Monday, 25 June 2012 10:13 |
लंदन, 25 जून (एजेंसी)। बच्चों के पाठ्य सामग्री में टी के लिए टकराव, ज (जे) के लिए 'जिहाद', 'जुनुब', ह (हे) के लिए 'हिजाब' और ख (खे) के लिए खंजर हैं। पाकिस्तान में प्राथमिक शिक्षा की पोल खोलते हुए इस्लामाबाद के एक विद्वान ने उदाहरण देकर बताया कि देश में बच्चों को दी जा रही शिक्षा में कट्टर धार्मिकता और भारत विरोधी मतों को डाला जा रहा है और इस प्रवृत्ति में कमी आने का कोई संकेत नहीं मिल रहा है। हूदभाई ने इस स्थिति के लिए मदरसों को आंशिक रूप से जिम्मेदार ठहराया और अफसोस जताया कि जनरल परवेज मुशर्रफ के शासनकाल के दौरान सुधार के शुरू किए गए प्रयास ज्यादा दूर नहीं जा पाए। उन्होंने कहा कि 2007 के लाल मस्जिद प्रकरण के बाद उदारवादी विचारों का पाकिस्तान के समाचार मीडिया में कम स्वागत किया जाने लगा। शैक्षिक सुधार का हर प्रयास पाठ्यक्रम से घृणा फैलाने वाली सामग्री दूर कर पाने में विफल रहा। अल्पसंख्यक बदलाव चाहता है। लेकिन जब तक हालात बदलने के लिए कोई बड़ा कदम नहीं उठाया जाता है तब तक उसमें गिरावट जारी रहेगी। शिक्षा में बहुलतावाद और धर्मनिरपेक्षता पर बल देते हुए भारत के पूर्व राजनयिक जी पार्थसारथी ने कहा कि जब तक शिक्षा विविधता और अन्य धर्मों के प्रति सम्मान की सीख नहीं देती है तो तनाव बढ़ने लगता है। |
BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE 7
Published on 10 Mar 2013
ALL INDIA BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE HELD AT Dr.B. R. AMBEDKAR BHAVAN,DADAR,MUMBAI ON 2ND AND 3RD MARCH 2013. Mr.PALASH BISWAS (JOURNALIST -KOLKATA) DELIVERING HER SPEECH.
http://www.youtube.com/watch?v=oLL-n6MrcoM
http://youtu.be/oLL-n6MrcoM
Monday, June 25, 2012
‘अ’ माने अल्लाह और ‘ब’ माने बंदूक सीख रहे हैं पाकिस्तानी बच्चे
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