BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE 7

Published on 10 Mar 2013 ALL INDIA BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE HELD AT Dr.B. R. AMBEDKAR BHAVAN,DADAR,MUMBAI ON 2ND AND 3RD MARCH 2013. Mr.PALASH BISWAS (JOURNALIST -KOLKATA) DELIVERING HER SPEECH. http://www.youtube.com/watch?v=oLL-n6MrcoM http://youtu.be/oLL-n6MrcoM

Saturday, October 22, 2011

तिलाड़ी कांड आज भी यमुना घाटी को प्रेरणा देता है

http://www.nainitalsamachar.in/tilari-incedent-of-yamina-valley-is-an-inspiration/


tiladi-ka-maidanतिलाड़ी का गोली काण्ड आज भी यमुना घाटी के लोगों में सिहरन भर देता है। 1930 में 30 मई को इस जगह तत्कालीन टिहरी नरेश ने दर्जनों लोगों को गोली से इसलिये भून डाला था कि वे अपने हक-हकूको की बहाली के लिए लामबंद थे और बिना राजाज्ञा के तिलाड़ी में एक महापंचायत कर रहे थे। सन् 1949 के बाद बड़कोट तहसील के अन्तर्गत तिलाड़ी स्थित में शहीद दिवस मनाया जाता है। यमुना घाटी के लोगों ने प्रो॰ आर. एस. असवाल के नेतृत्व में 'तिलाड़ी स्मारक सम्मान समिति' का गठन किया है, जो प्रति वर्ष क्षेत्र के उल्लेखनीय कार्य करने वाले व्यक्तियों को 'तिलाड़ी सम्मान' से सम्मानित करती है। आयोजन के मुख्य अतिथि सम्मानित किये जाने वाले व्यक्ति होते हैं और अध्यक्षता शहीदों के परिजनों में से कोई करता है। विशुद्ध रूप से सामाजिक सरोकारों से जुड़े इस आयोजन में किसी एक महत्वपूर्ण मुद्दे पर एक प्रस्ताव भी पारित किया जाता है। इस बार यमुना घाटी के लोगों ने पृथक जनपद के लिए प्रस्ताव पारित किया है और घोषणा की है कि वे तब तक चैन की साँस नहीं लेंगे जब तक यह माँग पूरी नहीं हो जायेगी।
तिलाड़ी दिवस की पूर्व संध्या पर 29 मई को 'तिलाड़ी सम्मान 2011' इस बार स्थापत्य कला के क्षेत्र में पुरोला के मोहन लाल उर्फ मोनी मिस्त्री को दिया गया। इन्हीं के साथ पाँच अन्य शिल्पकारों, रघुवीर लाल, गंगा राम मिस्त्री, नीलाम्बर, जयचन्द और आर.के. टैक, के.सी. कुडि़याल को भी शॉल व प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता तिलाड़ी काण्ड के जननायक शहीद बैजराम जी के पुत्र महिमानन्द नौटियाल ने की। इस अवसर पर मुख्य वक्ता राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष सुशीला बलूनी ने कहा कि आस्था के केन्द्रों को बनाने वाले शिल्पकार को तिलाड़ी के नाम पर दिये जाने वाले सम्मान के लिये चुनना अत्यन्त सराहनीय है। यमुनोत्री के विधायक केदार सिंह रावत ने कहा कि तिलाड़ी की संघर्ष की गाथा रवाँई और जौनपुर के लिये प्रेरणा का स्रोत है। पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष सकल चन्द रावत ने कहा कि तिलाड़ी गोली काण्ड के संदर्भ में श्रीदेव सुमन को याद किया। वरिष्ठ पत्रकार विजेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि तिलाड़ी के शहीदों की सन्तानों ने इस क्षेत्र को 'उत्तराखण्ड की इकोनोमिक घाटी' के नाम से विख्यात कर दिया है। सेब हो या नकदी फसल, इसकी सम्पन्नता की धाक अन्य राज्यों में भी जमी हुई है। इस अवसर पर सेवानिवृत्त अध्यापक भजन सिंह जयाड़ा, साहित्यकार महावीर रवांल्टा, पत्रकार प्रदीप डबराल, कृषक युद्धवीर सिंह रावत, नगर पंचायत अध्यक्ष बुद्धि सिंह रावत, आदि ने भी विचार व्यक्त किये।
प्रथम तिलाड़ी सम्मान वर्ष 2006 में साहित्यकार महावीर रवांल्टा, दूसरा सम्मान सामाजिकता के क्षेत्र में जोत सिंह रवाल्टा, तीसरा पत्रकारिता के क्षेत्र में सूरत सिंह रावत, चौथा कृषि व बागवानी के क्षेत्र में युद्धवीर सिह रावत तथा पाँचवाँ सम्मान स्वैच्छिक चकबन्दी के क्षेत्र में स्व. राजेन्द्र सिंह रावत को दिया गया था।
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