BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE 7

Published on 10 Mar 2013 ALL INDIA BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE HELD AT Dr.B. R. AMBEDKAR BHAVAN,DADAR,MUMBAI ON 2ND AND 3RD MARCH 2013. Mr.PALASH BISWAS (JOURNALIST -KOLKATA) DELIVERING HER SPEECH. http://www.youtube.com/watch?v=oLL-n6MrcoM http://youtu.be/oLL-n6MrcoM

Thursday, August 16, 2012

Fwd: press release on Pune blast & ATS role



---------- Forwarded message ----------
From: rajiv yadav <rajeev.pucl@gmail.com>
Date: 2012/8/15
Subject: press release on Pune blast & ATS role
To: Shah Nawaz <shahnawaz.media@gmail.com>


आतंकवाद के नाम पर कैद निर्दोषों का रिहाई मंच
सम्पर्क- लाटूस रोड, लखनऊ उ0प्र0
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लखनऊ 14 अगस्त 2012/ आतंकवाद के नाम पर कैद निर्दोषों के रिहाई मंच ने
पुणे धमाके मामले में आजमगढ़ के बड़ा साजिद को कथित तौर पर आरोपी बताने
की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि यह सुरक्षा एजेंसियों की मुस्लिम विरोधी
साम्प्रदायिक मानसिकता की बेशर्म अभिव्यक्ति है। पीयूसीएल आजमगढ़ के
प्रभारी मसीहुद्दीन संजरी और तारिक शफीक ने कहा कि पुणे धमाकों में
आजमगढ़ का नाम लेकर फिर से इसे बदनाम करने की साजिश रची जा रही है।

रिहाई मंच के संयोजक अधिवक्ता मुहम्मद शुएब, मानवाधिकार नेता शाहनवाज आलम
और राजीव यादव ने कहा कि पूरा देश जानता है कि पुणे में बम पाटिल नाम के
व्यक्ति के झोले में फटा/बरामद हुआ। लेकिन मुंबई एटीएस इसे संदिग्ध मानने
से लगातार बचती रही है। जिसके तहत उसने शुरु में धमाकों को शरारती तत्वों
की कारस्तानी साबित करने और पाटिल को संदेह के दायरे से बाहर रखने की
कोशिश की। हाल में हुए पुणे धमाकों से मुंबई एटीएस का हिन्दुत्वादी आतंकी
समूहों के प्रति नर्म रुख का पता चलता है।

मानवाधिकार नेताओं ने महाराष्ट्र के हिन्दुत्वादी आतंकी समूहों और मुंबई
एटीएस के सम्बन्धों की उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग करते हुए कहा कि
मुंबई एटीएस द्वारा पिछले कुछ दिनों से मीडिया के एक हिस्से के माध्यम से
आजमगढ़ के बड़ा साजिद का नाम लेकर पाटिल और हिन्दुत्वादी आतंकी समूहों को
बचाने की कोशिश की जा रही है।

उन्होंने कहा कि यही मुंबई एटीएस महज शक के आधार पर पूछताछ के नाम पर फैज
उस्मानी जैसे निर्दोष मुसलमान को थर्ड डिग्री टार्चर देकर मार डालती है।
लेकिन पाटिल जैसे व्यक्तियों को उसके झोले में विस्फोट हो जाने के बाद भी
संदिग्ध मानने से इनकार करती है। जिससे साबित होता है कि राकेश मारिया के
नेतृत्व में मुंबई एटीएस देश की सुरक्षा के बजाय भगवा दहशतगर्द संगठनों
के प्रति जवाबदेह है। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र के भगवा संगठनों और
एटीएस के सम्बन्धों की जांच करा दी जाय तो पुणे समेत कई धमाकों के राज
फाश हो सकते हैं।

मानवाधिकार नेताओं ने संदेह व्यक्त किया कि पुणे धमाके के बहाने पिछले
दिनों पुणे की यर्वदा जेल में संदेहास्पद स्थितियों में मार डाले गए कतील
सिद्किी मामले में अपनी आपराधिक भूमिका छिपाने के लिए एटीएस ने पुणे
धमाकों को मैनेज किया है। ताकि एटीएस और खुफिया पर उठ रहे सवालों को
दूसरी दिशा में भटकाया जा सके।

द्वारा जारी- शाहनवाज आलम, राजीव यादव
आतंकवाद के नाम पर कैद निर्दोषों का रिहाई मंच
09415254919, 09452800752

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