BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE 7

Published on 10 Mar 2013 ALL INDIA BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE HELD AT Dr.B. R. AMBEDKAR BHAVAN,DADAR,MUMBAI ON 2ND AND 3RD MARCH 2013. Mr.PALASH BISWAS (JOURNALIST -KOLKATA) DELIVERING HER SPEECH. http://www.youtube.com/watch?v=oLL-n6MrcoM http://youtu.be/oLL-n6MrcoM

Sunday, January 12, 2014

कामरेड करात का नया फतवा सोशल मीडिया में अपनी राय दर्ज कराना अनुशासन भंग में शामिल! ফেসবুক, ট্যুইটারের মতো সোস্যাল নেটওয়ার্কিং ও ব্লগিং সাইটে পার্টির নীতি বিষয়ক ইস্যুতে ক্যাডাররা নিজেদের মতামত জানান, লেখালেখি করুন, তা বিলকুল না-পসন্দ প্রকাশ কারাটের।

कामरेड करात का नया फतवा सोशल मीडिया में अपनी राय दर्ज कराना अनुशासन भंग में शामिल!

ফেসবুক, ট্যুইটারের মতো সোস্যাল নেটওয়ার্কিং ও ব্লগিং সাইটে পার্টির নীতি বিষয়ক ইস্যুতে ক্যাডাররা নিজেদের মতামত জানান, লেখালেখি করুন, তা বিলকুল না-পসন্দ প্রকাশ কারাটের।

एक्सकैलिबर स्टीवेंस विश्वास


प्रकाश कारत को शायद अब यह समझ में नहीं रहा है कि जनसंवाद के जरिये पार्टी के जनाधार को विस्तार दें या बंगाल और केरल में कामरेडों को अनुशासित रखें। जो लोग आप प्रसंग में कामरेड महासचिव के बयानों से ुत्साहित होकर सोच रहे थे कियुवाओं की समस्याओं को समझने और उनसे संवाद करने को उन्होंने जरूरी नहीं समझा,वे शायद गलत हैं।आप की टीम में सूचना तकनीक के विशेषज्ञ बेहतरीन लोग हैं और उनके दिल्ली करिश्मे से उत्साहित होकर कारत ने पार्टीजनों को आप  के तौर तरीके से सीखने का सबक दिया,यह बहुत पुराना किस्सा नहीं है।लेकिन अब उन्होंने कोच्चिं से बयान जारी करके फतवा दिया है कि सोशल मीडिया में अपनी राय दर्ज कराना अनुशासन भंग में शामिल है।यह ममला संगीन है क्योंकि लोकसभा चुनाव के पहले माकपा अपने कैडरों को उत्साहित करने के लिए तृणमूल कांग्रेस सरकार के खिलाफ डायरेक्ट एक्शन (सीधा हमला) करने की घोषणा की है। इस नये फतवे से कैडर कितने उत्साहित होंगे ,इसपर ही सवालिया निशान लग गया है।हालांकि माकपाई हमेशा की तरह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के हनन लगाने से अब भी बच रहे हैं।


जैसा कि हमने पहले ही लिखा है कि वामदलों को आप के उत्थान में नमोमय भारत निर्माण में उतनी दिलचस्पी नहीं है जितना कि ममता बनर्जी को हाशिये पर रखकर राष्ट्रीय राजनीति में अपनी प्रासंगिकता बनाये रखने और खासकर बंगाल और केरल में अपना वजूद कायम रखने की है।हम यह भी लिख चुके है ंकि दीदी एकझटके के साथ एक दो सीटें आप को बंगाल में देकर माकपा का खेल बिगाड़  सकती हैं। मोदी का समर्थन करने पर उनका वोट बैंक समीकरण गड़बड़ा सकता है  लेकिन आप से समझौता करने पर ऐसा कोई खतरा नहीं है।


आप ने कारत का बयान आते ही वामशासन में वाम के बंगाल में किये कराये के मद्देनजर वाम के साथ तीसरे मोर्चे के गठन की संभावना सिरे से खारिज कर दिया तो दीदी अब आप की तारीफ करने लगी हैं।यानी तीसरे मोर्चे की वाम परियोजना में मुलायम सिंह के अलावा कोई और वामपक्ष में नहीं दीख रहा है।


कांग्रेस की हालत पतली देखकर पहले ही मुलायम भाजपा की तारीफ कर चुके हैं और मुजफ्फरनगर दंगों के बाद अल्पसंख्यकों में उनकी साख खराब हो गयी है,इसपर तुर्रा यह कि कांग्रेस बहुजन समाज पार्टी को उत्तर प्रदेश में  पूरे पचास सीटें देकर उससे महाराष्ट्र,पंजाब और हरियाणा मे ंगठबंधन करने जा रही है


। बिहार में भी कांग्रेस के साथ राजद और लोजप के गठबंदन के बाद नीतीश कुमार के उस गठबंधन में शामिल होने की संबावना नहीं है। ऐसे में मुलायम और नीतीश के सामने सारे दूसरे विकल्प खुले हैं,ऐसे विकल्प जो वाम दलों को मंजूर होगा नहीं।


राष्ट्रीय राजनीति में एकदम अकेले हो जाने के सदमे में लगता है कि कामरेड महासचिव को आप की तारीफ में वाम कार्यकर्ताओं को दी गयी नसीहत याद नहीं है।अब वे फेसबुक,ट्विटर और ब्लाग के खाते खोलकर अपनी राय देने वाले माकपाइयों को अनुशासित करने लगे हैं।


बंगाल में सुजन चक्रवर्ती और ऋतव्रत जैसे तमाम खास कार्यकर्ता सोशल नेटवर्किंग में बेहद सक्रिय हैं। कारत उन सभी पर अंकुश लगायेंगे तो सोशल नेटवर्किंग के जरिये आप की तरह वामदलों का जनादार बनेगा कैसे,इसका कोई खुलासा लेकिनकामरेड ने नहीं किया है।धर्म कर्म की आजादीकी तरह लगता है कि केरल की कट्टर पार्टी लाइन से बाहर निकलने में कामरेड को अब भी दिक्कत हो रही है।गौरतलब है कि बंगाल में माकपाइयों को जनता से जुड़ने के लिए धर्म कर्म की इजाजत दे दी गयी है लेकिन केरल में नहीं।


गौरतलब है कि करात ने अगरतला में  पहलीबार हुई माकपा की केंद्रीय समिति की बैठक के दौरान संवाददाताओं से कहा, विधानसभा चुनाव में आप कांग्रेस और भाजपा के सामने एक सशक्त विकल्प के रूप में उभरी है। हमें आप को समर्थन देने से पहले उनके राजनीतिक कार्यक्रमों, नीतियों और योजनाओं को देखना है।इसके अलावा मीडिया में उन्होंने आप को वाम विरासत वाली पार्टी भी कह दिया और जनाधार बनाने के लिए कैडरों से आप से सीखने की सलाह भी दे दी।बाद में हालांकि उन्होने अगरतला से कोच्चिं पहुंचकर यह भी कह दिया कि आम आदमी पार्टी बुर्जुआ दलों का विकल्प बन सकती है, लेकिन यह वामपंथी दलों का नहीं। उन्होंने कहा कि 28 दिसंबर को दिल्ली में अल्पमत सरकार बनाने वाली आप पर अभी भी कोई राय बनाना बहुत जल्दबाजी है। करात ने यहां मीडिया से कहा,आप ने दिल्ली में अच्छा प्रदर्शन किया और यह एक महत्वपूर्ण ताकत है, लेकिन मैं अन्य राज्यों के लिए निश्चिंत नहीं हूं।


उन्होंने कहा,वे बुर्जुआ दलों के लिए विकल्प हो सकते हैं, वामपंथी दलों के नहीं। यह अच्छी बात है कि उन्होंने मध्य वर्ग से सहयोग लिया है। लेकिन हम उनसे उनके कार्यक्रमों और नीतियों का इंतजार कर रहे हैं। करात ने कहा कि महानगरों में माकपा का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा। हमें मध्य वर्ग की वर्तमान पीढी के साथ समस्या हो रही है और इसलिए माकपा और वामपंथियों ने खुद को अनुकूल बनाना शुरू कर दिया है।


आप के साथ वामपंथी दलों के गठबंधन के सवाल पर करात ने कहा कि ऎसा लगता है कि उन्हें गठबंधन में कोई दिलचस्पी नहीं है और इस समय वे खुद को स्थापित करने को लेकर चिंतित हैं। करात ने कहा,हमें नव उदारवादी नीतियों और सांप्रदायिकता पर उनका दृष्टिकोण जानने में दिलचस्पी है।


जाहिर है कि माकपा केरल लाइन के शिकंजे से बाहर निकली नहीं है।कामरेड महासचिव के ताजा फतवे से तो यह साबित हो रहा है।



ফেসবুক, ট্যুইটারের মতো সোস্যাল নেটওয়ার্কিং ও ব্লগিং সাইটে পার্টির নীতি বিষয়ক ইস্যুতে ক্যাডাররা নিজেদের মতামত জানান, লেখালেখি করুন, তা বিলকুল না-পসন্দ প্রকাশ কারাটের। এটা পার্টির শৃঙ্খলার পরিপন্থী বলে অভিমত জানিয়েছেন সিপিএম সাধারণ সম্পাদক। সংবাদ সংস্থা পিটিআইয়ের খবর, এখানে আজ তিনি সাংবাদিকদের বলেছেন, ইন্টারনেট সহ নানা নতুন ধরনের সোস্যাল মিডিয়ার রমরমা চলছে। কিছু কিছু পার্টি সদস্যও নিজেদের ফেসবুক অ্যাকাউন্ট খুলেছেন। তাঁরা পার্টির অভ্যন্তরীণ সমস্যা সংগঠনের ভিতরে আলোচনা করুন, সে ব্যাপারে সংবাদপত্র, প্রিন্ট মিডিয়ায় সাক্ষাত্কার দিন, আপত্তি নেই। তাতে শৃঙ্খলা ভঙ্গ হয় না। কিন্তু আমাদের অসংখ্য ভাল পার্টি সদস্য ফেসবুক, ট্যুইটারে খোলাখুলি ব্যক্তিগত মতামত দিচ্ছেন। তাঁরা মনে করছেন, তাঁদের নিজস্ব মতামত প্রকাশ করা যেতেই পারে। দুর্ভাগ্যজনক ব্যাপার হল, আমরা তাঁদের বোঝাতে পারিনি যে, সেটাও পার্টির শৃঙ্খলাভঙ্গ করাই হয়। এবার আমরা পার্টি সদস্যদের এটা বোঝানোর প্রক্রিয়া চালাচ্ছি যে, তাঁরা নিজস্ব মতামত প্রকাশ করুন পার্টির অভ্যন্তরেই, বাইরে নয়।

কারাতের কথা মেনে উন্নত প্রযুক্তিকে হাতিয়ার করে মতপ্রকাশ করা থেকে কতজন বিরত থাকেন, এখন সেটাই দেখার।


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