BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE 7

Published on 10 Mar 2013 ALL INDIA BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE HELD AT Dr.B. R. AMBEDKAR BHAVAN,DADAR,MUMBAI ON 2ND AND 3RD MARCH 2013. Mr.PALASH BISWAS (JOURNALIST -KOLKATA) DELIVERING HER SPEECH. http://www.youtube.com/watch?v=oLL-n6MrcoM http://youtu.be/oLL-n6MrcoM

Tuesday, June 2, 2015

होटलों-गैरेजों में बड़ी संख्या में कम उम्र के आदिवासी बच्चे कार्य करते मिले


होटलों-गैरेजों में बड़ी संख्या में कम उम्र के आदिवासी बच्चे कार्य करते मिले

नरसिंहपुर। एक तो 13-14 साल के बच्चों से 12-13 घंटे कार्य, दूसरा बदले में सिर्फ 22 रु. रोजाना। यह जुर्म-शोषण नामी होटलों के मालिक कर रहे हैं। सोमवार को पुलिस और महिला बाल विकास की टीम ने एक दर्जन से अधिक होटलों, वाहनों के मैकेनिकों, मिस्त्रियों की गैराजों पर अचानक दबिश दी तो होटलों-गैरेजों में बड़ी संख्या में कम उम्र के बच्चे कार्य करते मिले।
बाल सुरक्षा दिवस पर अचानक पुलिस और प्रशासन की कुंभकर्णीय तंद्रा टूटी तो उसने मुख्यालय में करीब एक दर्जन से ज्यादा होटलों और वाहन के मिस्त्रियों, मैकेनिकों की गैराजों पर दबिश दी तो कई होटलों और गैराजों में कम उम्र के बच्चे कार्य करते मिले। सोमवार को पुलिस अधीक्षक के निर्देशन में उपनिरीक्षक बीएस पटैल (जुनाईल ब्रांच), उपनिरीक्षक संतोषी, आरक्षक रश्मि स्थापक, संध्या सोनी आदि की टीम ने नगर की होटलों राजभोग होटल, विजय नेमा की होटल, गया ट्रेडर्स, चंद्रलोक होटल, राजू मिस्त्री की दुकान, राजू साहू मिस्त्री, गुरूद्वारा चौक पर एक चाय की दुकान पर और अन्य स्थानों पर दबिश दी।
इस दौरान राजभोग होटल से टीम को 2 नाबालिग कार्य करते मिले। इसमें से एक छिंदवाड़ा जिले का एक पिछड़े इलाके का है, दूसरा गणेश मंदिर तलापार का निवासी है। विजय नेमा की होटल से किसानी वार्ड का एक 13-14 वर्षीय बालक मिला जबकि एक गया ट्रेडर्स के यहां से एक 17 वर्षीय नाबालिग भी कार्य करते पाया गया। चंद्रलोक होटल से जैतपुर का रहने वाला एक 17 वर्षीय आदिवासी नाबालिग युवक कार्य करते मिला।
जबकि राजू मैकेनिक के यहां से एक 13 साल का लड़का, सांकल रोड में राजू मिस्त्री के यहां से 15 साल का एवं गुरूद्वारा चौक पर चौकसे की चाय की दुकानें से भी नाबालिग लड़के काम करते मिले। जबकि स्टेशन से एक 12 साल के बालक को उसके पिता भीख मंगवाते पकड़ा गया। रेलवे स्टेशन के पास से ही एक 5 वर्षीय बालक, सिंधी कालोनी और कृषि फार्म स्टेशन के पास 5-5 साल के दो बालक, एक लड़की 7 साल की और एक 10 साल का लड़का भी कार्य करते और घूमते पकड़े गए।
सभी नाबालिग-अव्यस्क बच्चों को बाल संरक्षण अधिकारी एवं महिला सशक्तिकरण अधिकारी अरूण प्रताप सिंह तथा बाल कल्याण समिति से जुड़े विभिन्न पदाधिकारियों, अध्यक्ष संध्या कोठारी, सदस्य प्रवीणा गोस्वामी, दिव्या नेमा, बृजेन्द्र सिंह कौरव, रश्मि ठाकुर, सुभाष गुप्ता आदि के समक्ष लाया गया। जहां बच्चों से पूछताछ हुई। उनका कुशलक्षेम जानते हुए उनके भोजन आदि की व्यवस्था भी की गई। इस दौरान कुछ बच्चों को उनके परिजनों को इस शर्त के साथ सुपुर्द किया गया कि अगर मासूम-नाबालिग बच्चों से काम कराते दोबारा पाया गया तो उनके खिलाफ बाल संरक्षण अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी।
दिया आवेदन, दे रहे थे प्रशिक्षण
बच्चों के पकड़े जाने पर उनमें से 2 बच्चों का एक अभिभावक भी पहुंचा, जिसने लिखित तौर पर दलील दी कि मिस्त्रीगिरी के लिए वह बच्चों को प्रशिक्षण दे रहा था। नाबालिग बालिका को उसकी मां के सुपुर्द संरक्षण में और एक नाबालिग को खुला आश्रयग्रह विपतपुरा में भेजा गया।

Dalit Adivasi Dunia's photo.

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