कार से सम्मानित होने के बावजूद अमर्त्य सेन के पास इसकी कोई दवा नहीं है।''
उद्धव ने कहा, ''अगर लोग सेन से पहले अपना काम ठीक ढंग से करने और राजनीति में टांग घुसाने से बचने को कहें, तो वह क्या जवाब देंगे।''
इसके साथ ही उन्होंने कहा, ''अमर्त्य सेन की महानता नकारी नहीं जा सकती। उनसे भारत रत्न वापस लेने की मांग ठीक नहीं थी। हर किसी को अपनी सीमा में रहना चाहिए।''
गौरतलब है कि सेना ने हाल ही में कहा था कि मोदी की पहचान धर्मनिरपेक्ष नहीं है और इसलिए वह नहीं चाहते कि मोदी देश के प्रधानमंत्री बने। इस प्रसिद्ध अर्थशास्त्री ने मोदी के प्रशासनिक मॉडल की भी निंदा की थी।
सेन की इस टिप्पणी के बाद, भाजपा के राज्य सभा सांसद और वरिष्ठ पत्रकार

मित्रा ने सेन को दिए गए देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न उनसे वापस ले लेने की मांग की थी।
मित्रा ने ट्विटर पर लिखा था, ''अमर्त्य सेन कहते हैं वह नहीं चाहते कि मोदी भारत का प्रधानमंत्री बने। क्या सेन भारत के मतदाता भी हैं? राजग की अगली सरकार को उन्हें दिया भारत रत्न वापस ले लेना चाहिए।''
उनकी इस टिप्पणी पर भाजपा के विरोधी दलों ने काफी तीखी प्रतिक्रिया की थी। यहां तक की भाजपा ने भी अपने नेता की इस टिप्पणी से खुद को अलग कर लिया था।
मित्रा की मांग का जवाब देते हुए नोबेल पुरस्कार से सम्मानित अर्थशास्त्री ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने उन्हें यह सम्मान दिया था, और अगर वह उनसे कहें, तो इसे लौटाने को तैयार हैं। 
भाजपा के चुनाव अभियान के प्रमुख मोदी कोे अमेरिकी वीजा देने के मुद्दे पर उनका समर्थन करते हुए उद्धव ने कहा, ''नरेंद्र मोदी अल कायदा, तालिबान या लश्करे तैयबा जैसे किसी आतंकी संगठन के प्रमुख नहीं, एक राज्य के चुने हुए मुख्यमंत्री हैं।''
उन्होंने कहा, ''अमेरिका कश्मीर के अलगाववादी नेताओं को वीजा दे देता है। पाकिस्तान आतंकवाद का गढ़ है। पाकिस्तानी सरजमीं पर ओसामा को अमेरिकी सेना द्वारा मारे जाने के बावजूद पाकिस्तानी राजनेताओं को अमेरिकी वीजा मिल जाता है, लेकिन मोदी को नहीं।''
इस संपादकीय में कहा गया है, ''कांग्रेस के कुछ मुस्लिम नेता इंडियन मुजाहिदीन के पक्ष में बोल रहे हैं, लेकिन किसी ने भी उनके खिलाफ सख्त रच्च्ख नहीं दिखाया। वहीं दूसरी तरफ, मोदी को ऐसे दिखाया जाता है कि वह इस देश का सबसे बड़ा दुश्मन हो।''

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