BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE 7

Published on 10 Mar 2013 ALL INDIA BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE HELD AT Dr.B. R. AMBEDKAR BHAVAN,DADAR,MUMBAI ON 2ND AND 3RD MARCH 2013. Mr.PALASH BISWAS (JOURNALIST -KOLKATA) DELIVERING HER SPEECH. http://www.youtube.com/watch?v=oLL-n6MrcoM http://youtu.be/oLL-n6MrcoM

Thursday, April 17, 2008

पवित्र ओलिंपिक मशाल रिले समाप्त

पवित्र ओलिंपिक मशाल रिले समाप्त
http://hindi.webdunia.com/news/news/regional/0804/15/1080415085_1.htm

नई दिल्ली (वेबदुनिया/भाषा), गुरूवार, 17 अप्रैल 2008( 17:29 IST )






ओलिंपिक मशाल बुधवार रात भारतीय सरजमीं पर उतरी। रंगारंग वस्त्र पहने बच्चों ने कड़ी सुरक्षा के बीच यहाँ मशाल की अगवानी की। समाचार लिखे जाने तक राष्ट्रपति भवन से पवित्र ओलिंपिक मशाल को रवाना किया, जो बाद में विजय पथ पर जाकर खत्म हुई।

राजपथ पर इस मशाल को थामने वाले हाथ थे महाबली सतपाल, निशानेबाज अभिनव बिन्द्रा, अंजू बॉबी जॉर्ज, कुंजरानी देवी, सैफ अली खान, धनराज पिल्ले, विकलांग एथलीट राजिन्दर सिंह, असलम शेरखान, गुरचरणसिंह रंधावा, चक दे इंडिया की सागरिका घाटगे, कर्णम मल्लेश्वरी, पीटी उषा, लिएंडर पेस, महेश भूपति।

कुल 40 भारतीय खेल हस्तियों के हाथों से यह मशाल गुजरी। मशाल कुल 3 किलोमीटर का सफर तय किया और जो भी हाथ इस मशाल को थाम रहे थे, वे खुद को बेहद गौरवान्वित महसूस कर रहे थे।

कड़े सुरक्षा घेरे में मशाल : जब ओलिंपिक रिले को भारतीय हस्तियाँ अपने मुकाम पर पहुँचा रहीं थी, तब मशाल की सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे। मशाल वाहक के आसपास वॉलेंटियर्स मौजूद थे। इस रिले में हिस्सा लेने के लिए चीन से 5 एथलीट भी आए थे।

विजय पथ से जब मशाल का कारवाँ गुजर रहा था, तब इंडिया गेट पर सिख रेजिमेंट का बैंड संगीत की स्वर लहरियाँ बिखेरते हुए माहौल को और गरिमामय बना रहा था।

मुख्यमंत्री शीला दीक्षित भी पहुँची : मशाल को निर्धारित स्थल (राजपथ) पर लिएंडर पेस और महेश भूपति ने पहुँचाया। यहाँ पर एक विशाल पात्र में मशाल प्रज्जवलित की गई। इस ऐतिहासिक मौके पर दिल्ली की मुख्यमंत्री श्रीमती शीला दीक्षित, केन्द्रीय खेलमंत्री गिल, भारतीय ओलिंपिक संघ के अध्यक्ष सुरेश कलमाड़ी मौजूद थे। ओलिंपिक आंदोलन को भारत में फैलाने में कलमाड़ी का अहम योगदान रहा है।



PTI

इससे पहले 72 सेंटीमीटर लंबी और 985 ग्राम वजन वाली यह मशाल इस्लामाबाद से विशेष विमान से यहाँ पहुँची थी। विमान पालम तकनीकी इलाके में देर रात एक बजकर 10 मिनट पर उतरा। मशाल की अगवानी के लिए रंगारंग परिधान धारण किए हुए करीब 30 भारतीय एवं चीनी बच्चे हवाई अड्डे पर मौजूद थे।
सुरक्षा के तगड़े बंदोबस्त : ओलिंपिक मशाल रिले के आयोजन के मद्देनजर सुरक्षा के तगड़े बंदोबस्त किए गए हैं तथा तिब्बती प्रदर्शनकारियों के आयोजन को बाधित करने के किसी भी प्रयास को नाकाम करने के लिए पूरे मध्य दिल्ली क्षेत्र को छावनी में तब्दील कर दिया गया। मशाल रिले की सुरक्षा के लिए 15 हजार सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए।

मध्य दिल्ली स्थित पंचतारा होटल ली मैरीडियन में मशाल को रखा गया था और उसके समीप बड़ी संख्या में त्वरित कार्रवाई बल समेत राइफलों से लैस सुरक्षा बलों को तैनात किया गया था।

मशाल रिले के निर्धारित मार्ग राजपथ पर अवरोधक लगाए गए हैं और इस मार्ग पर ओलिंपिक मशाल रिले को बाधित करने के तिब्बती प्रदर्शनकारियों के किसी भी प्रयास को नाकाम करने के लिए सुरक्षा बल कड़ी नजर रख रहे हैं।

इसी बीच खबर यह है कि अकबर रोड़ पर प्रदर्शन कर रहे 13 तिब्बतियों को गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तार लोगों में एक महिला भी शामिल थी।

तिब्बतियों ने किया विरोध प्रदर्शन


नई दिल्ली (भाषा), गुरूवार, 17 अप्रैल 2008( 10:47 IST )






तिब्बती प्रदर्शनकारियों ने बुधवार आधी रात में ओलिंपिक मशाल के भारत पहुँचने पर विरोध प्रदर्शनों के साथ उसकी अगवानी की। तिब्बतियों ने यहाँ उस पंचतारा होटल के समक्ष भी प्रदर्शन किया जहाँ मशाल को रखा गया है।

तिब्बतियों ने यहाँ ली मैरिडियन होटल के साथ ही धौला कुआँ इलाके में भी तड़के प्रदर्शन किया। पंचतारा होटल के बाहर से करीब 40 प्रदर्शनकारियों को हिरासत में ले लिया गया।

ओलिंपिक मशाल के बीती रात एक बजकर दस मिनट पर पालम हवाई अड्डा पहुँचने के बाद रात्रि साढ़े तीन बजे करीब 30 तिब्बती राजपथ से करीब आधा किलोमीटर दूर जनपथ पर स्थित होटल के सामने आए। राजपथ से ही मशाल की दौड़ होगी।

पीली जैकेट पहने कुछ प्रदर्शनकारियों ने 'तिब्बत के लिए न्याय' और 'हम आजादी चाहते हैं' जैसे नारे लगाए। प्रदर्शनकारियों ने सुरक्षा घेरे को भी तोड़ने की कोशिश की।

बड़ी संख्या में तैनात सुरक्षा बलों ने उनके प्रयास को नाकाम कर दिया और उनमें से करीब छह लोगों को हिरासत में ले लिया। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तत्काल सड़क से हटा दिया और उनमें से कुछ को हिरासत में ले लिया गया।

बिरंची की पत्नी ने लगाई गुहार


भुवनेश्वर (भाषा), गुरूवार, 17 अप्रैल 2008( 17:40 IST )






बाल मैराथन धावक बुधियासिंह के दिवंगत पूर्व कोच की पत्नी ने अपने पति की हत्या के मामले में निष्पक्ष जाँच की माँग की। इस बीच मामले का मुख्य अभियुक्त अभी तक फरार है।

प्रदेश के बड़ागड़ा पुलिस थाने में औपचारिक शिकायत दर्ज कराने के एक दिन बाद बिरंची की विधवा गीतांजलि ने यहाँ संवाददाताओं से कहा कि जिस समय गोलीबारी की यह घटना हुई, उस समय वे जूडो हॉल में थीं। उन्होंने याद करते हुए बताया कि उनके पति गुहार कर रहे थे- 'राजा मुझे गोली मत मारो।' गीतांजलि भी एक जूडो कोच हैं।

मेघालय व असम में भूकंप के झटके


शिलाँग (वार्ता), गुरूवार, 17 अप्रैल 2008( 12:05 IST )






मेघालय की राजधानी शिलांग और असम के कुछ भागों में आज सुबह भूकंप के हलके झटके महसूस किए गए।

सेन्ट्रल सेस्मोलॉजिकल आर्ब्जवेटरी (सीएसओ) के अधिकारियों ने बताया कि सुबह छह बजकर 42 मिनट पर आए भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 4.3 मापी गई। भूकंप का केन्द्र असम के मॉरिगाँव जिले में 26.3 डिग्री उत्तरी अक्षांश और 92.5 डिग्री पूर्वी देशान्तर में था।

अधिकारियों ने बताया कि भूकंप से जान-माल के नुकसान की खबर नहीं है।

कुपवाड़ा में सैन्य पोशाक पहनने पर प्रतिबंध


श्रीनगर (भाषा) , बुधवार, 16 अप्रैल 2008( 22:30 IST )






कुपवाड़ा जिला प्रशासन ने आतंकी गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए आम लोगों के सेना की पोशाक पहने पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगा दिया है।

अधिकारिक सूत्रों के मुताबिक कुपवाड़ा के जिला अधिकारी ने अपने अधिकारियों को आदेश दिया है कि सेना की पोशाक बेचने वाली दुकानों और इसकी सिलाई करने वाले दर्जियों के ठिकाने पर समय-समय पर छापा मारकर सख्ती के साथ इस आदेश का पालन किया जाए।

सावधानी बरतने के लिए यह आदेश पारित किया गया, ताकि जिले में आतंकी गतिविधियों पर अंकुश पाया जा सके।

उल्लेखनीय है कि आतंकवादी सेना की पोशाक पहनकर कश्मीर घाटी में आतंकी कारवाईयों को अंजाम दिया करते हैं।
इसी तरह का प्रतिबंध पिछले महीने बारामूला और बांदिपोरा जिले में भी लगाया गया था।

इस बीच जिला अधिकारी ने जिले में सुबह दस बजे से शाम चार बजे तक धारा 144 लगाए जाने के आदेश की अवधि को अगले साठ दिनों के लिए और बढ़ा दिया है।
प्रियंका से मिलकर नलिनी के पाप धुले!


चेन्नई (भाषा), गुरूवार, 17 अप्रैल 2008( 11:00 IST )






राजीव गाँधी की हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा काट रही नलिनी मुरुगन वेल्लूर जेल में पिछले महीने प्रियंका वढेरा से मुलाकात के बाद काफी राहत महसूस कर रही है।

यह बात उसके भाई पीएस भाग्यनाथन ने कही। उसने कहा कि नलिनी ने महसूस किया कि अनजाने में किए गए उसके पाप धुल गए हैं। गौरतलब है कि पहले इस मामले में भाग्यनाथन भी आरोपी था, लेकिन बाद में वह निर्दोष साबित हो गया।

भाग्यनाथन ने अपनी बहन के हवाले से बताया कि प्रियंका से मिलने के बाद वह महसूस करती है कि उसके पाप धुल गए हैं, जो उसने अनजाने में किए थे।

भाग्यनाथन ने कहा कि यह बेहद निजी मुलाकात मीडिया में आ जाने से और इस पर चल रही अटकलों से उसको और उसकी बड़ी बहन को दु:ख पहुँचा। उसने बताया कि इस मुलाकात के बाद मेरी बहन काफी उत्साहित थी, लेकिन मीडिया में चल रही अटकलों से उसकी खुशी को झटका लगा है। उसने बताया कि मेरी बहन इस तरह की नहीं है, जो सुर्खियों में रहना पसंद करे।

भाग्यनाथन ने यह भी कहा कि नलिनी ने दोनों के बीच हुई बातचीत के बारे में ज्यादा कुछ नहीं बताया है। गौरतलब है कि नलिनी को उसके पति मुरुगन और दो अन्य के साथ मृत्युदंड दिया गया था तथा सोनिया गाँधी के हस्तक्षेप के बाद उसकी सजा उम्रकैद में बदल दी गई। इन्हें लिट्टे कार्यकर्ता बताया गया था।

नलिनी के सलाहकार एस. दुरईसामी ने बताया कि नलिनी की रिहाई की एक याचिका मद्रास उच्च न्यायालय में दी गई थी, जिस पर कोई निर्णय नहीं हुआ।

इस बीच प्रियंका वढेरा से मुलाकात के बाद सुर्खियों में आई नलिनी मुरुगन ने स्थानीय पत्रकारों के मिलने और बातचीत करने के अनुरोध को अस्वीकार कर दिया।

जेल अधिकारियों ने बताया कि जेल अधीक्षक ज्ञानन सौंदरी को सौंपे लिखित बयान में नलिनी ने कहा कि वह पत्रकारों से नहीं मिल सकती क्योंकि वह बीमार है।

ये खाने लगे खेत, इन्हें पहुँचाओ विदेश!


शिमला, बुधवार, 16 अप्रैल 2008( 16:35 IST )






हिमाचल प्रदेश की सरकार ने केंद्र सरकार से कहा है कि बंदरों के निर्यात को प्रतिबंध से तत्काल मुक्त किया जाए। फिलहाल हो यह रहा है कि हिमाचल में बंदरों की सेना फसलों को खराब कर रही है। इससे सरकार को खासा नुकसान हो रहा है।

वन विभाग की ओर से केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय को पत्र लिखा गया है, जिसमें कहा गया है कि बंदरों के निर्यात पर पिछले ढाई दशक से लगे प्रतिबंध को समाप्त किया जाए। वन विभाग के सूत्रों ने यह जानकारी दी।

दरअसल 1982 में केंद्र सरकार ने पशुओं के अधिकारों की आवाज उठाने वाले लोगों की बात मानते हुए बंदरों के निर्यात पर रोक लगा दी थी। तब से यह पूरे देश में लागू है।

बंदरों का निर्यात अमेरिका और ब्रिटेन के लिए प्रतिबंधित किया गया है। दरअसल इन देशों में बंदरों पर प्रयोग किए जाते हैं, इसके लिए जमकर पैसा दिया जाता है।

हिमाचल में अभी करीब 3.5 से 4 लाख बंदर मौजूद हैं। इसीलिए प्रदेश सरकार केंद्र सरकार से बार-बार निवेदन कर रही है कि वह अपने ढाई दशक पुराने फैसले पर फिर से सोचे।

बैतूल सीट पर भाजपा का कब्जा बरकरार


बैतूल (मप्र), बुधवार, 16 अप्रैल 2008( 15:54 IST )






मध्यप्रदेश की बैतूल संसदीय सीट पर अपना कब्जा बरकरार रखते हुए भाजपा ने उपचुनाव जीत लिया है।

जिला निर्वाचन अधिकारी अरुण भट्‍ट के अनुसार भाजपा के हेमंत खंडेलवाल ने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी कांग्रेस के सुखदेव पाँसे को 35 हजार 440 मतों के अंतर से परास्त कर दिया।

बैतूल संसदीय निर्वाचन क्षेत्र में गत 12 अप्रैल को उपचुनाव हुआ था तथा मतों की गिनती का काम आज किया गया। यह सीट भाजपा सांसद विजय खंडेलवाल के निधन से रिक्त हुई थी और उपचुनाव में पार्टी ने उनके पुत्र हेमंत को टिकट दिया, जबकि कांग्रेस ने मासौद के विधायक सुखदेव पाँसे को मैदान में उतारा था।
कैलाश मानसरोवर यात्रा एक जून से


पिथौरागढ़ (भाषा), बुधवार, 16 अप्रैल 2008( 12:24 IST )






इस साल कैलाश मानसरोवर यात्रा नई दिल्ली से एक जून को आरंभ होगी और इसका समापन 24 सितंबर को होगा। यात्रा की नोडल एजेंसी कुमाऊ मंडल विकास निगम (केएमवीएन) ने यह जानकारी दी।

केएमवीएन के प्रबंध निदेशक अमित नेगी ने एक बैठक की अध्यक्षता करने के बाद बताया कि इस साल कैलाश और मानसरोवर की यात्रा पर कुल 16 जत्थे जाएँगे।

प्रत्येक जत्थे में 40 से 60 श्रद्धालु होंगे। इनके लिए आवश्यक प्रबंध करने के लिए संबद्ध विभागों को आदेश दे दिए गऍं है।
फिर खुलेगा भुतहा रेलवे स्टेशन


पुरुलिया (भाषा), मंगलवार, 15 अप्रैल 2008( 22:33 IST )






पुरुलिया जिले के 43 किलोमीटर दूर स्थित उस रेलवे स्टेशन को रेल मंत्रालय दोबारा खोलने की योजना बना रहा है जिसके बारे में कई भुतहा कहानियाँ प्रचलित हैं। इस स्टेशन पर आखिरी बार 1972 में रेलगाड़ी चली थी।

स्थानीय लोग इस रेलवे स्टेशन को भुतहा मानते हैं और अँधेरा होने के बाद यहाँ आने से बचते हैं। उनका कहना है कि स्टेशन पर रेलगाड़ी ने एक महिला को कुचल दिया था, जिसके बाद से उसकी आत्मा यहाँ पर भटकती है।

वरिष्ठ संभागीय व्यावसायिक प्रबंधक काली शंकर मुखर्जी कहते हैं कि ऐसा कोई उदाहरण नहीं है जिसमें भारतीय रेलवे ने किसी स्टेशन को मात्र इसलिए बंद कर दिया क्योंकि वहाँ पर आत्माएँ रहती हैं।

मुखर्जी के अनुसार हो सकता है कि स्टेशन के कर्मचारियों को यह स्थान पसंद न हो और स्थानांतरण करवाने के लिए उन्होंने ही भुतहा कहानियाँ फैला दी हों।

एक स्थानीय निवासी निलाधज ने बताया कि यहाँ पर रेलवे के एक कर्मचारी ने भूत को देखा था जिसके कुछ दिन बाद रहस्यमय परिस्थितियों में उसकी मृत्यु हो गई थी। इस घटना के बाद स्टेशन मास्टर यहाँ से भाग गया था।

सांसद और संसद की रेलवे संबंधी स्थायी समिति के अध्यक्ष बासुदेव आचार्य का कहना है कि सँकरे गेज ट्रेक के कारण स्टेशन को बंद किया गया था। पूरे दिन में यहाँ के केवल एक गाड़ी ही जाती थी इसलिए अधिकारियों को इसे बंद करना पड़ा।

उन्होंने कहा कि स्टेशन को दोबारा प्रारंभ करवाने के लिए हम पूरे प्रयास कर रहे हैं। राँची संभाग के एक अधिकारी ने स्टेशन को दोबारा प्रारंभ करने के रेलवे मंत्रालय के प्रयासों की पुष्टि करते हुए कहा है कि सर्वेक्षण का काम पूरा हो चुका है।

अब देवी-देवता भी ब्रांडेड!


नई दिल्ली (भाषा), मंगलवार, 15 अप्रैल 2008( 15:43 IST )






कपड़ों और उपभोक्ता सामग्रियों की तरह देवी- देवता भी अब ब्रांडेड हो गए हैं तथा महँगाई की मार झेल रही जनता को अब ये कई गुना ज्यादा दामों में बाजार में उपलब्ध हैं।

ये देवी-देवता अब डी-मार्ट कंपनी के ब्रांड के तहत इटली और जर्मनी में बनाए जा रहे हैं तथा इनकी कीमत का दायरा 15 हजार रूपए से लेकर सात-आठ लाख रूपए तक है। डी-मार्ट कंपनी के प्रबंध निदेशक प्रवीण राव ने कहा कि ये उच्चवर्गीय उपभोक्ताओं ध्यान में रखकर निर्मित किए गए हैं तथा इसमें स्टर्लिग चाँदी का इस्तेमाल किया जाता है, जो कभी काला नहीं पड़ता।

इसके अलावा इसमें स्वारवोस्की क्रिस्टल लगे होते हैं तथा कभी-कभी इनमें सोने की भी पॉलिश का इस्तेमाल किया जाता है। डी-मार्ट में दुर्गा की मूर्ति की कीमत लगभग एक लाख 71 हजार रूपए है, जबकि कृष्ण की मूर्ति की कीमत 41 हजार पाँच सो रुपए, साईंबाबा की मूर्ति की कीमत 31 हजार रूपए तथा सबसे छोटे गणेशजी की मूर्ति की कीमत 12 हजार 500 रूपए है।

डी-मार्ट की मूल कंपनी डॉल्फिन मार्ट लिमिटेड है, जिसका सालाना कारोबार 150 करोड़ रूपए है। इसमें घरेलू सज्जा और उपहार खंड के लिए वस्तुएँ बनाने वाली कंपनी डी-मार्ट का सालाना कारोबार लगभग 18 करोड़ रूपए का है।

शेयर बाजार की सार्थक बाजीगरी



कमल शर्मा





शेयर बाजार के निवेशकों ने पिछले ढाई महीने में जिस तरह अपने निवेश को धुलते हुए देखा है, उसने अधिकतर निवेशकों की कमर तोड़ दी है। इस समय कोई भी निवेशक नया निवेश करने के मूड में नहीं है, लेकिन कुछ बातों को ध्‍यान में रखा जाए तो हर दशा में इस बाजार का बाजीगर बना जा सकता है।

बाजीगर निवेशक हमेशा बेहतर कंपनियों की सूची बनाने में लगे रहते हैं जिनमें सही समय और सही भाव पर निवेश किया जा सके। शेयर बाजार की हर गिरावट शेयर खरीदने का मौका देती है, लेकिन इसके लिए जरूरी है कि ऐसी मंदी के समय फंड पास हो। इसलिए अपने पिछले निवेश में उचित भाव पर मुनाफावसूली करते रहना जरूरी है। वारेन बफेट का कहना है कि वे किसी कंपनी में निवेश के लिए बेहतर समय का इंतजार बरसों तक कर सकते हैं।

बेहतर कंपनियों के चयन से पोर्टफोलियो उम्‍दा बनता है। जिस तरह बगैर ठोस परिकल्‍पना के एक परियोजना खड़ी नहीं की जा सकती वैसे ही बेहतर और मजबूत कंपनियों के अभाव में मजबूत पोर्टफोलियो नहीं बनाया जा सकता। कमजोर फंडामेंटल और अफवाहों या कानाफूसी के आधार पर चलने वाले शेयर मंदी में पानी पानी हो जाते हैं, जिससे आम निवेशक अपने को पूरी तरह साफ पाता है।

प्रतिकूल लांग टर्म बिजनैस भविष्‍य, कमजोर लेखा-जोखा और खराब संचालन वाली कंपनियाँ शार्ट टर्म में तारे तोड़ने की बात कहती हैं जिससे यह मजेदार लग सकती हैं, लेकिन मंदी का दौर आते ही इन कंपनियों के भाव औंधे मुँह दिखते हैं। ऐसी स्थिति में मजबूत आधार पर पोर्टफोलियो खड़ा करना चाहिए।

यदि आपको किसी छिपे खजाने की जानकारी हो तो क्‍या आप उसे आम आदमी को बताना चाहेंगे। नहीं ना, तो फिर शेयर टिप्‍स पर भरोसा क्‍यों। जिन कंपनियों के शेयरों में आप निवेश करना चाहते हैं उनके बारे में खुद पढ़ें और उन्‍हें समझें। बाजार में चल रही टिप्‍स को आप एक टूल के रूप में उपयोग कर सकते हैं, लेकिन केवल उसी पर पूरा आधार न रखें। ऐसी चलने वाली टिप्‍स आपके निवेश को साफ कर सकती है।

कहावत है कि जो जितनी बड़ी जोखिम लेता है, उतना ही मोटा मुनाफा कमाता है। तगड़ा मुनाफा कमाने के लिए बड़ी रिस्‍क लेना जरूरी है, लेकिन ऐसी रिस्‍क लेते समय सावधान रहें। हरेक निवेशक को अपनी रिस्‍क प्रोफाइल को समझने और अस्थिरता के समय किस तरह आगे बढ़ाने की कला आनी चाहिए। बगैर इस कला के एक निवेशक बाजीगर नहीं बन सकता।

पोर्टफोलियो खड़ा करते समय जो बात सबसे ज्‍यादा ध्‍यान में रखी जानी चाहिए, वह है समूची निवेश राशि का उपयोग एक बारगी ही न करें। अपनी निवेश राशि को टुकड़ों में निवेश करें, ताकि आपकी खरीद लागत कम रहे और कई बार अपनी सूची में छूट गए बेहतर शेयर सस्‍ते में मिलने पर खरीदे जा सकें। भारी मंदी के समय अर्थव्‍यवस्‍था में अहम भूमिका निभाने वाली कंपनियों के शेयर पानी के भाव खरीदे जा सकते हैं। इसलिए अपने निवेश राशि को चरणबद्ध तरीके से निवेश करें।

पोर्टफोलियो खड़ा करने के लिए जो निवेश किया जा रहा है, उसमें उधारी का पैसा नहीं होना चाहिए। मौजूदा मंदी में जिस तरह अनेक निवेशक, हेज फंड्स और बैंक बुरे हालात में पहुँचे हैं उसका मुख्‍य कारण उधार के पैसे होना है। तेजी के समय उधार का पैसा आपको मालामाल बना सकता है, लेकिन मंदी के समय यह गले की हड्डी बन जाता है। याद रखें कि बुरे दिन मेल या ई-मेल भेजकर नहीं आते। उधार के पैसे तेजी के बीच में ही लगाएँ और तत्‍काल मुनाफा वसूली कर उस पैसे को चुकता कर दें।

अंत में, वित्‍त वर्ष 2008-09 के आम बजट में वित्तमंत्री पी. चिदम्‍बरम ने शार्ट टर्म कैपिटल गैन टैक्‍स में बढ़ोतरी कर लंबी अवधि के निवेश को प्रोत्‍साहन दिया है, वह कोई नया नहीं है। निवेशक वही सफल हुए हैं, जिन्‍होंने लंबी अवधि के लिए निवेश किया है।

दुनिया में नंबर वन बने अमीर वॉरेन बफेट का तो यही उसूल है कि निवेश करो और भूल जाओ। लंबी अवधि का निवेश बाजार में रोज-रोज होने वाले उतार-चढ़ाव से प्रभावित नहीं होता और गंभीर निवेशकों पर इसका असर भी नहीं पड़ता। बस थोड़ा-सा अनुशासन आपके पोर्टफोलियो को हर स्थिति में मजबूत रख सकता है एवं लंबी अवधि में आपको बेस्‍ट बाजीगर बना सकता है।

• य‍ह लेखक की निजी राय है। किसी भी प्रकार की जोखिम की जवाबदारी वेबदुनिया की नहीं होगी।
शेयर लेवाली का बेहतर समय



कमल शर्मा





भारतीय शेयर बाजार के लिए वित्तवर्ष 2007-08 का अंतिम सप्‍ताह अच्‍छा रहा और जिस तरह के भारी बिकवाली दबाव की जो आशंका थी, वह आशंका ही रह गई।

अमेरिकी अर्थव्‍यवस्‍था में आए मंदी के संकेत मिटे नहीं हैं, बल्कि दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्‍यवस्‍था जापान के बुरे हाल होने की खबरें बेचैनी बढ़ा सकती हैं।

देश में भी महँगाई की दर ने सिर उठा लिया है, बावजूद इसके पिछले शुक्रवार को बॉम्‍बे स्‍टॉक एक्‍सचेंज में 356 अंक का उछाल देखने को मिला, जो यह संकेत देता है कि बाजार एक बार फिर कई कारकों को नजरअंदाज करते हुए आगे बढ़ता रहेगा।

लोकसभा चुनाव के इस वर्ष में खुद सरकार भी नहीं चाहती कि शेयर बाजार में अब कोई बड़ी गिरावट आए, जिससे उसे आक्रोश का सामना करना पड़े, लिहाजा बाजार का सेंटीमेंट सकारात्‍मक रखने के लिए अब अनेक घोषणाएँ होती रहेंगी।

मोतीलाल ओसवाल सिक्‍युरिटीज के इक्विटी वाइस प्रेसीडेंट मनीष सोंथलिया का मानना है कि शेयर बाजार ने बॉटम से उठना शुरू कर दिया है और उसने उच्‍च मुद्रास्‍फीति को भी डिस्‍काउंट कर लिया है। अगले सप्‍ताह से शेयर बाजार में मजबूती दिखने की उम्‍मीद है एवं चौथी तिमाही के लिए आने वाले कॉरपोरेट नतीजे इसे और बढ़ाएँगे।

एसबीआई कैप सिक्‍युरिटीज के संस्‍थागत बिक्री के प्रमुख जिग्‍नेश देसाई का कहना है कि कमोडिटी के दाम नीचे आ रहे हैं, जिससे अगले सप्‍ताह मुद्रास्‍फीति में कमी की आस है।

इस बीच, चुनाव आयोग ने अगस्‍त के बाद देश में आम चुनाव और चार राज्‍यों आंध्रप्रदेश, कर्नाटक, उड़ीसा एवं सिक्‍कम में विधानसभा चुनाव की तैयारी दिखाई है।

आम चुनावों को देखते हुए केंद्र सरकार यह कतई नहीं चाहती कि आर्थिक मोर्चे पर ऐसे कोई कदम उठाए जाएँ जिससे उसे दिक्‍कतों का सामना करना पड़े, बल्कि अब शेयर बाजार को भी गर्म बनाए रखने के लिए अनेक सकारात्‍मक घोषणाएँ सुनने को मिल सकती हैं।

वित्तमंत्री पी. चिदंबरम कह ही चुके हैं कि आर्थिक विकास दर को बनाए रखने के साथ महँगाई को नियंत्रण में रखने के पूरे प्रयास किए जाएँगे, जिसकी वजह से ही पिछले सप्‍ताह मुद्रास्‍फीति के जोरदार ढंग से बढ़ने के बावजूद शेयर बाजार में नया जोश दिखा।

अब बड़े और छोटे निवेशक शेयर बाजार में आए जोश को देखते हुए लौटने का मूड बना रहे हैं। वित्तवर्ष 2008-09 के पहले सप्‍ताह से घरेलू म्यूच्युअल फंड और विदेशी संस्‍थागत निवेशक शेयरों की खरीद की तैयारी कर चुके हैं।

नए वित्तवर्ष में कैपिटल गुड्स ऑटोमोबाइल, फार्मा और आईटी क्षेत्र की कंपनियों में बड़ा निवेश दिखाई दे सकता है। नए सप्‍ताह में फार्मा के साथ आईटी शेयरों में वेल्‍यू बाइंग देखने को मिलेगी। चौथी तिमाही के नतीजों से पहले यह खरीद होगी। बाजार विश्‍लेषकों पर भरोसा करें तो चौथी तिमाही के नतीजे बेहतर रहेंगे। इसके बाद मानसून फैक्‍टर बाजार को चलाने के लिए भूमिका अदा करेगा।

असल में मौजूदा समय शेयरों में ट्रेडिंग का सही समय बन रहा है। हर गिरावट पर खरीद एवं हर बढ़त पर बाहर होना मौजूदा स्थिति में कमाई का उचित समय है। केवल आपको उस कंपनी का चयन करना है, जहाँ कमाई का मौका मौजूदा है।

फर्स्‍ट कॉल इंडिया इक्विटी एडवाइजर्स के कंट्री हैड डॉ. वीवीएलएन शास्‍त्री का कहना है कि अनेक कंपनियों की वेल्‍यूएशन खूब आकर्षक है और इसका लाभ म्‍युच्युअल फंड और एफआईआई ले रहे हैं।

अमेरिका में ब्‍याज दर का स्‍तर वर्ष 2003 के स्‍तर पर पहुँच गया है। उभरते बाजारों में तेजी का दौर वर्ष 2003 से शुरू हुआ था। इस तरह मौजूदा भावों पर खरीद का अच्‍छा मौका सामने आया है।

बॉम्‍बे स्‍टॉक एक्‍सचेंज यानी बीएसई सेंसेक्‍स 31 मार्च से शुरू हो रहे सप्‍ताह में 16863 अंक से ऊपर बंद होने पर 17188 अंक तक जा सकता है। बीएसई सेंसेक्‍स को 15883 अंक पर स्‍पोर्ट मिलेगा। निफ्टी 5083 अंक से ऊपर बंद होने पर 5188 अंक तक जाने की उम्‍मीद है। निफ्टी को स्‍पोर्ट 4782 अंक पर मिलेगा।

तकनीकी विश्‍लेषक हितेंद्र वासुदेव का कहना है कि सेंसेक्‍स के लिए अगला ट्रिगर 16683 है। सेंसेक्‍स इस स्‍तर को पार करता है और 16923 अंक से ऊपर बंद होता है तो तेजी एकदम बढ़ेगी एवं सेंसेक्‍स के अगले स्‍तर 17177, 17947 और 18717 अंक होंगे। यानी शेयर सेंसेक्‍स में खासा सुधार और रौनक लौटने के दिन।

इस सप्‍ताह निवेशक कोटक महिंद्रा बैंक, लार्सन एंड टूब्रो, भेल, ओएनजीसी, गोदरेज इंडस्‍ट्रीज, लैनेक्‍स एबीएस, केएस ऑयल, एसकेएफ इंडिया, ग्‍लैक्‍सो स्मिथ फार्मा, लॉयड इलेक्ट्रिक, मारुति सुजुकी, एबीजी शिपयार्ड, सन फार्मा और क्‍युमिंस इंडिया पर ध्‍यान दे सकते हैं।

• य‍ह लेखक की निजी राय है। किसी भी प्रकार की जोखिम की जवाबदारी वेबदुनिया की नहीं होगी।
बेहतर रिटर्न मिलेगा अस्‍त्र-शस्‍त्र कंपनियों में









-कमल शर्मा
भारत सरकार ने अब हथियारों की बढ़ती माँग को देखते हुए इस क्षेत्र को भी निजी खिलाड़ियों के लिए खोलने की जो घोषणा की है, वह बेहतर निवेश और रिटर्न चाहने वालों के लिए अच्‍छा मौका है। असल में सफल निवेशक वह है जो आने वाले समय के उन उद्योगों में निवेश करता रहे जहाँ रिटर्न अधिक मिलने की उम्‍मीद हो।

शेयर बाजार में एक खास बात यह देखने को मिलती है की हर नई तेजी के समय पिछली तेजी की कुछ कंपनियाँ छूट जाती हैं और कुछ ऐसी कंपनियाँ अगली तेजी में चमक जाती हैं जिनके बारे में हर निवेशक अनुमान नहीं लगा पाता। यही हालत उद्योगों की होती है। मसलन कुछ अरसे पहले पावर सेक्‍टर की ओर किसी का ध्‍यान नहीं था, लेकिन अब हर निवेशक पावर सेक्‍टर से जुड़ी कंपनियों को अपने पोर्टफोलियो में रखना चाहता है।

शेयर बाजार में अगली तेजी की अब जो लहर चलेगी, उसमें दो उद्योग उभरकर आएँगे। ये हैं शीपयार्ड और हथियार उद्योग। भारत में अब तक हथियार उद्योग पूरी तरह सरकार के नियंत्रण में रहा है, लेकिन अब इसमें बढ़ती निवेश जरूरत की वजह से निजी क्षेत्र की भागीदारी शुरू हो रही है। समूची दुनिया में हथियार की बढ़ रही दौड़ से हथियार बनाने वाली कंपनियों में किया गया निवेश आने वाले दिनों में बेहद फायदेमंद होगा।

अर्नस्‍ट एंड यंग ने दुनियाभर में हो रहे सैन्‍य खर्च पर जारी अपनी ताजा रिपोर्ट में कहा है कि वर्ष 2040 तक अमेरिका दुनिया का सबसे बड़ा रक्षा बाजार होगा, जबकि चीन एशिया में सेना पर खर्च करने वाला प्रमुख देश होगा जबकि इसराइल जो कि भारत का दूसरा सबसे बड़ा रक्षा भागीदार है, के रूस से आगे निकल जाने की संभावना है। वर्ष 2010 तक भारत और रूस के बीच प्रतिरक्षा कारोबार दस अरब अमेरिकी डॉलर का रहेगा।

रिपोर्ट के मुताबिक भारत दुनिया में मिलेट्री हार्डवेयर का आयात करने वाला सबसे बड़ा देश होगा। रिपोर्ट में उम्‍मीद जताई गई है कि भारत रक्षा उत्‍पादन और घरेलू उत्‍पादन क्षमताओं को विकसित करने में आत्‍मनिर्भर होने की दिशा में आगे बढ़ेगा।

अर्नस्‍ट एंड यंग के साझीदार कुलजीत सिंह का कहना है कि हथियार के मामले में भारत में चीन के बाद बड़ी कारोबारी संभावनाएँ हैं। भारत का रक्षा खर्च वर्ष 2004-05 से वर्ष 2007-08 के बीच प्रतिरक्षा खर्च की सालाना औसत वृद्धि दर आठ फीसदी रही। भारत का वर्ष 2007-08 में प्रतिरक्षा बजट 960 अरब रुपए का था, जिसमें 44 फीसदी हिस्‍सा नए हथियार, प्रणालियाँ और इक्विपमेंट खरीदने के लिए रखा गया।

भारत ने वर्ष 2005-06 में छह अरब डॉलर से अधिक के मिलेट्री हार्डवेयर आयात किए। भारत के बाद दूसरे विकासशील देशों में सबसे ज्‍यादा हथियार खरीदने वालों में सउदी अरब और चीन रहे। इन दोनों देशों ने दो से तीन अरब डॉलर के सौदे किए। रूस भारत को हर साल डेढ़ अरब डॉलर के हथियार बेचता है और इसराइल एक अरब डॉलर के हथियार बेचता है। यानी इसराइल रूस से ज्‍यादा पीछे नहीं है।

भारत रक्षा के क्षेत्र में अपनी 70 फीसदी जरूरत के लिए दूसरे देशों पर निर्भर है और केवल 30 फीसदी जरूरत निजी क्षेत्र के माध्‍यम से पूरी करता है। सरकार का इरादा वर्ष 2010 तक अपनी 70 फीसदी प्रतिरक्षा जरूरतों को घरेल स्रोतों से पूरा करने का है। देश में हथियारों के मामले में निजी क्षेत्र की भागीदारी को तेजी से बढ़ाया जा रहा है।

देश में इस समय निजी क्षेत्र के लिए रक्षा बाजार 70 करोड़ अमेरिकी डॉलर का है। भारत में रक्षा उद्योग में निजी क्षेत्र की बढ़ाई जा रही भागीदारी के बाद इस बाजार में बढ़ोतरी हो रही है। भारत मिलेट्री हार्डवेयर के निर्यात पर भी ध्‍यान दे रहा है। इनमें रशियन-भारतीय क्रूज मिसाइल्‍स सहित राइफल्‍स, रॉकेट और राडार का निर्यात शामिल है। यह निर्यात पड़ोसी देशों के साथ तीसरी दुनिया के देशों को किया जाएगा। हालाँकि भारत हथियारों का निर्यात अपनी पसंद के देशों को ही करना चाहता है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्ष 2006 में दुनियाभर का सैन्‍य खर्च 1204 अरब अमेरिकी डॉलर रहा, जो पूर्व वर्ष की तुलना में 3.5 फीसदी अधिक था। इस खर्च में अमेरिका की हिस्‍सेदारी सर्वाधिक थी, जिसने आतंक के खिलाफ युद्ध के नाम पर बड़ी राशि खर्च की।

अमेरिका का यह खर्च इराक और अफगानिस्‍तान के पीछे हुआ है। हमारे देश में महिन्द्रा एंड महिन्द्रा, लार्सन एंड टुब्रो, टाटा सहित अनेक औद्योगिक घराने रक्षा क्षेत्र में उतरने की तैयारी कर रहे हैं। अत: इन कंपनियों में निवेश करना लंबी अवधि में बेहतर रिटर्न के लिए फायदेमंद होगा।

*यह लेखक की निजी राय है। किसी भी प्रकार की जोखिम की जवाबदारी वेबदुनिया की नहीं होगी।

शेयर बाजार में बड़ा चमत्‍कार संभव नहीं



कमल शर्मा





अमेरिकी फेडरल रिजर्व की ब्‍याज दर में 0.75 फीसदी की कटौती से दुनिया भर के शेयर बाजारों में थोड़ी राहत महसूस की गई है, लेकिन यह कदम शेयर बाजारों के लिए बड़ा चमत्‍कारी साबित नहीं होगा। भारतीय शेयर बाजार में असली समस्‍या लिक्विडिटी नहीं है बल्कि सेंटीमेंट की है। जब तक निवेशकों के सेंटीमेंट में परिवर्तन नहीं होगा, शेयरों में बड़े सुधार की उम्‍मीद नहीं की जानी चाहिए। हालाँकि इस सेंटीमेंट से उबरने में अभी भी चार से पाँच महीने लग सकते हैं।

अमेरिकी फेडरल रिजर्व की ब्‍याज दर कटौती पर शेयर बाजार में झूमने का यह समय नहीं है बल्कि निवेशकों को आने वाले दिनों में और बुरे समाचार सुनने पड़ सकते हैं। वॉल स्‍ट्रीट में पाँचवें नंबर के मुख्‍य निवेश घराने बेयर स्‍टीयर्न्‍स का जिस तरह पतन हुआ है उससे सभी अचंभित है। जेपी मार्गन ने इस घराने को केवल 24 करोड़ डॉलर यानी एक हजार करोड़ रुपए से कम पर खरीद लिया है।

इस सौदे के खिलाफ बेयर स्‍टीयर्न्‍स के शेयरधारी अदालत में गए हैं, जिनका कहना है‍ कि उन्‍हें पूरी तरह अंधेरे में रखा गया है। अब सिंगापुर स्थित डीबीएस ने अपने ट्रेडर्स को लेहमैन ब्रदर्स के साथ कारोबार नहीं करने को कहा है। जब येन, अमेरिकी डॉलर के मुकाबले नित नई ऊँचाई छू रहा है, जापान अपने सेंट्रल बैंक के प्रमुख के बारे में फैसला नहीं ले पा रहा है। यदि जापानी अर्थव्‍यवस्‍था में गिरावट के समाचार आते हैं तो यह सबसे बुरा समय होगा।

भारत में व्‍यापार घाटा दस अरब डॉलर महीना चल रहा है जो देश से वित्‍त प्रवाह को बाहर धकेल रहा है। इस वजह से रुपए में आकर्षण कम हो रहा है। दलाल स्‍ट्रीट में एक बड़े ऑपरेटर द्धारा चलाई जा रही पोर्टफोलियो मैनेजमेंट स्‍कीम बड़े रिडम्‍पशन का सामना कर रही है। साथ ही चार बैंक जिनमें से दो विदेशी हैं, उन निवेशकों से मार्जिन के रूप में लिक्विड स्‍टॉक की माँघ कर रही हैं, जो बाजार से पैसा उधार लेकर खेलते हैं। पूँजी बाजार नियामक जो भी कदम उठा रहे हैं उन्‍हें हताशा का कदम माना जा रहा है।

ब्रिक्‍स सिक्‍युरिटीज के इक्विटी प्रमुख आनंद टंडन का कहना है कि शेयर बाजार में अभी और गिरावट संभव है। मौजूदा अर्निंग के आधार पर बाजार का मूल्‍यांकन सही है, लेकिन अर्निंग के संबंध में कुछ भी ठोस आँकड़े नहीं है, जिससे कमोडिटी और डेरीवेटिव्‍स में नुकसान है।

विदेशी संस्‍थागत निवेशकों की बारे में देखें तो उनकी बिकवाली अधिक आक्रामक नहीं है। जनवरी से अब तक इन निवेशकों ने चार अरब डॉलर की बिकवाली की है, जो वर्ष 2007 में इनकी निवेश राशि का केवल 20 फीसदी है। एफआईआई के पास इस समय 150 अरब डॉलर का पोर्टफोलियो है, जिसमें से केवल तीन फीसदी को ही इन्‍होंने दूसरी जगह ट्रांसफर किया है। असली समस्‍या केवल सेंटीमेंट की है, जिसे सुधरने में समय लगेगा।

सेंटीमेंट बदलने की वजह से शेयर ब्रोकर इस समय अपने निवेशकों को बाजार से दूर रहने की सलाह दे रहे हैं। सेंसेक्‍स अपनी ऊँचाई से 30 फीसदी टूटा है, जिससे केवल 47 कारोबारी दिवसों में आम निवेशक का दो वर्ष का निवेश पूरी तरह धुल गया है। हालाँकि म्‍युच्‍यूअल फंड के निवेशकों की ओर से रिडम्‍पशन दबाव नहीं देखा जा रहा है, जो अच्‍छी खबर है।
म्‍युच्‍यूअल फंड के प्रबंधक एनएवी स्थिर रखने की व्‍यूहनीति में लगे हुए हैं। क्रिस सिक्‍युरिटीज के निदेशक अरुण केजरीवाल का कहना है कि मौजूदा समय शेयरों में निवेश का सुरक्षित समय है। वे कहते हैं कि इस समय माहौल घबराहट का है, जिसकी वजह से निवेशक कतरा रहे हैं। मोतीलाल ओसवाल सिक्‍युरिटीज के एक विशेषज्ञ का कहना है कि शेयर बाजार में गिरावट की वजह से निवेशक कमोडिटी बाजार की ओर मुड़ रहे हैं, जबकि मौजूदा स्‍तर पर इक्विटी में वेल्‍यू दिखती है, लेकिन सेंटीमेंट ने सब कुछ चौपट कर दिया है।

बॉम्‍बे स्‍टॉक एक्‍सचेंज यानी बीएसई सेंसेक्‍स को 24 मार्च से शुरू हो रहे सप्‍ताह में 14544 अंक पर स्‍पोर्ट मिलने की उम्‍मीद है। यदि यह 15445 अंक से ऊपर बंद होता है, तो इसके 15763 अंक तक जाने की आस है। निफ्टी 4711 अंक से ऊपर बंद होने पर 4823 अंक पहुँचने की उम्‍मीद है। इसे 4423 अंक पर स्‍पोर्ट‍ मिलने की उम्‍मीद की जा सकती है।

कांग्रेस भारत अमेरिका परमाणु करार पर अमल करने के पूरे मूड में दिखाई दे रही है और इस संबंध में वामपंथियों को नजरअंदाज किया जा रहा है। साथ ही वित्तमंत्री पी. चिदंबरम ने जिस तरह वामपंथियों को कोसा है उससे लगता है कि कांग्रेस और वामपंथियों के बीच संबंधों में दरार बढ़ सकती है, जिससे बाजार पर नकारात्‍मक असर दिख सकता है। साथ ही वित्त वर्ष का अंत होने से निवेशक और बड़े ऑपरेटर घाटा बुक करते दिखाई देंगे।

इस सप्‍ताह रिलायंस इंडस्‍ट्रीज और मारुति सुजूकी फ्रंटरनर की भूमिका में दिखाई देंगे। इसके अलावा महिंद्रा एंड महिंद्रा, श्रीरेणुका शुगर, बलरामपुर चीनी, त्रिवेणी इंजीनियरिंग, केसीपी शुगर, बजाज हिंदुस्‍तान, अशोक लीलेंड, गॉडफ्रे फिलिप, बारटोनिक्‍स, कोटक गोल्‍ड ईटीएफ, ज्‍योडिक क्‍लोदिंग, एआईए इंजीनियरिंग और अभिषेक मिल्‍स पर ध्‍यान दे सकते हैं।

* य‍ह लेखक की निजी राय है। किसी भी प्रकार की जोखिम की जवाबदारी वेबदुनिया की नहीं होगी।

शेयरों में बदलनी होगी निवेश रणनीति



कमल शर्मा





अमेरिकी अर्थव्‍यवस्‍था के बढ़ते बंटाढार से भारतीय शेयर बाजार में सुधार के संकेत दिखाई नहीं दे रहे हैं। अमेरिकी प्रशासन ने कर्ज नीति में सुधार के साथ दो सौ अरब डॉलर का पैकेज जरूर घोषित किया है, लेकिन इस बीच कार्लाइल फंड का डिफाल्‍टर होना और बेयर स्‍टनर्स को कठिन परिस्थिति में से उबारने के लिए फैडरल रिजर्व, जेपी मार्गन की सहायता यह बताती है कि सबप्राइम का संकट लंबा चलेगा। भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था के फंडामेंटल मजबूत होने के बावजूद शेयर बाजार में तेजी अभी दूर रहेगी। निवेशकों के लिए बेहतर होगा कि वे अपनी निवेश रणनीति बदले और शॉर्ट सेलिंग का सहारा ले।

घरेलू औद्योगिक उत्‍पादन के आँकड़े जनवरी महीने के लिए कमजोर आने के बावजूद वित्तमंत्री को जीडीपी साढ़े आठ फीसदी से अधिक रहने की उम्‍मीद है। वित्तमंत्री के इस भरोसे के बावजूद निवेशकों का विश्‍वास नहीं लौटता दिख रहा है। आम निवेशक अब यह मानने लग गया है कि शेयर बाजार के अच्‍छे दिन लौटने में कम से कम छह से आठ महीने का समय लगेगा।

शेयर बाजार के लिए यह वर्ष जितना बुरा वर्ष साबित हो रहा है उसकी उम्‍मीद शायद ही किसी ने की होगी। इस वर्ष अब तक दुनिया भर के निवेशकों के 3.3 खरब डॉलर साफ हो चुके हैं। एशिया में पिछले साल बेहतर प्रदर्शन करने वाले चीन और भारतीय बाजार इस साल अपनी 20 फीसदी कीमत खो चुके हैं। इस साल के पहले 75 दिनों में विदेशी निवेशक भारतीय इक्विटी बाजार से 3.2 अरब डॉलर वापस खींच चुके हैं।

पिछले पाँच दिनों में देसी और विदेशी निवेशकों ने दस करोड़ डॉलर की शुद्ध बिकवाली की है। भारतीय म्‍युच्‍युअल फंडों पर अब रिडम्‍पशन के दबाव की आहट सुनाई दे रही है जिसकी वजह से अब वे नई खरीद आक्रामक ढंग से नहीं कर रहे हैं।

भारत-अमेरिका के बीच परमाणु संधि पर 17 मार्च को यूपीए की बैठक है, जिसमें कांग्रेस व वामपंथियों के बीच खटराग बढ़ा तो शेयर बाजार को संभालना कठिन हो सकता है। भारतीय रिजर्व बैंक से कमजोर पड़ी कंज्‍यूमर माँग को बढ़ाने के लिए ब्‍याज दर में कटौती की उम्‍मीद की जा रही है। अमेरिकी फैड रिजर्व की बैठक 18 मार्च को होगी, जिसमें ब्‍याज दर में आधा से पौना फीसदी कटौती की उम्‍मीद की जा रही है, लेकिन ब्‍याज दर में कटौती रामबाण इलाज नहीं है।

भारतीय शेयर बाजार के लिए 17 मार्च से शुरू हो रहा सप्‍ताह केवल तीन दिन का है। गुरुवार 20 मार्च को ईद और 21 मार्च को होली की छुट्टी है। इस तरह यह सप्‍ताह केवल तीन दिन का है। इस सप्‍ताह रिलायंस इंडस्‍ट्रीज और ओएनजीसी फ्रंटरनर की भूमिका में दिखाई देंगे। इसके अलावा मारुति सुजूकी, कोलगेट पामोलिव इंडिया, कार्बोरेंडम यूनिवर्सल, कालिंदी रेल निर्माण, लयका लैब्‍स, पीएसएल, मैक्‍स इंडिया, पावर ग्रिड कार्पोरेशन, ओनमोबाइल ग्‍लोबल, तुलसी एक्‍सट्रुशन, रुचि सोया पर ध्‍यान दे सकते हैं।

बॉम्‍बे स्‍टॉक एक्‍सचेंज यानी बीएसई सेंसेक्‍स के इस सप्‍ताह 15222 अंक से नीचे आकर बंद होता है तो यह 14866 अंक तक जा सकता है। सेंसेक्‍स के ऊपर में उठने पर 16367 अंक की संभावना है। निफ्टी यदि 4585 अंक से नीचे बंद होता है तो यह 4511 अंक तक जा सकता है। ऊपर में इसकी संभावना 4934 अंक की है।

• य‍ह लेखक की निजी राय है। किसी भी प्रकार की जोखिम की जवाबदारी वेबदुनिया की नहीं होगी।

कार्पोरेट गतिविधियाँ


रविवार, 13 अप्रैल 2008( 18:31 IST )






* आर्चिड केमिकल्स एंड फार्मास्युटिक लि. ने जापान में पूर्ण स्वामित्व वाली कंपनी के गठन की घोषणा की है। आर्चिड फार्मा जापान केके का मुख्य कार्यालय टोक्यो में स्थापित किया गया है। इस कंपनी के माध्यम से जापान के तेजी से विकास करते एवं बेहतर संभावनाओं वाले जेनरिक मार्केट में कंपनी अपनी उपस्थिति दर्ज करेगी।

* प्रोवोग इंडिया लि. ने 314 करोड़ रु. जुटाने के उद्देश्य से 1100 रु. प्रति शेयर के भाव पर 28.50 लाख शेयर्स वरीयता आधार पर जारी करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। ये शेयर्स अल्टीमा पार्टनर्स, टी रो प्राइज, जेनेसिस, न्यू वर्नोन, एकासिया पार्टनर्स, लिबर्टी इंटरनेशनल, धर्मयुग इंवेस्टमेंट तथा सीएनबीसी को जारी किए जाएँगे। इसके साथ ही बोर्ड ने 14.84 लाख कंवर्टिबल वारंट जारी करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी है। ये वारंट 1100 रु. प्रति शेयर के भाव से इक्विटी शेयर में परिवर्तित हो सकेंगे।

* माइक्रो टेक्नालॉजिस लि. ने माइक्रो एलएनटीएस (लोस्ट नोटबुक ट्रेडिंग सिस्टम) नाम के नए सॉफ्टवेयर प्रोडक्ट को बाजार में पेश किया है। इसके माध्यम से चोरी गए लेपटॉप को खोजना संभव है। यह सिस्टम नोटबुक की हार्र्ड ड्राइव में लगा दिया जाता है तथा चोरी हुए लेपटॉप के इंटरनेट से कनेक्ट होते ही इसका पता लग जाता है।

* विशाल रिटेल लि. ने शिलोंग तथा कर्नाटका के हुबली जिले में दो नए स्टोर्स की शुरुआत की है। इसके साथ ही कंपनी द्वारा अब तक खोले गए स्टोरों की संख्या 102 पर पहुँच गई है।
बीएसई-एनएसई समाचार


रविवार, 13 अप्रैल 2008( 18:23 IST )






* स्पेशियालिटी पेपर्स लि. के शेयर 15 अप्रैल को एक्स-बोनस होंगे। कंपनी ने 1 पर 1 के अनुपात में बोनस घोषित किया है। रिकॉर्ड-डेट 16 अप्रैल है।

* कंटेनर कार्पोरेशन लि. के शेयर 15 अप्रैल को एक्स बोनस होंगे। कंपनी ने 1 पर 1 के अनुपात में बोनस घोषित किया है। रिकार्ड-डेट 17 अप्रैल है।

\* अनिल केमिकल्स एंड इंडस्ट्रीज लि. में 16 अप्रैल से ट्रेडिंग सस्पेंड होगी। कंपनी अपने केमिकल्स एंड एक्सप्लोसिव्स डिवीजन को अनिल एक्सप्लोसिव्स लि. के पक्ष में डी-मर्ज करेगी। इसके साथ ही इक्विटी केपिटल रिडक्शन प्रक्रिया भी होगी। कंपनी ने रिकार्ड-डेट 30 अप्रैल तय की है।

* एस. कुमार्स नेशनवाइड लि. अपने रिटेल डिवीजन को ब्रांड हाउस रिटेल लि. के पक्ष में डी-मर्ज करेगी। इसके बदले में एस. कुमार्स के शेयर होल्डर्स को प्रत्येक 5 शेयर के बदले 1 शेयर ब्रांड हाउस का मिलेगा। एक्स-डेट 24 अप्रैल है। फ्यूचर ऑप्शन सेगमेंट में एस. कुमार्स के अप्रैल, मई एवं जून कांट्रेक्ट 23 अप्रैल को समाप्त हो जाएँगे तथा 24 अप्रैल से नए कांट्रेक्स शुरू हो जाएँगे।

* सुंदरम क्लेटान लि. में 24 अप्रैल से ट्रेडिंग सस्पेंड होगी। कंपनी अपने ब्रेक्स डिवीजन को वाब्को-टीवीएस इंडिया लि. के पक्ष में डी-मर्ज करेगी। इसके बदले में सुंदरम के शेयर होल्डर्स को 1 पर 1 के अनुपात में वाब्को का 5 रु. फेस वेल्यू वाला शेयर मिलेगा। डी-मर्जर प्रक्रिया के बाद सुंदरम अपनी इक्वटी केपिटल को घटाने के लिए 10 रु. फेस वेल्यू के बदले 5 रु. फेस वेल्यू का शेयर 1 पर 1 के अनुपात में देगी। आज की तारीख में 100 शेयर्स रखने वाले निवेशक के पास पुनर्गठन पश्चात 5 रु. फेस वेल्यू वाले 100 शेयर्स वाब्को टीवीएस के एवं 5 रु. फेस वेल्यू वाले 100 शेयर्स सुंदरम क्लेटान लि. के होंगे।

* यूएस-64 बांड्स की मियाद 31 मई 2008 को पूरी हो रही है। बांड होल्डर्स के रिकार्ड को अपडेट करने के लिए बुक क्लोजर 1 मई से 31 मई 2008 तक है। 200 से ज्यादा बांड रखने वाले निवेशक अपने बांड सर्टिफिकेट को डिस्चार्ज करके अपने बैंक खाते की जानकारियाँ देते हुए यूटीआई फाइनेंशियल सेंटर्स या यूटीआई टीएसएम के ऑफिस में 25 मई 2008 के पहले जमा करा सकते हैं। 200 से कम बांड रखने वाले निवेशकों को बांड सरेंडर करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। 2 जून 2008 को धनराशि दे दी जाएगी। हालाँकि बैंक खाते की जानकारी यूटीआई के रिकार्ड में होना जरूरी है। यदि निवेशक ने जानकारी नहीं दी है तो 15 मई 2008 तक देना चाहिए।

36 लाख में बिकी ब्रूनी की नग्न तस्वीर


शुक्रवार, 11 अप्रैल 2008( 23:09 IST )






फ्रांस की प्रथम महिला और पूर्व मॉडल कार्ला ब्रूनी की नग्न तस्वीर की नीलामी में उम्मीद से बीस गुना ज्यादा दाम मिले हैं। गुरुवार को इसकी नीलामी 91 हजार डॉलर यानी करीब 36 लाख रुपयों में हुई।



BBC

नीलामकर्ता संस्था 'क्रिस्टीज' का कहना था कि इस तस्वीर की कीमत तीन से चार हजार डॉलर के आसपास आँकी गई थी। साल 1993 में ली गई इस तस्वीर को मिशेल कोमट नाम की फोटोग्राफर ने उस वक्त खींचा था, जब मॉडलिंग की दुनिया में कार्ला ब्रूनी एक बड़ा नाम था।

अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर में 'क्रिस्टीज' की इस नीलामी में कौन विजेता रहा, इसका विवरण अभी नहीं दिया गया है।

ऊँची कीमत : 'क्रिस्टीज' के प्रवक्ता रिप पाईक का कहना था कि ऊँची कीमत की मुख्य वजह मीडिया और अंतरराष्ट्रीय जगत की इस तस्वीर में बहुत ज्यादा रुचि को माना जा सकता है।

'क्रिस्टीज' का कहना था कि इस नीलामी से प्राप्त हुई रकम को परोपकारी कामों से जुड़ी हुई स्विस संस्था सोडीज को दिया जाएगा। सोडीज विकासशील देशों में साफ पानी मुहैया कराने का काम करती है।

कार्ला ब्रूनी की नीलाम होने वाली नग्न तस्वीर संग्रहकर्ता जर्ट एल्फरिंग के संग्रह का हिस्सा थी।

जर्ट एल्फरिंग के संग्रह में मॉडल लॉरेन हटन, जिसेल बंडचेन और केट मॉस की नग्न तस्वीरों के साथ-साथ अमेरिकी फोटोग्राफर रिचर्ड ऐवडॉन की खींची हुई अभिनेत्री ब्रिजेट बार्डोट की एक तस्वीर भी थी।

ब्रिजेट बॉडॉट की तस्वीर की नीलामी से एक लाख 81 हजार डॉलर यानी करीब 73 लाख रुपए मिले। हालाँकि इस नीलामी में सबसे ज्यादा चर्चा कार्ला ब्रूनी की तस्वीर की ही रही।

कार्ला ब्रूनी का विवाह करीब चार महीने पहले फ्रांस के राष्ट्रपति निकोलस सरकोजी के साथ हुआ है। सरकोजी की 11 साल पत्नी रहीं सेसीला सिगेनर-अलबेनिज से तलाक के बाद यह विवाह हुआ।

विकिरण के बुरे असर से बचाने वाली दवा


शुक्रवार, 11 अप्रैल 2008( 16:04 IST )






रेडियोथेरेपी के दौरान विकिरण के बुरे असर से बचाने के लिए अमेरिकी वैज्ञानिकों ने एक दवा बनाई है। इस दवा का इस्तेमाल कैंसर के मरीजों के लिए रेडियोथेरेपी की प्रक्रिया को सुरक्षित बना सकता है।



BBC BBC

उम्मीद की जा रह है कि इस दवा का इस्तेमाल खतरनाक विकिरण पैदा करने वाले बमों या परमाणु आपदा के समय भी किया जा सकेगा। इस दवा का नाम सीबीएलबी 502 रखा गया है और जानवरों पर इसका परीक्षण किया जा चुका है।

यह दवा आदमी के अंदर एक ऐसा जैव-वैज्ञानिक तंत्र तैयार कर देता है, जो स्वस्थ कोशिकाओं (सेल) को विकिरण के धमाकों से बचाता है।

कोशिका मानव शरीर की सबसे छोटी इकाई है। कई कोशिकाएँ मिलकर उत्तक (टिसू) बनाती हैं और उत्तकों का समूह अलग-अलग अंग बनाता है।

निशाने पर ट्यूमर : विज्ञान पत्रिका 'साइंस' में प्रकाशित वैज्ञानिकों के शोध नतीजे छपे हैं और जल्दी ही इसका मानव परीक्षण होने वाला है। विकिरण से कोशिकाओं को नुकसान पहुँचता है और वे मृत हो जाती हैं।

कैंसर के मरीजों में क्षतिग्रस्त कोशिकाओं को दूसरी घातक कोशिकाएँ भी निगलती हैं। एक खतरा ये भी होता है कि ट्यूमर कोशिकाओं के आसपास की स्वस्थ कोशिकाएँ भी रेडियोथेरेपी के दौरान मारी जा सकती हैं, इसीलिए इलाज के दौरान जहाँ तक संभव होता है रेडियोलॉजिस्ट सीधे ट्यूमर को ही निशाने पर लेने की कोशिश करते हैं।

शोधकर्ताओं ने दवा बनाने से पहले इस बात का गहराई से अध्ययन किया कि किस तरह कुछ कैंसर कोशिकाएँ रेडियोथेरेपी के बावजूद बची रह जाती है।

जानवरों में इसके प्रयोग से पता चला कि यह अस्थि मज्जा और आहार नली की स्वस्थ कोशिकाओं को विकिरण के दुष्प्रभाव से बचाता है, लेकिन ट्यूमर कोशिकाओं को इस दवा से कोई फायदा नहीं होता और ये कोशिकाओँ रेडियोथेरेपी में निशाना बना ली जाती हैं।

दूसरा पहलू : कोशिकाओं को मरने से बचाने का एक खतरा यह है कि ख़राब कोशिकाएँ भी ज्यादा रह सकती हैं और आगे चलकर कैंसर का कारण बन सकती हैं। हालाँकि शोधकर्ताओं को चूहे पर इस दवा के परीक्षण के दौरान इस तरह का कोई संकेत नहीं मिला।

साथ ही शोधकर्ताओं को साफ तौर पर इस दवा का कोई दूसरे तरह का असर (साइड इफेक्ट) भी नजर नहीं आया। स्वस्थ कोशिकाओं को विकिरण के प्रभाव से बचा लेने के कारण इस दवा का इस्तेमाल करके कैंसर के रोगी ज्यादा मात्रा और लंबे समय तक रेडियोथेरेपी का भी लाभ उठा सकेंगे।

यह दवा परमाणु आपदा या नाभिकीय बमों के विकिरण से भी लोगों को बचाने में मददगार हो सकता है। क्लीवलैंड के लेर्नर रिसर्च इंस्टीट्यूट के डॉ. एंड्रेई गुडकोव कहते हैं हमने दिखाया है कि विकिरण से पहले और विकिरण के बाद इस्तेमाल करने पर यह दवा प्रभावशाली है।

संक्षेप में कहें तो सीबीएलबी 502 ट्यूमर कोशिका को बिना सुरक्षा दिए विकिरण के बुरे असर को कम करती है और विकिरण के कारण पैदा होने वाले कैंसर के कारकों को कोई बढ़ावा नहीं देती है।














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1 comment:

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