BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE 7

Published on 10 Mar 2013 ALL INDIA BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE HELD AT Dr.B. R. AMBEDKAR BHAVAN,DADAR,MUMBAI ON 2ND AND 3RD MARCH 2013. Mr.PALASH BISWAS (JOURNALIST -KOLKATA) DELIVERING HER SPEECH. http://www.youtube.com/watch?v=oLL-n6MrcoM http://youtu.be/oLL-n6MrcoM

Monday, July 30, 2012

लंदन ओलंपिकः नारंग ने कांस्य जीतकर भारत का खाता खोला

लंदन ओलंपिकः नारंग ने कांस्य जीतकर भारत का खाता खोला

Monday, 30 July 2012 17:30

लंदन, 30 जुलाई (एजेंसी) भारतीय शूटर गगन नारंग ने लंदन ओलिंपिक में देश के लिए पहला मेडल जीता है। नारंग ने 10 मीटर एयर राइफल मुकाबले में ब्रॉन्ज मेडल जीता है।

स्टार निशानेबाज गगन नारंग ने दस मीटर एयर राइफल में कांस्य पदक जीतकर लंदन ओलंपिक खेलों में भारत का खाता खोला।
नारंग ने बेहद कड़े मुकाबले में फाइनल में 103 . 1 अंक बनाये। उन्होंने इससे पहले क्वालीफाईंग दौर में 598 अंक हासिल किये थे और इस तरह से 701 . 1 अंक लेकर वह तीसरे स्थान पर रहे।
रोमानिया के मोल्दोवीनू एलिन जार्ज ने कुल 702 . 1 अंक हासिल करके स्वर्ण पदक जीता। रोमानियाई निशानेबाज ने फाइनल में उन्होंने 103 . 1 अंक बनाये तथा इटली के दुनिया में नंबर एक निशानेबाज निकोलो कैम्परियानी को पीछे छोड़ा। कैम्परियानी ने रायल आर्टिलरी बैरक्स में 701 . 5 अंक के साथ रजत पदक जीता।
नारंग ने अच्छी शुरुआत की तथा पहले शाट में 10 . 7 अंक बनाये लेकिन अगले शाट में वह 9 .7 अंक ही बना पाये। इसके बाद नारंग ने हालांकि लगातार अच्छे शाट जमाये। अपने अगले चार शाट में नारंग ने 10 . 6, 10 . 7, 10 . 4 और 10 . 6 अंक बनाये। इससे वह रजत पदक हासिल करने की होड़ में बन गये।
लेकिन नारंग इसके बाद थोड़ा पीछे खिसक गये और अब उनका मुकाबला कांस्य पदक के लिये चीन के वांग ताओ के साथ जो आखिर में 700 . 4 अंक के साथ चौथे स्थान पर रहे। नारंग ने सातवें और आठवें प्रयास में 9 . 9 और 9 . 5 अंक का खराब स्कोर बनाया लेकिन अगले दो प्रयासों में उन्होंने 10 . 3 और 10 . 7 का स्कोर बनाकर कांस्य पदक अपने नाम किया।
एक अन्य भारतीय और पिछले चैंपियन अभिनव बिंद्रा ने हालांकि निराश किया और वह 600 में से 594 अंक बनाकर क्वालीफिकेशन दौर से ही बाहर हो गये। बिंद्रा 47 भागीदारों में 16वें स्थान पर रहे।
नारंग का कांस्य पदक ओलंपिक में भारत का निशानेबाजी में केवल तीसरा पदक है। राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने 2004 में एथेंस ओलंपिक में डबल ट्रैप में रजत जबकि बिंद्रा ने बीजिंग में स्वर्ण पदक जीता था। ओलंपिक खेलों में किसी भारतीय का आठवां व्यक्तिगत पदक है।
एलिन जार्ज और कैम्प्रियानी ने शीर्ष दो स्थान पर अपनी ग्रिप बनाये रखी लेकिन नारंग और चीनी निशानेबाज के बीच कांस्य पदक के लिये मुकाबला काफी करीबी हो गया था।
बीच में एक समय ऐसा भी आया जबकि कैम्प्रियानी ने ने आठवें और नौवें प्रयास में 9 . 9 और 9 . 4 का खराब स्कोर बनाया जिससे नारंग के पास रजत पदक जीतने का मौका आ गया था लेकिन इस इतालवी निशानेबाज ने आखिरी प्रयास में 10 . 4 अंक बनाकर दूसरा स्थान हासिल कर लिया।
इससे पहले नारंग ने फाइनल में पहुंचकर भारत की उम्मीद बनाये रखी क्योंकि बिंद्रा बाहर हो गये थे।
चार साल पहले बीजिंग ओलंपिक में भारत के लिये व्यक्तिगत स्पर्धा का स्वर्ण पदक जीतने वाले पहले खिलाड़ी बने बिंद्रा 600 में से 594 स्कोर करके 47 प्रतियोगियों में 16वें स्थान पर रहे। इसके साथ ही उन्होंने लगातार दो स्वर्ण जीतने वाले दुनिया के पहले निशानेबाज बनने का मौका गंवा दिया।
नारंग ने 598 स्कोर किया। वह कैम्प्रियानी और एलिन जार्ज के बाद तीसरे स्थान पर रहे। इन दोनों ने 599 के ओलंपिक रिकार्ड की बराबरी की।
नारंग ने लगातार दो सीरिज में 100 स्कोर किया। तीसरी सीरिज में उनका स्कोर 98 रहा। उन्होंने अपना संयम नहीं खोया और चौथी सीरिज में 100 स्कोर करने के बाद आखिरी दो सीरिज में भी परफेक्ट स्कोर किया।
दो बार के विश्व रिकार्डधारी नारंग ने दिल्ली राष्ट्रमंडल खेल 2010 में चार स्वर्ण और ग्वांग्झू एशियाई खेलों में दो रजत पदक जीते थे। वह मेलबर्न राष्ट्रमंडल खेल 2006 में भी चार पीले तमगे जीत चुके है ।
दूसरी तरफ बिंद्रा ने दो बार 99 के साथ शुरूआत की लेकिन अगले दो सीरिज में परफेक्ट 100 का स्कोर किया। पांचवीं सीरिज में उसने फिर 99 का स्कोर किया और आखिरी सीरिज में 97 ही स्कोर कर सके जिससे अंतिम आठ में जगह नहीं बना पाये। इसके साथ ही चंडीगढ के इस निशानेबाज का ओलंपिक अभियान खत्म हो गया।
नारंग अभी दो अन्य स्पर्द्धाओं में भी भाग लेंगे।


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