BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE 7

Published on 10 Mar 2013 ALL INDIA BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE HELD AT Dr.B. R. AMBEDKAR BHAVAN,DADAR,MUMBAI ON 2ND AND 3RD MARCH 2013. Mr.PALASH BISWAS (JOURNALIST -KOLKATA) DELIVERING HER SPEECH. http://www.youtube.com/watch?v=oLL-n6MrcoM http://youtu.be/oLL-n6MrcoM

Wednesday, November 25, 2015

यदि आमिरखान के द्वारा बनायी गयी फिल्मों और धारावाहिकों का मूल्यांकन किया जाय तो शायद वर्तमान में उनसे बड़ा देशभक्त रचनाकार दूसरा नहीं है. यदि वह इस वह देश के वर्तमान महौल पर चिन्ता व्यक्त करते हैं, तो उसे गम्भीरता से लेते हुए हमारे तथाकथित देशभक्तों को आत्म आत्म निरीक्षण की ओर उन्मुख होना चाहिए था पर हालात ऐसे हो गये हैं कि यदि चिकित्सक भी यदि किसी रोगी से कहे कि तुम्हें अमुक बीमारी का खतरा है तो रोगी और उसके रिस्तेदार चिकित्सक का हुलिया बिगाड़ने पर तुल जायें.

कल गुरु पर्व मनाया वैश्विक मानवता ने।हम भाग्यशाली हैं कि हमारे गुरुजी हमसे कहीं ज्यादा सक्रिय है।आमीर खान प्रकरण पर हमारे गुरुजी के विचार पढ़कर सोचें के हम कितना जायज बोल लिख रहे हैं।क्योंकि हम हमेशा उनक ही दिखाये मार्ग पर चलते हैं।
पलाश विश्वास

TaraChandra Tripathi
यह भारतीय इतिहास की प्रवृत्ति है कि एक अवधि के बाद देश में ऐसी प्रवृत्तियाँ उभरने लगती हैं कि यह देश बिखरने लगता है. और यह कालावधि औसतन ९० साल है.( स्वाधीन भारत सत्तर साल का होने जा रहा है) यह अवश्य है कि देश के सौभाग्य से जब कभी उसे सजग और सर्वग्राही नेतृत्व मिला है, यह अवधि बढ़ी भी है. संक्रान्ति के ऐसे मोड़ पर हमारी राजनीति जो खतरनाक मोड़ ले रही है, वह गम्भीर चिन्ता का विषय है. वैचारिक स्वतन्त्रता पर अघोषित प्रतिबन्ध लगता जा रहा है. यदि राज्य ने यह प्रतिबन्ध लगाया होता तो न्यायालय से गुहार लगायी जा सकती थी. पर सम्प्रदायों के ठेकेदारों द्वारा लगाया गया यह प्रतिबन्ध कब किसकी जान ले ले, कहा नहीं जा सक्ता.
राष्ट्रीय पुरस्कार लौटाने वाले रचनाकार हों, या देश में साम्प्रदायिक कठमुल्लाओं के द्वारा देश के माहौल को बिगाड़ने वाले बयान और व्यवहार के बारे में चिन्ता व्यक्त करने वाले लोग, आज खतरे की जद में आ चुके हैं. यदि आमिरखान के द्वारा बनायी गयी फिल्मों और धारावाहिकों का मूल्यांकन किया जाय तो शायद वर्तमान में उनसे बड़ा देशभक्त रचनाकार दूसरा नहीं है. यदि वह इस वह देश के वर्तमान महौल पर चिन्ता व्यक्त करते हैं, तो उसे गम्भीरता से लेते हुए हमारे तथाकथित देशभक्तों को आत्म आत्म निरीक्षण की ओर उन्मुख होना चाहिए था पर हालात ऐसे हो गये हैं कि यदि चिकित्सक भी यदि किसी रोगी से कहे कि तुम्हें अमुक बीमारी का खतरा है तो रोगी और उसके रिस्तेदार चिकित्सक का हुलिया बिगाड़ने पर तुल जायें. 
संक्रान्ति के ऐसे मोड़ पर देश को जितने गम्भीर और उदारमना नेतृत्व की अपेक्षा थी, वह उसे नहीं मिल पा रहा है. कम से कम बिहार के चुनावों में लालू के स्तर पर उतर कर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उनकी नेतृत्व क्षमता पर एक प्रश्नचिह्न लगा दिया है. परिणामत: बिहार में भा.जपा ही नहीं हारी है. देश का भविष्य भी खतरे में पड़ गया है. 
कारण बिहार में जातिवाद की विजय हुई है. उसकी देखा- देखी उत्तर प्रदेश में कन्नौजाधिपति महाराज मुलायम सिंह यादव ने भी अपनी सरकार की प्रशासनिक असफलताओं को देखते हुए जातिवाद का झंडा खड़ा कर दिया है. यदि यही रुझान बढ़्ता गया तो देश का क्या होगा?

#ম্লেচ্ছ ব্যাটা #PK# AAmir Khan# পাদিও না সহিষ্ণুতার অখন্ড স্বর্গে,বিশুদ্ধ পন্জিকার নির্ঘন্ট লঙ্ঘিবে কোন হালার পো হালা!


--
Pl see my blogs;


Feel free -- and I request you -- to forward this newsletter to your lists and friends!

No comments:

LinkWithin

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...