BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE 7

Published on 10 Mar 2013 ALL INDIA BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE HELD AT Dr.B. R. AMBEDKAR BHAVAN,DADAR,MUMBAI ON 2ND AND 3RD MARCH 2013. Mr.PALASH BISWAS (JOURNALIST -KOLKATA) DELIVERING HER SPEECH. http://www.youtube.com/watch?v=oLL-n6MrcoM http://youtu.be/oLL-n6MrcoM

Monday, July 30, 2012

Fwd: a report/article Communal politics begins under Samajwadi rule in Uttar Pradesh



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From: rajiv yadav <rajeev.pucl@gmail.com>
Date: 2012/7/30
Subject: a report/article Communal politics begins under Samajwadi rule in Uttar Pradesh
To: rajeev journalist <rajeevjournalistup@gmail.com>


सपा राज में शुरु हुई दंगों की राजनीति

यूपी के सपा राज में महीने दर महीने साम्प्रदायिक दंगों की रोज नई घटनाएं सामने आ रही हैं। अभी मथुरा के कोसी कला और प्रतापगढ़ के अस्थान के दंगों की आग बुझी भी नहीं थी कि बरेली फिर दंगों की आग में झुलस गया।

   दंगे की मुख्य वजह यह थी कि नमाजियों का कहना था कि नमाज के वक्त कावरिए तेज आवाज में लाउडर न बजाएं, पर वे माने नहीं। एक बार फिर पूर्व नियोजित फिरकापरस्त ताकतों ने पूरे शहर को दंगे में झोक दिया।
 
   गौर किया जाए तो इस इलाके में कावरियों को लेकर पिछले कई सालों से तनाव होते आ रहे हैं। दरअसल इसके पीछे हिन्दुत्वादी ताकतों का हाथ है। जिस तरह से शाहबाद इलाके में नमाज के वक्त तेज साउंड सिस्टम को बजाने व बंद करने को लेकर यह तनाव शुरु हुआ, ऐसा प्रयोग हिन्दुत्वादी शक्तियां आजादी के बाद ही नहीं उससे पहले भी करती रही हैं। तीस-चालीस के दशक में तो एक पूरा अभियान ही चलाया गया था कि जुमे की नमाज के वक्त मस्जिदों के सामने जाकर भजन-कीर्तन और नगाड़े बजाने का। उस दौर में इलाहाबाद के कर्नलगंज इलाके में हुए दंगे के गर्भ में भी यही साजिश थी। जिसमें मुख्य अभियुक्त के रुप में हिंदुत्ववादी मदन मोहन मालवीय थे।

   बरेली में दूसरे दिन यानी 23 जुलाई को भी दंगा अपनी गति में रहा पर दिन के उजाले में जो मंजर देखने को आया उसने साफ कर दिया कि समाजवादी पार्टी की सरकार दंगे पर काबू नहीं पाना चाहती। जहां एक ओर दंगे में मारे गए इमरान के जनाजे को रोका गया तो वहीं कावरियों के जत्थे को तेज आवाज के साउंड सिस्टम बजाते हुए कफर््यू क्षेत्र से पुलिस के प्रोत्साहन में निकाला गया।

इस मंजर पर बरेली कालेज के शिक्षक और पीयूसीएल नेता जावेद साहब की बातें चुभ जाती हैं कि यह 'मुस्लिम कफर््यू' है। बंद घरों में लोग अपने आंगन में आसमान में धुंआ उठता देखते हैं, और जलती दुकानों-घरों की आंच को महसूस करते हैं और अंदाजा लगाते हैं कि किसका आसियाना जला। एक लंबे समय अन्तराल के बाद पुलिस के सायरन की आवाजों के बीच फायर ब्रिगेड की घंटी की आवाज की टन-टनाहट उन्हें पागल कर देती है। यह सब उस सपा सरकार में हो रहा है, जिसके मुखिया मुलायम सिंह कहते हैं कि उन्हें मुसलमानों ने सौ  फीसदी वोट देकर सत्ता में लाया है।

23 जुलाई को ही प्रतापगढ़ के अस्थान गांव में भी प्रवीण तोगडि़या जाते हैं और खुलेआम मुस्लिमों के खिलाफ जहर उगलते हैं। पिछले महीने अस्थान में हुए दंगे में दर्जनों मुस्लिमों के घरों को दंगाइयों ने खाक कर दिया था। इस दंगे में प्रदेश के कारागार मंत्री रघुराज प्रताप सिंह राजा भैया के लोगों की भूमिका किसी से छिपी नहीं है। 

सपा के राज में एक बार फिर से हिन्दुत्ववादी ताकतें प्रायोजित तरीके से दंगें भड़कानें का काम कर रही हैं। फैजाबाद जो पिछले तीन दशक से सांप्रदायिक राजनीति की राजधानी बन गया है वहां भी 23 जुलाई की शाम दंगा भड़काने की कोशिश हुई। अयोध्या शहर से सटे हुए शहादतगंज के पास के गांव मिर्जापुर में नवाज के ऐन वक्त पुलिस मस्जिद में ताला जड़ देती है। भारी तनाव के बाद ईशा की नवाज तो अदा हो गई पर शहर एक बार फिर सांप्रदायिक हिंसा के अंदेशे से सहम गया। स्थानीय लोगों के मुताबिक इस मस्जिद की उम्र सौ साल से ज्यादा है। 22 जुलाई को अयोध्या में गोरखपुर के सांसद और हिंदू युवा वाहिनी के संचालक योगी आदित्यनाथ शहर में आए थे। शहर में हुए इस तनाव के पीछे भी हिन्दुत्वादी ताकतों का हाथ सामने आ रहा है।
सपा राज में हो रहे दंगों में प्रशासन की उदासीनता यह बताती है कि एक बार फिर से आम-आवाम के बीच सांप्रदायिकता का जहर घोल करके मूलभूत मुद्दों से भटकाने की राजनीति शुरु हो गई है।

राजीव यादव
प्रदेश संगठन सचिव पीयूसीएल
द्वारा- मो0 शोएब, एडवोकेट
एसी मेडिसिन मार्केट
प्रथम तल, दुकान नं 2
लाटूश रोड, नया गांव, ईस्ट
लखनऊ, उत्तर प्रदेश
मो0- 09452800752, 09415254919                                                       

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