BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE 7

Published on 10 Mar 2013 ALL INDIA BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE HELD AT Dr.B. R. AMBEDKAR BHAVAN,DADAR,MUMBAI ON 2ND AND 3RD MARCH 2013. Mr.PALASH BISWAS (JOURNALIST -KOLKATA) DELIVERING HER SPEECH. http://www.youtube.com/watch?v=oLL-n6MrcoM http://youtu.be/oLL-n6MrcoM

Wednesday, May 12, 2010

Fwd: [Hindi IWP] आज भी खरे हैं तालाब



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From: Hindi Water portal <hindi@lists.indiawaterportal.org>
Date: 2010/5/11
Subject: [Hindi IWP] आज भी खरे हैं तालाब
To: hindi@lists.indiawaterportal.org


हम कावेरी के बेटे-बेटी

Source: 
गांधी मार्ग
Author: 
महादेवन रामस्वामि

विश्व की सभी महान नदियां मानव-जाति की अनेक सुविख्यात सभ्यताओं की जन्म-भूमि रही हैं। इन नदियों के किनारे उभरी और विकसित हुई इन सभ्यताओं का अस्तित्व बस नदी से जुड़ा रहा है। नदी ने उन्हें दैनिक जीवन की आवश्यकताओं के लिए जल प्रदान किया है। पीने का पानी, निस्तार के लिए पानी, सिंचाई के लिए पानी, पशुओं के लिए पानी, ऊर्जा के लिए पानी क्या नहीं दिया इनने। नदी पर नाव द्वारा प्रयाण करके उन्होंने अपनी आसपास की दुनिया के बारे में जाना और अन्य क्षेत्रों, पास और दूर के समाजों के साथ संबंध बनाया। मौसम व समय के अनुसार बदलती नदी की प्रणाली को आधार बनाकर इन सभ्यताओं ने अपनी जीवन-शैली, अपने रीति-रिवाज, लोक-कथाओं व मान्यताओं को ऐसे सुंदर तरीके से 


आज भी खरे हैं तालाब

आज भी खरे हैं तालाबआज भी खरे हैं तालाबअपनी पुस्तक "आज भी खरे हैं तालाब" में श्री अनुपम जी ने समूचे भारत के तालाबों, जल-संचयन पद्धतियों, जल-प्रबन्धन, झीलों तथा पानी की अनेक भव्य परंपराओं की समझ, दर्शन और शोध को लिपिबद्ध किया है।

भारत की यह पारम्परिक जल संरचनाएं, आज भी हजारों गाँवों और कस्बों के लिये जीवनरेखा के समान हैं। अनुपम जी का यह कार्य, देश भर में काली छाया की तरह फ़ैल रहे भीषण जलसंकट से निपटने और समस्या को अच्छी तरह समझने में एक "गाइड" का काम करता है। अनुपम जी ने पर्यावरण और जल-प्रबन्धन के क्षेत्र में वर्षों तक काम किया है और वर्तमान में वे गाँधी शान्ति प्रतिष्ठान, नई दिल्ली के साथ कार्य 



पानी साफ करती जादुई फली

Author: 
भरतलाल सेठ

अमृता प्रीतम की एक कविता में सुहांजने के फूल का जिक्र है, उनकी कविता का सुहांजना देश के अलग-अलग जगहों पर सुरजना, सैजन और सहजन बन जाता है। सहजन की फली (ड्रमस्टिक) का वृक्ष किसी भी तरह की भूमि पर पनप सकता है और यह बहुत कम देख-रेख की मांग करता है। इसके फूल, फली और टहनियों को अनेक प्रकार से उपयोग में लिया जा सकता है। ये एक जादुई फली है। भोजन के रूप में यह अत्यंत पौष्टिकता प्रदान करती है और इसमें औषधीय गुण भी हैं। हाल ही में शोध समुदाय का ध्यान इसकी ओर आकर्षित हुआ है 

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Minakshi Arora
Chairperson
Water Community India
hindi.indiawaterportal.org
Delhi-91
91 9250725116

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Hindi mailing list
Hindi@lists.indiawaterportal.org
http://lists.indiawaterportal.org/cgi-bin/mailman/listinfo/hindi




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Palash Biswas
Pl Read:
http://nandigramunited-banga.blogspot.com/

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